नई दिल्ली :इंडियन मेडिकल एसोसिएशन (आईएमए) के मुताबिक बिहार, तमिलनाडु, दिल्ली और उत्तर प्रदेश जैसे राज्यों में कोरोना वायरस संक्रमण के कारण सैकड़ों डॉक्टरों की मौत हुई है. ये शीर्ष चार राज्य हैं, जहां डॉक्टर सबसे ज्यादा कोरोना संक्रमण का शिकार हुए हैं.
इंडियन मेडिकल एसोसिएशन (आईएमए) ने कहा है कि महामारी के दौरान 1500 से अधिक डॉक्टरों की मौत हुई है. आईएमए का दावा है कि कोविड -19 महामारी से लड़ते हुए पूरे भारत में कुल 1594 डॉक्टरों की मौत हुई है. इंडियन मेडिकल एसोसिएशन (आईएमए) द्वारा संकलित नवीनतम आंकड़ों में कहा गया है कि बिहार में कोविड-19 महामारी की दोनों लहरों के दौरान 155 डॉक्टरों की मृत्यु हुई है.
आईएमए के महासचिव डॉ. जयेश एम लेले ने 'ईटीवी भारत' से कहा कि पिछले साल दिसंबर तक पहली लहर के दौरान बिहार में 40 डॉक्टरों की मौत हुई थी, जबकि इसके बाद 115 और डॉक्टरों की मौत हुई.
'दूसरी लहर ज्यादा घातक साबित हुई'
डॉ. जयेश एम लेले ने कहा कि पहली लहर की तुलना में दूसरी लहर अधिक खतरनाक साबित हुई है. डॉक्टरों की तुलनात्मक रूप से अधिक मौत हुई है. उन्होंने कहा कि कुछ राज्यों में पहली लहर की तुलना में दूसरी लहर के दौरान डॉक्टरों की कम मौत हुई है. आंकड़ों में कहा गया है कि तमिलनाडु में पहली लहर में 90 और दूसरी लहर में 64 के साथ कुल 154 डॉक्टरों ने अपनी जान गंवाई.
डॉ. लेले ने कहा, दिल्ली में पहली लहर में 22, दूसरी लहर में 128 डॉक्टरों की मौत हुई है. यानी कुल मिलाकर 150 डॉक्टर ने संक्रमण के चलते जान गंवाई है. उत्तर प्रदेश ने अब तक 145 डॉक्टरों की मौत दर्ज की गई है. यहां पहली लहर में 66 और दूसरी लहर में 79 डॉक्टरों की मौत हुई है.