पटना:बिहार के टैलेंट पर किसी को शक नहीं. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी अपना अनुभव कई बार सार्वजनिक रूप से साझा कर चुके हैं. गुजरात के मुख्यमंत्री के रूप में भी बिहार के आईएएस अधिकारियों की चर्चा वे करते रहे हैं. इसके अलावे भी कई राज्यों में बिहार का टैलेंट अपना जलवा दिखा रहा है. वहीं, बिहार के अधिकारियों की वजह से इन दिनों तेलंगाना की राजनीति गरमायी हुई है. तेलंगाना कांग्रेस अध्यक्ष ए रेवंत रेड्डी (Telangana Congress President A Revanth Reddy) ने बिहार के अधिकारियों के दबदबे की वजह से मुख्यमंत्री के चंद्रशेखर राव (Telangana CM K Chandrashekhar Rao) से पूछा कि क्या इस राज्य में एक भी तेलंगाना का आईएएस नहीं है?
काबिलियत के कारण पाते हैं ओहदा:जानकारकहते हैं कि सियासी दलों के नेता अपने राजनीतिक फायदे के लिए चाहे जो भी सवाल उठा ले, लेकिन सच यही है कि बिहार के अधिकारी अपने टैलेंट, अपनी मेहनत और कर्तव्य के प्रति निष्ठा की वजह से उच्च पदों को सुशोभित करते हैं. नेताओं को यह समझना चाहिए कि कैडर के हिसाब से राज्यों में उनकी नियुक्ति होती है. जहां तक बात बड़े पदों की है तो वह वहां की सरकार और मुख्यमंत्री तय करते हैं. लिहाजा बेवजह बिहारी टैलेंट या बिहार से जुड़े अधिकारियों पर अंगुली उठाना ठीक नहीं है. बिहार के रहने वाले जिन अधिकारियों को लेकर तेलंगाना में सवाल उठाए जा रहे हैं. आइये जानते हैं कि आखिर वे कौन हैं?
सोमेश कुमार:तेलंगाना के मुख्य सचिव सोमेश कुमार (Chief Secretary of Telangana Somesh Kumar) 1989 बैच के आईएएस अधिकारी हैं. उनका जन्म 22 दिसंबर 1963 को हुआ था. उन्होंने दिल्ली यूनिवर्सिटी से मनोविज्ञान में एमए (MA in Psychology) किया है. वे राज्य के पांचवें मुख्य सचिव हैं, 2023 दिसंबर तक पद पर रहेंगे. सोमेश कुमार तेलंगाना में कई महत्वपूर्ण पदों पर काम कर चुके हैं. डीआरडीओ में भी 2 साल तक 1987 से 1989 तक साइकोलॉजिस्ट के तौर पर काम कर चुके हैं.
संदीप कुमार सुल्तानिया: तेलंगाना कैडर के आईएएस संदीप कुमार सुल्तानिया को तेज-तर्रार और ऊर्जावान अधिकारियों में से माना जाता है. मु्ख्यमंत्री केसीआर के सचिव हैं और कई विभागों में सेक्रेटरी भी है. वे प्रदेश की प्रतिष्ठित पीवी नरसिंहाराव वेटनरी युनिवर्सिटी के वाइस चांसलर भी हैं. 20 नवंबर 1971 को बिहार में पैदा हुए संदीप कुमार सुल्तानिया एक मेधावी छात्र रहे हैं और उन्होंने चार्टर्ड अकाउंटेंसी के अलावे कॉस्ट अकाउंटेंसी व कंपनी सेक्रेटरीशिप भी कर रखी है. 1998 बैच में आईएएस में चुने जाने के बाद उन्हें आंध्र प्रदेश कैडर मिला तो उन्होंने सबसे पहले तेलुगू सीखी. आज वे फर्राटेदार तेलुगू बोलते हैं. उन्होंने आंध्र प्रदेश में चित्तूर के ऐडिशनल कलेक्टर के तौर पर प्रशासन की शुरुआत की. उनके कार्यकाल में आंध्र-प्रदेश ने खुद को देश के टूरिज्म मैप पर 'गेटवे ऑफ साउथ' के तौर पर स्थापित किया. प्रदेश विभाजन के बाद संदीप कुमार सुल्तानिया ने तेलंगाना कैडर चुना और करीब दो वर्षों तक तेलंगाना के ट्रांस्पोर्ट कमिश्नर रहे.
अरविंद कुमार:नगर प्रशासन और शहरी विकास (Municipal Administration and Urban Development) विभाग में विशेष मुख्य सचिव अरविंद कुमार 1991 बैच के आईएएस अधिकारी हैं. पहले आंध्र प्रदेश और अब तेलंगाना में अपनी सेवा दे रहे हैं. 2009-14 तक भारत सरकार के वित्त मंत्रालय में संयुक्त सचिव भी रह चुके हैं. NABARD, ICICI बैंक लिमिटेड, NIACL, SIDBI, NHB और IRDA में भी काम कर चुके हैं. फिलहाल अरविंद कुमार के पास 6 महत्वपूर्ण विभागों की जिम्मेदारी है.