बेंगलुरु :इंसान के दिमाग में सूचनाओं को याद रखने की उल्लेखनीय क्षमता होती है, लेकिन कभी-कभी वे स्पष्ट अंतरों को भी नोटिस करने में विफल हो सकते हैं. उदाहरण के लिए, नीचे दी गई छवि में हो सकता है कि कुछ लोगों का दाहिनी ओर दिख रहे टायर के आकार के अंतर पर ध्यान तुरंत न जाए.
दृश्य परिवर्तन या 'परिवर्तित अंधापन' (Change Blindness) का अध्ययन बेंगलुरु स्थित भारतीय विज्ञान संस्थान (IISc) के सेंटर फॉर न्यूरोसाइंस तथा कंप्यूटर विज्ञान एवं स्वचालन विभाग के शोधकर्ताओं द्वारा किया गया है.
यह अध्ययन पीएलओएस कम्प्यूटेशनल बायोलॉजी (PLoS Computational Biology) में प्रकाशित हुआ है. जिसमें शोधकर्ताओं ने आंखों की गति का एक नया कम्प्यूटेशनल मॉडल विकसित किया है, जिससे किसी व्यक्ति के आंखों के दृश्य वातावरण में परिवर्तन का अनुमान लग सकता है.
शोधकर्ताओं का मानना है कि सफल परिवर्तन का पता लगाने के लिए बेहतर दृश्य ध्यान से जोड़ा जा सकता है कि कैसे कुछ लोग विशिष्ट वस्तुओं पर चुनिंदा रूप से ध्यान केंद्रित करने में बेहतर होते हैं.
अध्ययन के दौरान, शोधकर्ताओं ने सबसे पहले 39 लोगों के बीच दो चमकती तस्वीरों को दिखाकर परिवर्तित अंधापन की जांच की, जिनके बीच मामूली अंतर था.
सेंटर फॉर न्यूरोसाइंस विभाग में एसोसिएट प्रोफेसर और शोधकर्ता श्रीधरन देवराजन ने बताया कि हमें उन विषयों के बीच आंखों की गति के पैटर्न में कुछ जटिल अंतर की उम्मीद थी, जो कार्य को अच्छी तरह से कर सकते थे और जो नहीं कर सकते थे. इसके बजाय, हमें कुछ बहुत ही सरल गेज-मेट्रिक्स मिले जो परिवर्तन का पता लगाने की सफलता की भविष्यवाणी कर सकते हैं.
सफल परिवर्तन का पता लगाना दो मीट्रिक से जुड़ा हुआ पाया गया- विषयों की टकटकी एक बिंदु पर कितनी देर तक टिकी रही, और दो विशिष्ट बिंदुओं के बीच उनके टकटकी द्वारा लिए गए पथ में परिवर्तनशीलता.