जोधपुर.आईआईटी जोधपुर के वैज्ञानिकों ने घरों में शुद्ध हवा सुनिश्चित करने के लिए कोल्ड-प्लाज्मा डिटर्जेंट इन एनवायरनमेंट (कोड) डिवाइस विकसित किया है. यह एक तरह का एअर प्यूरीफायर है, जो हवा में मौजूद 99.99 फीसदी हानिकारक विषाणुओं को निष्क्रिय करने में सक्षम है. करीब तीन साल के शोध के बाद आईआईटी ने अपनी इंक्यूबेटेड एक स्टार्टअप कंपनी के मार्फत इसे लांन्च किया है. खास बात यह है कि इसका उपयोग भविष्य में घरों, बाजार, मॉल, कार में लगने वाले एसी के साथ इबिल्ड कर भी किया जा सकेगा. इस शोध के परिणाम दुनिया के प्रतिष्ठित नेचर साइंटिफिक रिपोर्ट्स जर्नल में प्रकाशित किए गए हैं. जल्द ही इसका व्यावसायिक उत्पादन शुरू होगा.
इस तकनीक के अविष्कारक आईआईटी के फिजिक्स विभाग के प्रो. राम प्रकाश ने बताया कि हमने कोविड महामारी के दौरान घर के वातावरण को शुद्ध करने के लिए इस पर काम करना शुरू किया था. तीन साल की मेहनत के बाद हमने नॉवेल कोड प्रौद्योगिकी पर आधारित इंडोर एयर स्टेरिलाइजर्स तैयार किए हैं. यह जल्द बाजार में भी उपलब्ध होंगे. उनहोंने बताया कि इस कोड डिवाइस के कई लाभ हैं. खास तौर से अस्पतालों में संक्रमण को कम करने के लिए बहुत ही उपयोगी साबित होगा. इस शोध से जुडे प्रो. अंबेश दीक्षित ने बताया कि इसका उपयोग हम आफिसेज, घर, पब्लिक प्लेस, स्कूल्स, कॉलेज, बड़े शॉपिंग मॉल, टैक्सियां, ट्रेनें, सिनेमा हॉल व पब्लिक हॉल में कर सकेंगे. इस तकनीकी से इंडोर प्लेसेज में गुणवत्ता से भरपूर एक शुद्ध वातावरण बनाया जा सकता है.
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8 गुना ज्यादा ऑक्सीजन लेते हैं :विश्व स्वास्थ्य संगठन के अनुसार वायु प्रदूषण मुख्य रूप से पुरानी बीमारियों के खतरों को बढ़ाने के पांच कारणों में से एक है. हम भोजन की तुलना में 8 गुना अधिक और पानी की तुलना में चार गुना अधिक ऑक्सीजन या हवा को ग्रहण करते हैं. इंडोर जगहों पर ऑक्सीजन में आमतौर पर बाहरी हवा की तुलना में लगभग 2 से 5 गुना अधिक प्रदूषण होता है. हर साल हम देख रहे हैं कि एक नये बैक्टीरिया या वायरस की उत्पत्ति हो रही है, जिससे बीमारियां और महामारी उत्पन्न हो रहीं है. ऐसे में हवा में सक्रमण कम करने में यह उपयोगी है.
ये हैं विशेषताएं