इंफाल :मणिपुर के मुख्यमंत्री एन बीरेन सिंह (Manipur Chief Minister N Biren Singh) ने शनिवार को कहा कि शुक्रवार को उनके आवास के बाहर एकत्र हुए लोगों के समर्थन को देखते हुए उन्होंने इस्तीफा देने के फैसले पर आगे नहीं बढ़ने का फैसला किया. उन्होंने कहा कि इससे पहले भी उन्होंने लोगों के एक वर्ग के कार्यों से आहत महसूस की थी. जातीय हिंसा झेल चुके राज्य में शांति बहाली के लिए केंद्र और राज्य सरकारें काफी प्रयास कर रही हैं.
बीरेन सिंह ने एक विशेष साक्षात्कार में कहा कि लोगों ने उन पर अपना विश्वास दिखाया और इससे उन्हें लगा कि विश्वास खोने के बारे में उनके विचार गलत थे. सीएम सिंह ने कहा कि जनता के विश्वास के बिना कोई नेता नेता नहीं बन सकता. लोगों का समर्थन ही नेता बनता है, मुझे अच्छा लग रहा है कि जब मैं (सीएम हाउस से) बाहर निकला, तो सड़कों पर भारी भीड़ थी. उन्होंने कहा कि 'वे रोये और मुझ पर भरोसा जताया. इससे मेरी सोच गलत साबित हुई क्योंकि लोग अब भी मेरे समर्थन में खड़े थे. उन्होंने मुझसे कहा कि मैं इस्तीफा न दूं. यदि वे मुझसे इस्तीफा देने के लिए कहेंगे, तो मैं इस्तीफा दे दूंगा लेकिन अगर वे मुझसे ऐसा नहीं करने को कहें तो मैं ऐसा नहीं करूंगा.'
राज्य के राज्यपाल को अपना इस्तीफा सौंपने का फैसला करने के कारणों के बारे में बताते हुए, बीरेन सिंह ने कहा कि उनके मन में संदेह पैदा हो गया क्योंकि केंद्र और राज्य सरकार अपने सभी प्रयास कर रही थीं, लेकिन कुछ स्थानों पर पुतले जलाए गए और एक छोटे समूह ने अपशब्दों का इस्तेमाल किया. बीरेन सिंह ने कहा कि '...इस सब के बीच, मैंने राज्य में कुछ स्थानों पर पीएम मोदी और गृह मंत्री अमित शाह के पुतले जलाए जाते और बीजेपी कार्यालय पर हमले का प्रयास देखा. केंद्र ने माईपुर (मणिपुर) के लिए क्या किया और हमने 5-6 साल में मणिपुर के लिए क्या किया. मुझे संदेह था कि क्या हमने लोगों का विश्वास खो दिया है. यह सोचकर मुझे बुरा लगता था, वहीं कुछ दिन पहले एक बाजार में मेरे खिलाफ अपमानजनक भाषा का प्रयोग किया गया था जो मुझे अच्छा नहीं लगा था.
अपने इस्तीफे से संबंधित अटकलों को खारिज करते हुए एन बीरेन सिंह ने शुक्रवार को कहा था कि वह इस महत्वपूर्ण मोड़ पर अपने पद से इस्तीफा नहीं देंगे. मुख्यमंत्री ने एक ट्वीट में कहा था कि इस महत्वपूर्ण मोड़ पर, मैं स्पष्ट करना चाहता हूं कि मैं मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा नहीं दूंगा. वहीं मणिपुर के मुख्यमंत्री के इस्तीफा देने की अटकलों के बीच उनके प्रति अपना समर्थन व्यक्त करने के लिए महिलाओं सहित बड़ी संख्या में समर्थक उनके आवास के बाहर एकत्र हुए थे. इसी दौरान विधायक लीशांगथेम सुसींद्रो मैतेई ने मुख्यमंत्री का इस्तीफा पत्र पढ़ा, जिसे उनके पास खड़ी महिला समर्थकों ने उसे फाड़ दिया और मुख्यमंत्री से पद नहीं छोड़ने का आग्रह किया था.