रांची: बिहार सरकार ने शिक्षक बहाली में स्थानीय निवासी की अनिवार्यता को खत्म कर दिया है. इस फैसले के बाद बिहार में प्राथमिक, माध्यमिक और उच्च कक्षाओं के लिए 1.78 लाख पदों पर होने जा रही बहाली में दूसरे राज्यों के अभ्यर्थी भी शामिल हो सकेंगे. रिजर्वेशन के 60 प्रतिशत पद को छोड़ दें तो 1.78 लाख पद में से करीब 68 हजार पद पर दूसरे राज्यों के अभ्यर्थी भी मेरिट के आधार पर शिक्षक बन सकेंगे. नीतीश कैबिनेट ने बिहार राज्य अध्यापक नियुक्ति, स्थानांतरण और अनुशासनात्मक कार्रवाई सेवा शर्त नियमावली में संशोधन को मंजूरी दे दी है. नीतीश सरकार के इस फैसले से बिहार के अलावा झारखंड में भी राजनीति शुरू हो गई है.
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बिहारी करें आंदोलन,जेएसएसयू झारखंड देगा साथ: झारखंड में 60 40 नाय चलतो के नारे के साथ लगातार आंदोलन कर रहे झारखंड स्टेट स्टूडेंट्स यूनियन यानी जेएसएसयू के देवेंद्र कुमार महतो ने कहा कि इससे बिहार के स्थानीय गरीब छात्रों की हकमारी होगी. इसे हम अवसर के रूप में नहीं देखेंगे. ढोल बाजा नहीं बजाएंगे. बिहार के थर्ड और फोर्थ ग्रेड की नौकरी पर बिहारियों का हक है. उन्होंने कहा कि बिहार के छात्रों को सड़क पर उतरकर आंदोलन करना चाहिए. हमलोग बिहार के छात्रों का साथ देंगे. उन्होंने कहा कि पूर्व में बिहार की नौकरी बिहारियों के लिए क्यों रिजर्व थी.
पीएम बनने का ख्वाब देख रहे है नीतीश :जेएसएसयू के देवेंद्र कुमार महतो ने कहा कि यह एक राजनीतिक फैसला है. सब कुर्सी का खेल है. नीतीश कुमार पीएम बनने का ख्वाब देख रहे हैं. विपक्षी जुटान में झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन को भी मिल चुके हैं. वह खुद को नेशनल लीडर के रूप में प्रोजेक्ट करना चाह रहे हैं. इसी वजह से ऐसा फैसला लिया गया है. उन्होंने कहा कि झारखंड में हो रहे डैमेज को कंट्रोल करने के लिए नीतीश कुमार ने हेमंत सोरेन के पक्ष में ऐसा फैसला लिया है. उनसे कहा गया कि नीतीश कुमार की पार्टी स्पष्ट कर चुकी है कि नीतीश कुमार विपक्ष की तरफ से पीएम उम्मीदवार का चेहरा बनेंगे. फिर इस फैसले को राजनीति के चश्मे से कैसे देख सकते हैं. इसके जवाब में देवेंद्र महतो ने कहा कि राजनीतिज्ञों का कोई स्टैंड नहीं होता. ये लोग मौकापरस्त होते हैं. इनके बहकावे में झारखंड के युवा नहीं आएंगे. झारखंड में 60 40 नाय चलतो की लड़ाई जारी रहेगी.
बिहार का अंदरूनी मामला: बिहार सरकार के इस फैसले पर झामुमो नेता मनोज पांडेय ने भी प्रतिक्रिया दी है. ईटीवी भारत को उन्होंने फोन पर बताया कि यह बिहार का अंदरूनी मामला है. जहां तक झारखंड में 60 40 नाय चलतो वाली बात है तो यह कुछ भी नहीं है. इसके जरिए बीजेपी अपनी राजनीतिक रोटी सेंक रही है. यहां के युवाओं को दिग्भ्रमित कर रही है. भाजपा की पूर्ववर्ती सरकार के समय 50 प्रतिशत सीटों पर खेल हो रहा था. हमारी सरकार यहां के स्थानीय के साथ है. इसी वजह से क्षेत्रीय भाषा में क्वालीफाइंग का बैरियर लगाकर बाहरियों को रोक रही है. लेकिन भाजपा उसपर राजनीति कर रही है. वहीं सत्ता में शामिल कांग्रेस के प्रदेश प्रवक्ता राकेश कुमार सिन्हा ने कहा कि बिहार सरकार के इस फैसले पर पार्टी में मंथन चल रहा है. इसपर सही समय पर प्रतिक्रिया दी जाएगी. इस मसले पर प्रदेश भाजपा के अध्यक्ष दीपक प्रकाश ने कहा कि झामुमो स्थानीयता मसले पर टालमटोल कर रही है. यहां भी स्थानीय पर फैसला लेना चाहिए. उन्होंने कहा कि बिहार सरकार ने शिक्षक बहाली को लेकर क्या फैसला लिया है, उसकी उन्हें जानकारी नहीं है.