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कंपनियों के लिए एक आकर्षक संभावना बन रहा हैदराबाद - notch infrastructure

हैदराबाद कंपनियों के लिए एक आकर्षक संभावना बनता जा रहा है. यहां कार्यस्थल के विस्तार पर जोर दिया जा रहा है. रोजगार के अवसर भी बढ़ रहें हैं. पढ़ें पूरी खबर...

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Published : Sep 29, 2021, 5:47 PM IST

हैदराबाद : देश में बीते वित्त वर्ष 2020-21 में कार्यालय स्थलों (office space) की कुल मांग में दक्षिण भारत (South India) के तीन शहरों- बेंगलुरु (Bengaluru), हैदराबाद (Hyderabad) और चेन्नई (Chennai) का दबदबा है. एनारॉक की एक रिपोर्ट के अनुसार, कार्यालय स्थलों की कुल मांग में इन तीन शहरों का हिस्सा 66 प्रतिशत रहा. परामर्शक कंपनी ने कहा कि दक्षिण भारत के कार्यालय बाजार ने नई आपूर्ति, मांग और यहां तक कि किराया वृद्धि के मामले में अन्य क्षेत्रों को पीछे छोड़ दिया.

हैदराबाद देश के सबसे तेजी से बढ़ते मेट्रो शहरों में से एक है. शीर्ष पायदान के बुनियादी ढांचे, सर्वोत्तम रहने की स्थिति, बढ़ते औद्योगीकरण और बेहतर सुविधाओं के साथ शहर कई बहुराष्ट्रीय कंपनियों के लिए एक आकर्षक संभावना है. नए स्टार्टअप के साथ-साथ शीर्ष संगठनों के हैदराबाद में प्रवेश करने से हर साल हजारों रोजगार के अवसर पैदा हो रहे हैं. साथ ही ऑफिस स्पेस का भी विस्तार हो रहा है. क्षेत्रीय केंद्र स्थापित करने पर ध्यान केंद्रित करने वाली अधिकांश बहुराष्ट्रीय कंपनियां हैदराबाद पर नजर गड़ाए हुए हैं. नए केंद्र स्थापित करने और मौजूदा कार्यस्थल के विस्तार के लिए शहर सबसे अनुकूल प्रतीत होता है. नतीजतन, हैदराबाद में कार्यस्थल बढ़ाने के सौदों में वृद्धि देखी जा रही है.

संसाधनों और बुनियादी ढांचे की तैयार उपलब्धता के कारण हैदराबाद का देश के मेट्रो शहरों में हमेशा एक अनूठा स्थान रहा है. कर्मचारी और नियोक्ता समान रूप से हैदराबाद को इसकी किफायती अचल संपत्ति के लिए पसंद करते हैं. वास्तव में मुंबई, दिल्ली और बेंगलुरु की तुलना में हैदराबाद कार्यस्थल के मामले में बेहतर है. भारत की एक प्रमुख रियल एस्टेट कंपनी एनारॉक प्रॉपर्टी कंसल्टेंट्स ने हाल ही में एक सर्वेक्षण किया है जिसमें कई दिलचस्प तथ्य सामने आए हैं. 2021 में हैदराबाद में लीज रेट 57 रुपये प्रति वर्ग फुट है जबकि मुंबई में यह 125 रुपये है.

एनारॉक प्रॉपर्टी कंसल्टेंट्स ने अनुमान लगाया है कि हैदराबाद का कुल कार्यस्थल 15 करोड़ वर्ग फुट तक फैल जाएगा. वर्तमान में शहर में लगभग 7 करोड़ वर्ग फुट में विभिन्न आईटी-आईटीईएस, बीपीओ और केपीओ कंपनियां काम कर रही हैं. महामारी के दौरान भी, राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय कंपनियों ने यहां नए कार्यालय स्थापित किए हैं. बहुराष्ट्रीय और घरेलू कंपनियां शहर में माधापुर, हाईटेक सिटी, गचीबोवली, कोकापेट, नानकरामगुडा और रायदुर्गम क्षेत्रों में अपना मुख्यालय स्थापित करने की योजना बना रही हैं. मार्केटिंग विशेषज्ञों की राय है कि हैदराबाद के बेंगलुरू से आगे निकलने की संभावना है जो अब तक ऑफिस स्पेस सीन में नंबर एक रहा है.

पढ़ें :-देश में कार्यालय स्थल की मांग में बेंगलुरु, हैदराबाद, चेन्नई का दबदबा : रिपोर्ट

ऑफिस स्पेस में हैदराबाद की हिस्सेदारी 28 प्रतिशत है, जो देश में ऑफिस स्पेस का एक तिहाई हिस्सा है. देश के 7 महानगरों में से सिर्फ हैदराबाद में पिछले 4 वर्षों में कार्यस्थल में 12 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की है. सर्वेक्षण के अनुसार, हैदराबाद की अनुकूलता इसकी भौगोलिक स्थिति, आईटी और संबद्ध क्षेत्रों की वृद्धि, मजबूत स्टार्टअप पारिस्थितिकी तंत्र और औद्योगीकरण में निहित है. हाईटेक सिटी, गाचीबोवली और माधापुर के अलावा कंपनियां बंजारा हिल्स, बेंगमपेट और कुकटपल्ली में भी ऑफिस स्थापित करने की योजना बना रही हैं.

अंतरराष्ट्रीय कंपनियों ने बड़े कार्यस्थलों के लिए पूर्व-प्रतिबद्धताएं की हैं. दरअसल, कई कंपनियों ने हाल ही में हैदराबाद में नए ऑफिस खोले हैं. कंस्ट्रक्शन कंपनियां कॉन्ट्रैक्ट के हिसाब से ऑफिस स्पेस तैयार करने की प्रक्रिया में हैं. तेलंगाना सरकार भी अगले 5 वर्षों में 3 लाख करोड़ रुपये के आईटी निर्यात के लक्ष्य को हासिल करने के लिए आगे बढ़ रही है. संभावना है कि अधिक कंपनियां हैदराबाद में अपने केंद्र स्थापित करेंगी. इसके अलावा वित्तीय, बैंकिंग और अन्य क्षेत्रों की भी हैदराबाद पर नजर है. स्टार्टअप्स की संख्या भी बढ़ रही है.

अनुकूल स्टार्टअप पारिस्थितिकी तंत्र के अलावा तेजी से औद्योगीकरण भी हैदराबाद में कार्यस्थल की बढ़ती मांगों का एक कारण है. 'ईज ऑफ डूइंग बिजनेस' रैंकिंग में तेलंगाना शीर्ष राज्यों में शामिल है. कई राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय कंपनियां तेलंगाना में अपने परिचालन का विस्तार करने की सोच रही हैं.

इसके अलावा, हैदराबाद में अनुसंधान एवं विकास केंद्र स्थापित करने में रुचि बढ़ रही है. तेलंगाना सरकार के उद्योग, वाणिज्य और सूचना प्रौद्योगिकी विभागों के प्रमुख सचिव जयेश रंजन का कहना है कि यह शहर एक आईटी हब बन गया है क्योंकि सरकार रियायती दरों पर बुनियादी ढांचा और सुविधाएं प्रदान कर रही है.

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