नई दिल्ली :तमिलनाडु में कुन्नूर के पास प्रमुख रक्षा अध्यक्ष बिपिन रावत (CDS Bipin Rawat death) को ले जाते समय वायु सेना के हेलीकॉप्टर के दुर्घटनाग्रस्त kannur chopper crash) होने के मामले में कोई तकनीकी गड़बड़ी या साजिश नहीं हुई थी. खराब मौसम के कारण कंट्रोल्ड फ्लाइट इनटू टेरेन (सीएफआईटी) की स्थिति को घटना का मुख्य वजह माना गया है. घटनाक्रम से परिचित सूत्रों ने बुधवार को यह जानकारी दी. हादसे में रावत और 13 अन्य लोगों की मौत हो गई थी.
सीएफआईटी से आशय ऐसी परिस्थिति से है जब दुर्घटना के समय विमान पर नियंत्रण तो रहता है लेकिन खराब मौसम या पायलट त्रुटि के कारण कोई विमान जमीन, पानी या अन्य अवरोधक से टकरा जाता है.
दुर्घटना की त्रि-सेवा जांच का नेतृत्व करने वाले वायु सेना प्रमुख एयर चीफ मार्शल वी आर चौधरी और एयर मार्शल मानवेंद्र सिंह ने बुधवार को रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह को जांच के निष्कर्षों से अवगत कराया.
सूत्रों ने कहा कि जांचकर्ताओं ने रूस में निर्मित दो इंजन वाले एमआई-17वी5 हेलीकॉप्टर के दुर्घटनाग्रस्त होने के पीछे किसी तकनीकी गड़बड़ी या साजिश की आशंका से भी इनकार किया है. यह हादसा उस वक्त हुआ था जब आठ दिसंबर को सुलूर एयरबेस से वेलिंगटन के लिए हेलीकॉप्टर उड़ान भर रहा था.
विशेषज्ञों के अनुसार, सीएफआईटी का मतलब ऐसी परिस्थिति से है जब खराब मौसम या पायलट त्रुटि के कारण किसी विमान को जमीन, पानी या अन्य इलाकों में उतारने का प्रयास किया जाता है. सीएफआईटी की घटना आम तौर पर खराब मौसम की स्थिति में या विमान के उतरते समय होती है.
भारतीय वायु सेना या रक्षा मंत्रालय द्वारा जांच रिपोर्ट पर कोई आधिकारिक टिप्पणी नहीं की गई है. आईएटीए (इंटरनेशनल एयर ट्रांसपोर्ट एसोसिएशन) के अनुसार, सीएफआईटी उन दुर्घटनाओं को संदर्भित करता है, जब कोई विमान नियंत्रण गंवाने के संकेत के बिना घाटी, पानी या अन्य अवरोधकों के साथ टकराता है. इस प्रकार की दुर्घटनाओं में महत्वपूर्ण अंतर यह है कि विमान उड़ान चालक दल के नियंत्रण में होता है.