नई दिल्ली :विदेश मंत्री (ईएएम) एस जयशंकर ने जी20 आयोजनों के पैमाने पर सवाल उठाने के लिए विपक्ष को निशाने पर लिया है. एएनआई से बात करते हुए विदेश मंत्री एस जयशंकर ने कहा कि अतीत में सरकारें प्रभाव क्षेत्र को सीमित रखने का विकल्प चुनती थीं. उन्होंने कहा कि अगर किसी को लगता है कि वे लुटियंस दिल्ली में सबसे अधिक आराम में हैं या वह विज्ञान भवन से ज्यादा दूर नहीं जा सकते तो यह उनका विशेषाधिकार है.
उन्हें इसी दायरे में रहना है, यही उनकी दुनिया थी. लेकिन अब एक अलग सरकार है, जो एक अगल विचार प्रक्रिया के तहत एक अलग युग का निर्माण कर रही है. विदेश मंत्री ने कहा कि इससे पहले जितनी भी शिखर बैठकें हुईं वह संभवतः विज्ञान भवन यह बहुत हुआ तो उसके एक-दो किलोमीटर के दायरे में होकर रह गईं.
विदेश मंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी चाहते हैं कि पूरे देश में जी20 की भागीदारी और स्वामित्व की भावना हो. उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री ने महसूस किया, और हम सभी ने उस दिशा में काम किया है, कि जी20 एक ऐसी चीज है जिसे एक राष्ट्रीय प्रयास के रूप में माना जाना चाहिए. जिसमें भारत के विभिन्न हिस्सों में भागीदारी की भावना होनी चाहिए. विदेश मंत्री ने कहा कि यह कुछ ऐसा है जो वास्तव में, गैर-पक्षपातपूर्ण रहा है. यदि आप G20 आयोजनों को देखें. इसका अधिकांश आयोजन उन राज्यों में किया गया जहां भाजपा सरकारों का शासन नहीं है.
मंत्री ने कहा कि एक अर्थ में, पूरा विचार जी20 को और अधिक सहभागी बनाने, विभिन्न शहरों, विभिन्न राज्यों, विभिन्न व्यवसायों और पीढ़ियों को भागीदारी और स्वामित्व की भावना देने के लिए लोकतांत्रिक बनाना है. विदेश मंत्री ने कहा कि इस तरह के आयोजनों के लिए मानसिकता में बदलाव लाने की जरूरत थी जिसके बाद चीजें सही दिशा में आगे बढ़ीं.