नई दिल्ली : इंस्टीट्यूट ऑफ चार्टर्ड अकाउंटेंट्स ऑफ इंडिया (Institute of Chartered Accountants of India-ICAI) ने सुप्रीम कोर्ट को आश्वासन दिया है कि वह दो सप्ताह के भीतर उन सीए छात्रों द्वारा किए गए अनुरोध पर विचार करेगा, जिन्होंने कोविड-19 संबंधित कठिनाइयों के कारण जुलाई चक्र परीक्षा से बाहर होने कारण इस साल बैक-अप परीक्षा आयोजित करने की मांग की है.
ICAI की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता रामजी श्रीनिवासन द्वारा दिए गए इस आश्वासन के मद्देनजर, जस्टिस एएम खानविलकर (Justice AM Khanwilkar), जस्टिस हृषिकेश रॉय (Justice Hrishikesh Roy) और जस्टिस सीटी रविकुमार (Justice CT Ravikumar) की पीठ ने ऑप्ट-आउट छात्रों द्वारा बैक अप परीक्षा के लिए दायर आवेदन की सुनवाई की.
आवेदक छात्रों की तरफ से पेश हुए अधिवक्ता प्रशांत भूषण ने दलील पेश की. छात्रों ने तर्क दिया कि अदालत ने बैक अप परीक्षा के लिए ICAI को आदेश दिया था लेकिन ICAI ने उन्हें नवंबर में अगले चक्र परीक्षा देने को कहा था. जबकि नए चक्र के लिए पाठ्यक्रम अलग हो जाएगा और छात्रों को इससे कठिनाइयों का सामना करना पड़ेगा.
हालांकि, ICAI ने अब कहा है कि जुलाई के ऑप्ट-आउट छात्र अगली नियमित चक्रीय परीक्षा में प्रयास कर सकते हैं जो इस साल नवंबर में आयोजित की जाएगी और इसे एक प्रयास के रूप में नहीं माना जाएगा.
आईसीएआई की ओर से पेश हुए वरिष्ठ अधिवक्ता रणमजी श्रीनिवासन ने अदालत को बताया कि पिछले साल के अनुभव से पता चला है कि एक अलग बैक-अप परीक्षा आयोजित करने से संसाधन संबंधी समस्याएं पैदा हुईं. इसलिए, संस्थान ने नियमित चक्र के साथ बैक-अप परीक्षा रखने का निर्णय लिया.