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सीए परीक्षा के ऑप्ट-आउट छात्र नहीं खोएंगे मौका: ICAI

ICAI की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता रामजी श्रीनिवासन द्वारा दिए गए इस आश्वासन के मद्देनजर, जस्टिस एएम खानविलकर (Justice AM Khanwilkar), जस्टिस हृषिकेश रॉय (Justice Hrishikesh Roy) और जस्टिस सीटी रविकुमार (Justice CT Ravikumar) की पीठ ने ऑप्ट-आउट छात्रों द्वारा बैक अप परीक्षा के लिए दायर आवेदन की सुनवाई की.

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Published : Sep 9, 2021, 4:59 PM IST

सीए परीक्षा
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नई दिल्ली : इंस्टीट्यूट ऑफ चार्टर्ड अकाउंटेंट्स ऑफ इंडिया (Institute of Chartered Accountants of India-ICAI) ने सुप्रीम कोर्ट को आश्वासन दिया है कि वह दो सप्ताह के भीतर उन सीए छात्रों द्वारा किए गए अनुरोध पर विचार करेगा, जिन्होंने कोविड-19 संबंधित कठिनाइयों के कारण जुलाई चक्र परीक्षा से बाहर होने कारण इस साल बैक-अप परीक्षा आयोजित करने की मांग की है.

ICAI की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता रामजी श्रीनिवासन द्वारा दिए गए इस आश्वासन के मद्देनजर, जस्टिस एएम खानविलकर (Justice AM Khanwilkar), जस्टिस हृषिकेश रॉय (Justice Hrishikesh Roy) और जस्टिस सीटी रविकुमार (Justice CT Ravikumar) की पीठ ने ऑप्ट-आउट छात्रों द्वारा बैक अप परीक्षा के लिए दायर आवेदन की सुनवाई की.

आवेदक छात्रों की तरफ से पेश हुए अधिवक्ता प्रशांत भूषण ने दलील पेश की. छात्रों ने तर्क दिया कि अदालत ने बैक अप परीक्षा के लिए ICAI को आदेश दिया था लेकिन ICAI ने उन्हें नवंबर में अगले चक्र परीक्षा देने को कहा था. जबकि नए चक्र के लिए पाठ्यक्रम अलग हो जाएगा और छात्रों को इससे कठिनाइयों का सामना करना पड़ेगा.

हालांकि, ICAI ने अब कहा है कि जुलाई के ऑप्ट-आउट छात्र अगली नियमित चक्रीय परीक्षा में प्रयास कर सकते हैं जो इस साल नवंबर में आयोजित की जाएगी और इसे एक प्रयास के रूप में नहीं माना जाएगा.

आईसीएआई की ओर से पेश हुए वरिष्ठ अधिवक्ता रणमजी श्रीनिवासन ने अदालत को बताया कि पिछले साल के अनुभव से पता चला है कि एक अलग बैक-अप परीक्षा आयोजित करने से संसाधन संबंधी समस्याएं पैदा हुईं. इसलिए, संस्थान ने नियमित चक्र के साथ बैक-अप परीक्षा रखने का निर्णय लिया.

पढ़ें :ICAI, सीएएआर के बीच समझौते को मंत्रिमंडल ने दी मंजूरी

अदालत ने कहा कि वह ICAI के चक्र में खलल नहीं डालना चाहते लेकिन ICAI को पुराने पाठ्यक्रम के साथ एक अतिरिक्त परीक्षा आयोजित करने पर विचार करना चाहिए.

ICAI ने अदालत को आश्वासन दिया कि परीक्षार्थियों के हित में हर पहलू को ध्यान में रखते हुए फैसला लिया जाएगा.

बता दें कि सुप्रीम कोर्ट ने 30 जून को ICAI को निर्देश दिया था कि वह सीए परीक्षा में उस उम्मीदवार को एक पंजीकृत चिकित्सक द्वारा जारी एक चिकित्सा प्रमाण पत्र के आधार पर ऑप्ट-आउट विकल्प दें, जो पांच जुलाई से शुरू होने वाली है, जो कि कोविड-19 से संबंधित कठिनाइयों में है.

अदालत ने ऑप्ट-आउट विकल्प की मांग के लिए आरटी-पीसीआर प्रमाणपत्र प्रस्तुत करने की आईसीएआई की आवश्यकता को भी समाप्त कर दिया. सीए परीक्षा 2021 के संबंध में अलग-अलग राहत की मांग करने वाली याचिकाओं के एक बैच में ये निर्देश जारी किए गए थे.

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