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G20 Summit की आलोचना पर जयशंकर का तंज- अगर किसी को लुटियंस दिल्ली में ही रहना है तो यह उसका विशेषाधिकार है - नाटो समाचार

विदेश मंत्री एस जयशंकर ने न्यूज एजेंसी 'एएनआई' से बातचीत के दौरान उन आलोचनाओं का जवाब दिया जिसमें कहा जा रहा था कि इतने बड़े पैमाने पर जी20 के आयोजन की क्या आवश्यकता थी. पढ़ें पूरी खबर...

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विदेश मंत्री एस जयशंकर की फाइल फोटो

By ETV Bharat Hindi Team

Published : Sep 6, 2023, 10:40 AM IST

Updated : Sep 6, 2023, 12:26 PM IST

नई दिल्ली :विदेश मंत्री (ईएएम) एस जयशंकर ने जी20 आयोजनों के पैमाने पर सवाल उठाने के लिए विपक्ष को निशाने पर लिया है. एएनआई से बात करते हुए विदेश मंत्री एस जयशंकर ने कहा कि अतीत में सरकारें प्रभाव क्षेत्र को सीमित रखने का विकल्प चुनती थीं. उन्होंने कहा कि अगर किसी को लगता है कि वे लुटियंस दिल्ली में सबसे अधिक आराम में हैं या वह विज्ञान भवन से ज्यादा दूर नहीं जा सकते तो यह उनका विशेषाधिकार है.

उन्हें इसी दायरे में रहना है, यही उनकी दुनिया थी. लेकिन अब एक अलग सरकार है, जो एक अगल विचार प्रक्रिया के तहत एक अलग युग का निर्माण कर रही है. विदेश मंत्री ने कहा कि इससे पहले जितनी भी शिखर बैठकें हुईं वह संभवतः विज्ञान भवन यह बहुत हुआ तो उसके एक-दो किलोमीटर के दायरे में होकर रह गईं.

विदेश मंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी चाहते हैं कि पूरे देश में जी20 की भागीदारी और स्वामित्व की भावना हो. उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री ने महसूस किया, और हम सभी ने उस दिशा में काम किया है, कि जी20 एक ऐसी चीज है जिसे एक राष्ट्रीय प्रयास के रूप में माना जाना चाहिए. जिसमें भारत के विभिन्न हिस्सों में भागीदारी की भावना होनी चाहिए. विदेश मंत्री ने कहा कि यह कुछ ऐसा है जो वास्तव में, गैर-पक्षपातपूर्ण रहा है. यदि आप G20 आयोजनों को देखें. इसका अधिकांश आयोजन उन राज्यों में किया गया जहां भाजपा सरकारों का शासन नहीं है.

मंत्री ने कहा कि एक अर्थ में, पूरा विचार जी20 को और अधिक सहभागी बनाने, विभिन्न शहरों, विभिन्न राज्यों, विभिन्न व्यवसायों और पीढ़ियों को भागीदारी और स्वामित्व की भावना देने के लिए लोकतांत्रिक बनाना है. विदेश मंत्री ने कहा कि इस तरह के आयोजनों के लिए मानसिकता में बदलाव लाने की जरूरत थी जिसके बाद चीजें सही दिशा में आगे बढ़ीं.

उन्होंने कहा कि मुझे लगता है कि यह मूल रूप से एक मानसिकता है. यह प्रधानमंत्री की मानसिकता है, यह भाजपा की मानसिकता है, यह सरकार की मानसिकता है. उन्होंने कहा कि यह एक अधिक लोकतांत्रिक मानसिकता है, एक ऐसी मानसिकता जहां आपको लगता है कि एक शहर में एक छोटा सा गुट नहीं होना चाहिए जो सब कुछ नियंत्रित करता है.

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जयशंकर ने इस बात पर जोर दिया कि बदलती दुनिया में जी20 की विशेष रुचि है. उन्होंने कहा कि जी-20 बैठक की तुलना नाटो बैठक, एसईओ बैठक, ब्रिक्स बैठक, क्वाड बैठक या संयुक्त राष्ट्र बैठक जैसी किसी भी अन्य बैठक से करें. उन्होंने कहा कि दुनिया आज मानती है कि इस सभा का बहुत ही असाधारण महत्व है.

(एएनआई)

Last Updated : Sep 6, 2023, 12:26 PM IST

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