प्राकृतिक आपदाएं, महामारी सभी एक साथ हमला कर रहे हैं और मानव जाति के अस्तित्व पर सवाल उठा रहे हैं. सरकारें इन तकलीफदेह हालात से निपटने में सक्षम नहीं हैं, लड़ना दूर की बात है सामना करना भी मुश्किल है!! एक ओर, कोरोना महामारी को संभालना कठिन हो गया है और दूसरी तरफ हम लगातार तूफान और भारी बारिश के आगे मजबूर हैं जो स्थितियों को और जटिल बना देते हैं. लगातार बढ़ता सर्दी का मौसम दुनिया भर के कई देशों में कोविड के प्रकोप की दूसरी लहर को तेजी से आगे बढ़ा रहा है. यूरोप में कोरोना का कहर दो गुना बढ़ गया है.
ब्रिटेन के प्रधानमंत्री बोरिस जॉनसन, जो पहले ही कोरोना वायरस से संक्रमित हो चुके थे, उन्हें आत्म-संगरोध में वापस जाने पर मजबूर होना पड़ा है. हमारे देश में पश्चिम बंगाल में तबाही मचाने वाले हालिया आमफान तूफान ने स्थानीय सरकार को मुश्किल में डाल दिया है. जलवायु परिवर्तन से उत्पन्न खतरे के अलावा, तृणमूल सरकार को कोविड संकट की गंभीरता चुनौती दे रही है. अफ्रीकी मौसम विज्ञानियों के अनुसार जलवायु परिवर्तन सभी प्रकार के खतरों की गंभीरता को बढ़ा रहा है.
महामारी का कारण जलवायु परिवर्तन
इन परिवर्तनों के कारण आए तूफान और भारी बारिश ने अस्पताल की सेवाओं को बाधित करने के अलावा भोजन, ताजे पानी और बिजली की आपूर्ति को बाधित किया है. यह सब महामारी के खतरों को बढ़ा रहा है. विशेषज्ञों का कहना है कि कई प्रकार की महामारियां वास्तव में जलवायु परिस्थितियों में आये विभिन्न परिवर्तनों के कारण होती हैं.
संक्रमण का जोखिम
तेलुगु राज्यों में हाल ही में हुई भारी बारिश ने राज्य भर में सीवर प्रणाली में होने वाली गड़बड़ी को उजागर कर दिया है. जलमार्गों को अवरुद्ध करते हुए जो निर्माण किए गए उनके कारण ज्यादा परेशानी हुई. एक बार फिर एक महामारी का खतरा उन स्थितियों में दिखाई दिया जहां सभी बाढ़ पीड़ित तूफान के दौरान एक जगह पर शरण लिए हुए थे. दस्त और हैजा जैसे संक्रमणों के जोखिम के बारे में भी चिंता है.
आपातकालीन चिकित्सा की जरूरत
स्वास्थ्य विशेषज्ञों का अनुमान है कि पर्याप्त पानी की आपूर्ति और स्वच्छता की कमी के कारण महामारी अन्य संक्रमणों के साथ और ज्यादा तीव्रता से फैल जाएगी. यहां तक कि इस तरह के मामलों का इलाज करने के लिए एक विलक्षण समाधान भी संभव नहीं है, विकसित देशों में तो फिर भी कुछ हद तक बचाव करना संभव था, जैसे कि तूफान से बचाव केंद्रों में मास्क देना, कोविड के लिए परीक्षण करना और पीड़ितों को आपातकालीन चिकित्सा देना.
शारीरिक दूरी बनाये रखना असंभव !