हैदराबाद :अभी तक हम रिमोट के जरिये इंसानों को ले जाने वालों के बारे में तो आपने सुना होगा लेकिन यदि रेलवे स्टेशन या बस स्टॉप पर कोई साइकिल आपके पास आती है और आपको उस स्थान पर ले जाती है जहां आप बिना सवारी किए जाना चाहते हैं तो आपको क्या लगता है कि यह संभव है? इसे साकार करने के लिए आईआईटी हैदराबाद के द्वारा इन दिनों शोध किया जा रहा है. इसी कड़ी में IIT हैदराबाद ने मानव और चालक रहित साइकिल ले जाने वाले ड्रोन का आविष्कार किया है.
बता दें कि केंद्रीय विज्ञान और प्रौद्योगिकी विभाग देश भर के आईआईटी को कुछ प्रोजेक्ट दे रहा है और शोध कर रहा है. इसी के तहत IIT हैदराबाद को 135 करोड़ रुपये प्रदान किए गए थे. इस पर यहां पर ऐसे वाहनों को डिजाइन करने का प्रयास चल रहा है जो बिना चालकों के जमीन पर, पानी में या आसमान में उतर सकते हैं. इतना ही नहीं एक हफ्ते में दो लोगों को ले जाने में सक्षम ड्रोन का परीक्षण करने की भी तैयारी की जा रही है.
हालांकि कुछ वर्षों से इस विषय पर शोध कर रहे विशेषज्ञ इसे आईआईटी परिसर में प्रायोगिक तौर पर इसे प्रस्तुत करेंगे. यह ड्रोन बिना ड्राइवर के इंसानों को जीपीएस आधारित गंतव्य तक ले जाएगा. यदि प्रयोग सफल होता है, तो चयनित क्षेत्रों में उनका उपयोग करने पर ध्यान केंद्रित किया जाएगा. वहीं स्वायत्त नेविगेशन सिस्टम विकसित करने वाले IIT शोधकर्ता ड्राइवर रहित साइकिल को भी उपलब्ध कराने के लिए काम कर रहे हैं. अगर हम बस या रेलवे स्टेशन पर उतरकर साइकिल पर जाना चाहते हैं ... पार्किंग में साइकिल अपने आप हमारे पास आ जाएगी. इतना ही नहीं साइकिल पर चढ़ने के बाद अगर हम उसे बता दें कि कहां जाना है तो यह हमें बिना सवारी किए सीधे हमारे गंतव्य तक ले जाती है. हालांकि इसके परीक्षण करने में कुछ और समय लगेगा.
इस बारे में प्रबंधन ने बताया कि IIT हैदराबाद ने एक चालक रहित वाहन विकसित किया है.साथ ही यह भी बताया गया कि केंद्रीय विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी राज्य मंत्री जितेंद्र सिंह चार जुलाई को यहां पहुंचेंगे. इस दौरान वह इस चालक रहित वाहन से एक किलोमीटर की दूरी तय करेंगे. वहीं आईआईटी हैदराबाद के निदेशक आचार्य बीएस मूर्ति ने बताया कि यहां हम विज्ञान और प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में अद्भुत शोध कर रहे हैं. उन्होंने कहा कि अगले दस वर्षों में कई सफलताएं मिल सकेंगी क्योंकि यहां के युवा प्रोफेसर और एक हजार से अधिक शोध छात्रों के द्वारा मैकेनिकल, डिजाइन, इलेक्ट्रॉनिक्स विभागों की मदद से हमने चालक रहित वाहन और मानवयुक्त ड्रोन विकसित किए हैं. मूर्ति ने कहा कि इनकी जांच के लिए व्यवस्था की गई है. ये ड्रोन लोगों को पहाड़ी क्षेत्रों में निर्दिष्ट क्षेत्रों में और आपात स्थिति में जहां सड़क की सुविधा नहीं है, वहां पहुंचाने के लिए अच्छा काम करते हैं.
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