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आय से अधिक संपत्ति मामला: लंबी पूछताछ के बाद गिरफ्तार किए गए IAS रामविलास यादव

आय से अधिक संपत्ति जमा करने के मामले में आरोपी आईएएस रामविलास यादव को राज्य सतर्कता विभाग ने गिरफ्तार कर लिया है. राज्य सतर्कता विभाग के निदेशक अमित सिन्हा के मुताबिक, पूछताछ के बाद उन्हें देर रात गिरफ्तार किया गया. उत्तराखंड में समाज कल्याण विभाग के अपर सचिव व यूपी में एलडीए के पूर्व सचिव रहे रामविलास यादव पर मुकदमा दर्ज होने के बाद उनके लखनऊ के पुरनिया स्थित घर पर विजिलेंस टीम ने छापेमारी की थी.

Ram Vilas Yadav arrested
रामविलास यादव गिरफ्तार

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Published : Jun 23, 2022, 8:12 AM IST

देहरादून:आय से अधिक संपत्ति जमा करने के आरोपी आईएएस रामविलास यादव को राज्य सतर्कता विभाग ने गिरफ्तार कर लिया है. राज्य सतर्कता विभाग के निदेशक अमित सिन्हा के मुताबिक पूछताछ के बाद उन्हें देर रात गिरफ्तार किया गया. इससे पहले हाईकोर्ट की फटकार के बाद रामविलास यादव बुधवार (22 जून) को देहरादून के विजिलेंस ऑफिस में पूछताछ के लिए पहुंचे थे. दोपहर करीब 12:48 बजे के आसपास एक प्राइवेट कार में अपने अधिवक्ता के साथ रामविलास विजिलेंस के दफ्तर में पहुंचे थे, जहां करीब 14 घटों तक उनसे पूछताछ की गई.

14 घंटे में पूछे गए 70 सवाल:इससे पहले बुधवार को हाईकोर्ट के आदेश पर रामविलास यादव विजिलेंस मुख्यालय जांच के दस्तावेजों पर जवाब देने और पूछताछ के लिए पहुंचे थे. जिसके बाद उनके साथ 14 घंटे की पूछताछ में लगभग 70 सवाल पूछे गए. विजिलेंस के एक एसपी, दो डिप्टी एसपी, छह इंस्पेक्टर और एक ज्वाइन डायरेक्टर ने पूछताछ में शामिल रहे.

रामविलास यादव गिरफ्तार.

वहीं, विजिलेंस ऑफिस में पूछताछ के लिए पेश होते समय रामविलास यादव ने किसी सवाल का कोई जवाब नहीं दिया और वो सीधे अंदर चले गए. यादव को विजिलेंस के मुख्य द्वार से पैदल पुलिस सिक्योरिटी के बीच पूछताछ के लिए अंदर ले जाया गया. उनके अंदर जाने के बाद मुख्य गेट को बंद कर दिया. मीडिया को बाहर ही रखा गया.

रामविलास यादव से करीब 14 घंटों तक विजिलेंस ऑफिस में पूछताछ चलती रही. वहीं, बचाव पक्ष अधिवक्ता अभिनव शर्मा ने आरोप लगाया कि लंबी पूछताछ के दौरान रामविलास यादव का हरासमेंट किया जा रहा है, उत्तराखंड में जंगलराज चल रहा है. इसी बीच जांच कार्रवाई के चलते उत्तराखंड शासन ने रामविलास यादव को सस्पेंड कर दिया है.

बता दें कि, रामविलास यादव की गिरफ्तारी पर स्टे लगवाने के लिए गुरुवार (23 जून) को हाईकोर्ट में सुनवाई होनी थी, लेकिन उससे पहले ही रामविलास पर अब गिरफ्तारी की तलवार लटकती नजर आ रही है. उनपर इस मामले में कानूनी शिकंजा तेज हो गया है. गौर हो कि, शासन से अनुमति मिलने के बाद मुकदमा दर्ज कर यादव की उत्तराखंड से लेकर उत्तर प्रदेश तक बेनामी संपत्तियों पर विजिलेंस ने छापेमारी की कार्रवाई की थी.

दरअसल, विजिलेंस लंबे समय से आईएएस रामविलास यादव से पूछताछ की मांग कर रही थी, लेकिन यादव विजिलेंस के समक्ष पेश नहीं हो रहे थे. इतना ही नहीं, यादव ने कोर्ट से अपनी गिरफ्तारी को लेकर स्टे की दरख्वास्त भी की थी, लेकिन कोर्ट ने पहले उन्हें विजिलेंस ऑफिस में जांच दस्तावेज पर जवाब तलब के लिए पेश होने के आदेश दिया.

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इसी क्रम में यादव आखिरकार कोर्ट के निर्देश पर विजिलेंस के ऑफिस पूछताछ के लिए पहुंचे थे. IAS रामविलास यादव के अधिवक्ता अभिनव शर्मा ने बताया कि, कोर्ट के आदेश अनुसार यादव विजिलेंस जांच में सहयोग के लिए पहुंचे हैं. उन्हें कई दस्तावेज लेकर यहां बुलाया गया था, जिसको जांच के सहयोग में लाया जाएगा. अधिवक्ता शर्मा ने कहा कि रामविलास पर लगाए गए आरोप किस आधार पर जांच के दायरे में आए ये बड़ा सवाल है. विजिलेंस को जिस भी दस्तावेजों में जांच चाहिए उसका पूरा सहयोग किया जाएगा और हर दस्तावेज और जांच का जवाब कोर्ट में उपलब्ध कराया जाएगा.

खुद को बताया शुगर का मरीज:जानकारी के अनुसार देहरादून विजिलेंस मुख्यालय में बुधवार दोपहर से लेकर देर रात चली पूछताछ की कार्रवाई के दौरान रामविलास यादव ने खुद को शुगर का मरीज बताया. जिसके चलते उन्हें बीच में रेस्ट भी दिया गया. दोपहर के समय विजिलेंस ने उनके आवास से भोजन मंगा कर खाना खिलाया. वहीं कुछ देर रेस्ट के बाद जांच की लंबी सवालों की फेहरिस्त में पूछताछ चलती रही.

यादव के ठिकानों पर छापेमारी: गौर हो कि, आय से अधिक संपत्ति मामले में उत्तराखंड में समाज कल्याण विभाग के अपर सचिव व एलडीए के पूर्व सचिव रामविलास यादव पर मुकदमा दर्ज होने के बाद उनके लखनऊ के पुरनिया स्थित घर पर विजिलेंस टीम ने छापेमारी की थी. इसके अलावा यूपी के गाजीपुर और गाजियाबाद के ठिकानों पर भी विजिलेंस ने छापेमारी की थी.

सपा सरकार के करीबी थे रामविलास: रामविलास लखनऊ विकास प्राधिकरण में लंबे समय तक तैनात रहे थे. उसके बाद एडिशनल डायरेक्टर मंडी परिषद रह चुके हैं. रामविलास सपा सरकार के बेहद करीबी अधिकारी थे, लेकिन यूपी में भाजपा की सरकार बनने के बाद साल 2019 में वो यूपी से उत्तराखंड चले आए थे. आईएएस राम विलास यादव पर यूपी में लखनऊ विकास प्राधिकरण का सचिव रहते हुए आय से 500 गुना अधिक संपत्ति अर्जित करने का आरोप है.

सामाजिक कार्यकर्ता हेमंत कुमार मिश्रा की शिकायत पर उत्तराखंड शासन ने 9 जनवरी 2019 को उनके खिलाफ विजिलेंस में खुली जांच के आदेश दिए थे. यूपी की ओर से उत्तराखंड को सौंपे गए तमाम दस्तावेजों के आधार पर यादव के खिलाफ उत्तराखंड में भी विजिलेंस विभाग ने रिपोर्ट दर्ज की थी. बता दें कि, रामविलास यादव आगामी 30 जून को सेवानिवृत्त हो रहे हैं लेकिन उससे पहले ही वो कानूनी शिकंजे में घिरते नजर आ रहे हैं.

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