गिरिडीह : झारखंड के गिरिडीहजिले में पत्थर, कोयला और अभ्रक का बड़े पैमाने पर अवैध खनन किया जाता है. इन खदानों के लिए जरूरी विस्फोटक अवैध तरीके से कोडरमा-रामगढ़ के इलाके से यहां लाए जाते हैं. इस काम के लिए संगठित गिरोह सक्रिय हैं. ऐसे मामलों में कई लोगों की गिरफ्तारी भी हुई है. लेकिन इससे न तो नेटवर्क टूट पाया और न ही सरगना हाथ आया. हालांकि, गिरिडीह एसपी का कहना है कि इस तरह के खतरनाक पदार्थों की सप्लाई करने वाले नेटवर्क को तोड़ने की कोशिश जारी है.
जानकारी के मुताबिक, गिरिडीह खनिज संसाधनों पर माफिया की नजर है. वे अवैध रूप से यहां पाए जाने वाले पत्थर, कोयला, अभ्रक, बैरल पत्थर (पन्ना, नीलम, पुखराज), सफेद पत्थर जैसे खनिज का खनन कराते हैं. इनमें से पत्थर और अभ्रक के खनन के लिए विस्फोटक की आवश्यकता होती है. चूंकि विस्फोटकों को लाना, संग्रह करना और विस्फोट करने को लेकर सरकारी स्तर पर काफी सख्त नियम हैं. ऐसे में यहां विस्फोटकों की आपूर्ति भी अवैध तरीके से होती है.
अवैध तरीके से लाए गए विस्फोटक का उपयोग अवैध माइंस संचालक करते हैं. वहीं, लीगल तरीके से माइंस का संचालन करने वालों में से कई संचालक अवैध विस्फोटक का उपयोग कर रहे हैं. इसका खुलासा कई दफा हो चुका है. ज्यादातर खुलासों के बाद गिरफ्तारी हुई है, लेकिन बड़े माफिया अभी भी पुलिस की पकड़ से बाहर हैं.
तिसरी में विस्फोटक से मकान हो गया था जमींदोज
इस बार तिसरी के खिड़कियां मोड़ के समीप डेटोनेटर और जिलेटिन की वजह से हुए विस्फोट में एक मकान के जमींदोज हो गई थी. इस मामले में चार लोगों की जान चली गई थी. जिसके बाद जिले की पुलिस काफी एक्टिव दिख रही है. इस कांड में दो लोगों को गिरफ्तार कर अब तक जेल भेज चुकी है. हालांकि, इस बार भी यही सवाल उठ रहा है कि क्या पुलिस के हाथ बड़े माफिया और सप्लायर के गिरेबां तक पहुंच पाएंगे.
तीन की पहले भी हो चुकी है मौत
खिड़कियां मोड़ की घटना से पहले भी गिरिडीह में अवैध विस्फोटकों के कारण एक साथ तीन लोगों की जान जा चुकी है. इससे पहले मई 2019 को जिले के गांडेय में हादसा हुआ था. उस वक्त गांडेय प्रखंड के पंदनाटांड गांव में बाइक की डिक्की से डेटोनेटर और जिलेटिन निकालने के क्रम में विस्फोट हो गया था. इस घटना में तीन लोगों की मौत हो गई थी.