नई दिल्ली : चक्रवात से जुड़ी सूचना और उससे बचाव की गतिविधियों के बारे में आम लोगों, आपदा प्रबंधकों आदि को सटीक जानकारी पहुंचाने के लिये भारत मौसम विज्ञान विभाग (आईएमडी) और राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (एनडीएमए) एक ऐप तैयार कर रहे हैं.
भारत मौसम विज्ञान विभाग के महानिदेशक मृत्युंजय महापात्र ने बताया, इस ऐप का मकसद चक्रवात की चेतावनी से जुड़ी नवीनतम सूचनाएं उपलब्ध कराना है . यह वेब आधारित ऐप होगा जो डायनेमिक कंपोजिट रिस्क एटलस पर आधारित होगा.
उन्होंने बताया कि डायनेमिक कंपोजिट रिस्क एटलस वह मानचित्र है जिसमें भूस्थैतिक एवं जनसंख्या संबंधी आंकड़ों के आधार पर तटीय भूभाग पर चक्रवात संभावित क्षेत्रों को दर्शाया जाता है ताकि आधारभूत ढांचे, आर्थिक एवं अन्य नुकसान से बचा जा सके.
उन्होंने कहा कि इस ऐप पर काम चल रहा है . यह ऐप पहले से मौसम संबंधी जानकारी देने वाले अन्य माध्यमों के अलावा चक्रवात पर विशिष्ट रूप से केंद्रित होगा .
उल्लेखनीय है कि भारत मौसम विज्ञान विभाग और राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन प्राधिकरण ने राष्ट्रीय चक्रवात शमन परियोजना के तहत चक्रवात संभावित तटीय राज्यों में उपयोग के लिये डायनेमिक कंपोजिट रिस्क एटलस प्रणाली विकसित की है.
चक्रवातीय घटनाओं पर पृथ्वी विज्ञान मंत्रालय द्वारा प्रकाशित जलवायु परिवर्तन मूल्यांकन संबंधी नवीनतम रिपोर्ट में कहा गया है कि बीसवीं सदी के मध्य (1951-2018) से उत्तरी हिंद महासागर में उष्णदेशीय चक्रवात की वार्षिक आवृति में कमी आई है. इसके विपरीत पिछले दो दशकों में मानसून के बाद अति प्रचंड चक्रवाती तूफान की संख्या में अधिक वृद्धि हुई है.