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Rajasthan : अमेरिकी यूनिवर्सिटी के सहयोग से बनने वाले जेआरसी में IIT Jodhpur की होगी भागीदारी

आईआईटी काउंसिल और एसोसिएशन ऑफ अमेरिकन यूनिवर्सिटीज के प्रतिनिधित्व वाले भारतीय विश्वविद्यालयों के बीच एमओयू हुआ है. इसके तहत अब जोधपुर आईआईटी आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस पर बफेलो स्टेट यूनिवर्सिटी ऑफ न्यूयॉर्क के साथ मिलकर काम करेगा.

IIT Jodhpur will participate in JRC
IIT Jodhpur will participate in JRC

By ETV Bharat Hindi Team

Published : Sep 9, 2023, 1:56 PM IST

जोधपुर. जी 20 सम्मेलन में भाग लेने आए अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के बीच शुक्रवार को द्विपक्षीय वार्ता हुई. वहीं, वार्ता के बाद जारी बयान में दोनों देशों के बीच बहु-संस्थागत सहयोगात्मक शिक्षा साझेदारियों के तहत भारतीय प्रोद्योगिकी संस्थानों को अमेरिका ने शुरुआती दौर में 10 मिलियन डालर का अनुदान देने की बात कही है. इसके लिए भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान परिषद (आईआईटी काउंसिल) और एसोसिएशन ऑफ अमेरिकन यूनिवर्सिटीज (एएयू) के प्रतिनिधित्व वाले भारतीय विश्वविद्यालयों के बीच एमओयू हुआ है.

इसके तहत जोधपुर आईआईटी में भी आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस पर बफेलो स्टेट यूनिवर्सिटी ऑफ न्यूयॉर्क के साथ काम होगा. इतना ही नहीं आईआईटी कानपुर, आईआईटी जोधपुर, आईआईटी बीएचयू और आईआईटी दिल्ली भी बफेलो में स्टेट यूनिवर्सिटी ऑफ न्यूयॉर्क के साथ मिलकर ज्वाइंट रिसर्च सेंटर बनाएंगे.

अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन और पीएम मोदी के बीच हुई द्विपक्षीय वार्ता

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मार्च में यूनिवर्सिटी के साथ हुआ एमओयू -आईआईटी जोधपुर के साथ मिलकर आईआईटी-यूबी जॉइंट सेंटर ऑफ एक्सीलेंस इन अर्टिफिशियल इंटेलिजेंस एंड डाटा साइंस बनाने के लिए मार्च में बफेलो यूनिवर्सिटी के प्रोफेसरों की एक टीम यहां आई थी. उन्होंने आईआईटी जोधपुर में विभिन्न विषयों के संकाय सदस्यों से आपसी सहयोग के कई प्रोजेक्ट पर विमर्श किया. साथ ही एक संयुक्त केंद्र बनाने के लिए सहमति करार पर आईआईटी जोधपुर के निदेशक प्रो. शांतनु चौधरी और बफेलो विश्वविद्यालय की ओर से प्रोफेसर ए स्कॉट वेबर के बीच एमओयू पर हस्ताक्षर हुए थे.

इसे अब मूर्त रूप आईआईटी काउंसिल और एएयू के साथ एमओयू से मिला है. अब इस पर काम भी शुरू होगा. इसके तहत दोनों देशों के शैक्षिक, वैज्ञानिक, औद्योगिक, सामाजिक और सांस्कृतिक हितों और अन्य जरूरतों को पूरा करने में सहयोग किया जाएगा. साथ ही अनुसंधान के उद्देश्य से छात्रों और संकाय के सदस्यों का आदान-प्रदान भी होगा.

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