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देश को आज मिलेगा पहला स्वदेशी एयरक्राफ्ट करियर IAC Vikrant, इसके बारे में जानें सबकुछ - पहला स्वदेशी एयरक्राफ्ट करियर IAC Vikrant

भारतीय नौसेना में शामिल होने वाला स्वदेशी विमानवाहक पोत विक्रांत में अत्याधुनिक चिकित्सा सुविधा उपलब्ध है. इसमें 16 बेड का एक अस्पताल है. देश को आज मिलेगा स्वदेशी एयरक्राफ्ट करियर IAC Vikrant, क्या है इसकी ताकत, रेंज... जानिए सबकुछ

IAC Vikrant equipped with 16-bed hospital, 2 operation theatres to cater medical emergencies
बेहतरीन चिकित्सा सुविधा से लैश विक्रांत नौसेना में शामिल होने के लिए तैयार

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Published : Aug 24, 2022, 1:14 PM IST

Updated : Sep 2, 2022, 6:31 AM IST

कोच्चि:विक्रांत, जल्द ही भारतीय नौसेना में शामिल होने वाला स्वदेशी विमानवाहक पोत (First indigenous aircraft carrier IAC Vikrant) है. इसमें आपात चिकित्सा की सुविधा भी उपलब्ध है. विक्रांत के एक हिस्से में 16 बिस्तरों वाला एक छोटा अस्पताल, दो ऑपरेशन थिएटर और एक सीटी स्कैन मशीन लगा है. इससे जहाज पर आपात चिकित्सा की स्थिति को पूरा किया जा सकेगा. विक्रांत पर तैनात चिकित्सा अधिकारी, लेफ्टिनेंट कमांडर हर्ष एमआर ने कहा, 'विक्रांत में एक प्राथमिक चिकित्सा परिसर है और हमारे पास पूरे जहाज में फैले 40 से अधिक कंपार्टमेंट हैं.

विक्रांत

इसमें प्रयोगशाला जैसी सभी सुविधाओं के साथ 16-बेड का अस्पताल है. इसके अलावा सीटी स्कैन, अल्ट्रासोनोग्राफी, एक्स-रे के साथ-साथ दो और दंत चिकित्सा सुविधाएं हैं. उन्होंने कहा कि वर्तमान में जहाज पर तैनात पांच अधिकारियों और 16 पैरामेडिक्स सभी प्रकार की आपात स्थितियों से निपटने में सक्षम हैं और सभी कर्मियों की पूरी देखभाल कर सकते हैं. हर्ष ने उल्लेख किया कि विक्रांत भारत में सीटी स्कैन मशीन रखने वाला पहला जहाज होगा और इसमें दो ऑपरेशन थिएटर भी होंगे.

बेहतरीन चिकित्सा सुविधा से लैश विक्रांत नौसेना में शामिल होने के लिए तैयार

गौरतलब है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी देश के पहले स्वदेश निर्मित विमान वाहक पोत (आईएएसी) को दो सितंबर को नौसेना में शामिल करेंगे. आधिकारिक सूत्रों ने यह जानकारी दी. प्रधानमंत्री यहां कोचीन शिपयार्ड लिमिटेड (सीएसएल) के अंदर 20,000 करोड़ रुपये से अधिक की लागत से निर्मित इस विमान वाहक पोत को भारतीय नौसेना में शामिल करेंगे.

बेहतरीन चिकित्सा सुविधा से लैश विक्रांत नौसेना में शामिल होने के लिए तैयार

समुद्री परीक्षण के चौथे और अंतिम चरण को सफलतापूर्वक पूरा करने के बाद भारतीय नौसेना ने 28 जुलाई को सीएसएल से इस विमान वाहक पोत को हासिल किया था. सूत्रों ने एजेंसी को बताया, 'फिलहाल कार्यक्रम को दो सितंबर को सीएसएल जेटी में आयोजित किया जाना है. भारत के पहले विमानवाहक पोत आईएनएस विक्रांत के सेवानिवृत्त कर्मचारी, रक्षा, जहाजरानी मंत्रालय और राज्य सरकार के अधिकारी इस कार्यक्रम में भाग लेने के लिए तैयार हैं.

उन्होंने कहा कि कार्यक्रम में 1500-2000 लोगों की उपस्थिति की संभावना है. आईएसी हिंद महासागर क्षेत्र (आईओआर) में भारत की स्थिति को मजबूत करेगा. विमान वाहक पोत के लिए लड़ाकू विमानों को लाया गया है. यह मिग-29के लड़ाकू विमान, कामोव-31 हेलीकॉप्टर और एमएच-60आर बहुउद्देश्यीय हेलीकॉप्टर का संचालन करने के लिए तैयार है.

बेहतरीन चिकित्सा सुविधा से लैश विक्रांत नौसेना में शामिल होने के लिए तैयार

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विक्रांत की आपूर्ति के साथ भारत उन चुनिंदा देशों के समूह में शामिल हो गया है जिनके पास स्वदेशी विमान वाहक पोत को डिजाइन करने समेत इसके निर्माण की क्षमता है. भारतीय नौसेना की शाखा नवल डिजाइन निदेशालय (डीएनडी) द्वारा डिजाइन किये गये इस विमान वाहक पोत का निर्माण सर्वाजनिक क्षेत्र की कंपनी सीएसएल ने किया. इसमें 2,300 से अधिक डिब्बे हैं, जिन्हें लगभग 1700 लोगों के दल के लिए डिजाइन किया गया है.

बेहतरीन चिकित्सा सुविधा से लैश विक्रांत नौसेना में शामिल होने के लिए तैयार

इसमें महिला अधिकारियों को समायोजित करने के लिए विशेष केबिन भी शामिल हैं. विक्रांत की अधिकतम गति लगभग 28 समुद्री मील है और इसकी लंबाई 262 मीटर है. यह 62 मीटर चौड़ा और 59 मीटर ऊंचा है. इसका निर्माण वर्ष 2009 में शुरू हुआ था. विक्रांत का 'उड़ान डेक' दो फुटबॉल मैदानों के बराबर है. यदि कोई विक्रांत के गलियारों से होकर चले तो उसे आठ किलोमीटर की दूरी तय करनी पड़ेगी.

Last Updated : Sep 2, 2022, 6:31 AM IST

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