मंडी:हिमाचल प्रदेश में आईआईटी मंडी के एक शोध में एक चौंकाने वाली बात सामने आई है. रिसर्च के तथ्यों पर नजर डाले तो यह पंजाब के लिए खतरे की घंटी है. आईआईटी मंडी के रिसर्च अनुसार पंजाब की 94 प्रतिशत आबादी अपनी जरूरतों को पूरा करने के लिए जिस भूजल का इस्तेमाल करती है, वह भूजल दूषित हो चुका है. जिसकी वजह पंजाब में बहुत सी बीमारियां फैल रही हैं.
आईआईटी मंडी के एक शोध में इस चौंकाने वाला खुलासा हुआ है. इस शोध को आईआईटी मंडी के स्कूल ऑफ सिविल एंड एनवायर्नमेंटल इंजीनियरिंग के एसोसिएट प्रोफेसर डॉ. डेरिक्स प्रेज़ शुक्ला ने किया है और इस शोध में उनका सहयोग पीएचडी की छात्रा हरसिमरनजीत कौर रोमाना ने किया है, जो मूल रूप से पंजाब की निवासी हैं. शोध में बीते 20 सालों का डाटा अध्ययन किया गया. जिसमें पाया गया कि पंजाब के भूजल का स्तर लगातार गिर रहा है और अब यह स्तर इतना नीचे जा चुका है कि पानी की गुणवत्ता खराब हो चुकी है.
शोध में यह भी बात सामने आई है कि पंजाब के दक्षिण-पश्चिमी क्षेत्र में पानी की गुणवत्ता में काफी गिरावट आई है. जबकि हिमालयी नदियों द्वारा पोषित उत्तर-पूर्वी क्षेत्रों में पानी की गुणवत्ता तुलनात्मक रूप से बेहतर है. पंजाब की 74 फीसदी से अधिक खेती की सिंचाई आवश्यकता भी भूजल से ही पूरी होती है. पंजाब में बहुत बड़े स्तर पर खेती की जा रही है. उसमें तरह-तरह के रसायनों का इस्तेमाल किया जाता है. यह रसायन भी अब भूजल में जाकर शामिल हो गए हैं.