नई दिल्ली :राजस्थान के पोखरण की रेगिस्तानी रेत में हर तीन साल में भारतीय वायुसेना अपना दमखम दिखाती है. विश्व की चौथी सबसे बड़ी वायुसेना के इस युद्धाभ्यास में पहली बार राफेल लड़ाकू विमान शामिल होगा. सबसे खास बात ये है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Prime Minister Narendra Modi) इस आयोजन में बतौर मुख्य अतिथि शामिल होंगे. ऐसे में स्वाभाविक है कि दुनियाभर की निगाहें इस आयोजन पर होंगी.
वायुसेना 120 डिग्री स्वीप में 1.5 से 3 किमी के रेगिस्तानी हिस्से में निर्धारित लक्ष्यों को टारगेट करेगी. इनमें बारूद के ढेर, टैंक काफिले, पुल, वाहन और हवाई सहित अन्य पारंपरिक लक्ष्य शामिल होंगे. इस युद्धाभ्यास में 148 विमान हिस्सा लेंगे जिसमें 109 लड़ाकू विमान, 24 हेलीकॉप्टर होंगे. जगुआर लड़ाकू विमान, सुखोई-30 लड़ाकू विमान, मिग-29 लड़ाकू विमान, तेजस लड़ाकू विमान और अन्य विमान 'वायुशक्ति युद्धाभ्यास-2022' में अपनी क्षमता का प्रदर्शन करेंगे.
अपनी खरीद को व्यापक बनाने की कोशिश के बीच भारतीय वायु सेना फ्रांस के राफेल, मिराज 2000, स्वदेशी एलसीए तेजस, रूसी मिग 29 और सुखोई 30, जगुआर और मिग 21 की गरज से सभी का ध्यान आकर्षित करेगी. युद्धाभ्यास के दौरान आकाश मिसाइल प्रणाली और स्पाइडर मिसाइल प्रणाली की क्षमता का भी प्रदर्शन होगा. ये अपने लक्ष्य को नेस्तानाबूत कर देंगी.