नई दिल्ली/चेन्नई : उच्चतम न्यायालय ने पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी हत्याकांड में उम्रकैद की सज़ा काट रहे नलिनी श्रीहरन और आर. पी. रविचंद्रन समेत छह दोषियों को समय से पहले रिहा करने का शुक्रवार को निर्देश दिया. न्यायालय ने इस तथ्य पर भी गौर किया कि तमिलनाडु सरकार ने दोषियों को सजा में छूट देने की सिफारिश की है. इस मामले में नलिनी, रविचंद्रन के अलावा चार दोषियों संतन, मुरुगन, पेरारिवलन, रॉबर्ट पायस और जयकुमार को जेल से रिहा किया गया था.
सुप्रीम कोर्ट का फैसला संबंधित जेलों को ई-मेल के जरिए भेजा जाएगा. इसके बाद कैदी को छोड़ दिया जाएगा. शुक्रवार को रात 8 बजे तक ई-मेल से फैसला नहीं आया है. इसलिए, उनके आज (12 नवंबर) को रिलीज होने की उम्मीद है. बताया जाता है कि जेल विभाग के नियमों के मुताबिक कैदियों को शाम छह बजे के बाद रिहा करने की इजाजत नहीं है. बताया गया है कि सुप्रीम कोर्ट का फैसला संबंधित जेलों में ई-मेल के जरिए पहुंचते ही उन्हें तुरंत रिहा कर दिया जाएगा.
बता दें कि सुप्रीम कोर्ट ने राजीव गांधी हत्याकांड में उम्रकैद की सजा काट रहे नलिनी श्रीहरन और आरपी रविचंद्रन समेत छह दोषियों को समय से पहले रिहा करने का निर्देश दिया है. न्यायाधीश बीआर गवई और न्यायाधीश बीवी नागरत्ना की पीठ ने शुक्रवार को फैसला सुनाते हुए कहा कि मामले के दोषियों में से एक एजी पेरारिवलन के मामले में शीर्ष अदालत का पहले दिया गया फैसला इनके मामले में भी लागू होता है.
पीठ ने कहा, 'जहां तक हमारे समक्ष आए आवेदकों का संबंध है, तो उनकी फांसी की सजा को देरी के कारण उम्रकैद में बदल दिया गया था. हम निर्देश देते हैं कि यह मान लिया जाए कि सभी अपीलकर्ताओं ने अपनी सज़ा काट ली है. इस प्रकार आवेदकों को रिहा करने का निर्देश दिया जाता है, जब तक कि किसी अन्य मामले में जरूरत नहीं है.'
नलिनी के घर पर जश्न:सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी की हत्या मामले में दोषी नलिनी श्रीहरन के वेल्लोर स्थित घर पर लोगों ने जश्न मनाया. नलिनी के समर्थकों ने उनके आवासा पास पटाखे फोड़े और मिठाई बांटी.
नलिनी के वकील ने फैसले पर खुशी जताई: पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी की हत्या के मामले में नलिनी श्रीहरन सहित छह दोषियों को रिहा करने के शीर्ष अदालत के फैसले को नलिनी के वकील पी. पुगालेंथी ने खुशी प्रदान करने वाला बताया. शीर्ष न्यायालय के रिहाई के आदेश पर प्रतिक्रिया देते हुए नलिनी के वकील ने तमिल में 'मग्जहची' शब्द कहा, जिसका अर्थ 'खुशी' है. पुगालेंथी ने कहा, 'शीर्ष न्यायालय का फैसला यह याद दिलाता है कि राज्यपाल को मंत्रिमंडल की सिफारिश पर काम करना चाहिए और कैदियों को रिहा करना चाहिए.