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युवाओं खासकर लड़कियों को ऑनलाइन बेच रहा था ड्रग्स वाली चॉकलेट, गिरफ्तार

हैदराबाद नारकोटिक्स एनफोर्समेंट विंग ने एक युवक को गिरफ्तार किया है. वह ड्रग्स का इस्तेमाल कर चॉकलेट तैयार करता था. बेचने का तरीका भी बहुत ही शातिराना था. सोशल मीडिया के जरिए ऑनलाइन ऑर्डर लेकर होम डिलीवरी करवाता था. पुलिस ने खुलासा किया है कि ड्रग्स वाली चॉकलेट का इस्तेमाल करने वालों में लड़कियों की संख्या भी काफी ज्यादा थी.

Chocolate drugs
ड्रग्स वाली चॉकलेट

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Published : Nov 6, 2022, 6:46 PM IST

Updated : Nov 6, 2022, 7:20 PM IST

हैदराबाद:हैदराबाद नारकोटिक्स एनफोर्समेंट विंग (H-NEW) पुलिस ने एक युवक को गिरफ्तार किया है, जो गांजे से निकाले गए हैश ऑयल से चॉकलेट बना रहा था और उसे ऑनलाइन बेच रहा था. नरसिंही के ऋषि संजय मेहता (22) को शनिवार को गिरफ्तार किया गया. उसके घर से 5 लाख रुपये की 48 ड्रग्स चॉकलेट, 40 ग्राम हैश ऑयल और एक सेल फोन जब्त किया गया. पुलिस का दावा है कि उसका परिवार दवा उद्योग से जुड़ा है.

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शहर के पुलिस आयुक्त सीवी आनंद (City Police Commissioner CV Anand) ने शनिवार को खुलासा किया कि पकड़ा गया युवक फीनिक्स यूनिवर्सिटी से ऑनलाइन बिजनेस मैनेजमेंट का कोर्स कर रहा है. उसे गांजे और हैश ऑयल की लत लग गई थी. इसी के बाद उसने ई-सिगरेट और ड्रग ब्राउनी बेचना शुरू किया. ज्यादा मुनाफा कमाने के लालच में उसने यूट्यूब देखकर हैश ऑयल वाला चॉकलेट बनाना सीखा.

4 किलो चॉकलेट में मिलाता था 40 ग्राम हैश ऑयल :मेहता जिस हैश ऑयल का इस्तेमाल करता था, वह विशाखापत्तनम के चिंतापल्ली जंगलों से मिलता था. उस इलाके का रहने वाला रामा राव हैदराबाद के विनोद को सप्लाई करता था. उससे ये श्रीकांत तक पहुंचता था.. फिर रोहित और अंत में मेहता तक. वह 4 किलो चॉकलेट खरीदता था और उसमें 40 ग्राम हैश ऑयल मिलाता था. बाद में वह कई नामी कंपनियों के चॉकलेट फ्लेवर के साथ ड्रग बनाता था. बार में 15 पीस होने के कारण वह एक-एक पीस को 1-2 हजार रुपये में बेचता था.

मेहता इंस्टाग्राम, स्नैपचैट जैसी सोशल मीडिया पर इसका प्रचार करता था और स्नैपचैट पर मैसेज देखने के बाद इसे 25 सेकेंड के अंदर डिलीट कर एन्क्रिप्ट कर देता था. वह जांच में फंसने से बचने के लिए ऐसा कर रहा था. अपने खाते पर वह 'edibles available' कोड के साथ चॉकलेट फ्लेवर की तस्वीरों और कीमतों का विज्ञापन करता था, और ऑर्डर मिलने पर ऑनलाइन डिलीवरी. भुगतान भी कैश और ऑनलाइन दोनों माध्यमों से होता था.

उसके सभी ग्राहक 18-24 साल के हैं. इनमें 50 फीसदी से ज्यादा लड़कियां हैं. चूंकि उनमें से अधिकांश बड़े परिवारों से संबंधित हैं, इसलिए इसकी सूचना उनके माता-पिता को व्यक्तिगत तौर पर दी गई, उनका विवरण गुप्त रखा गया.

सीपी सीवी आनंद ने कहा कि 'माता-पिता को चाहिए कि वे अपने बच्चों के फोन बार-बार चेक करें. ज्यादातर पार्टियों में नशे का इस्तेमाल होता है. लड़कियों की नशा इस्तेमाल करने की आदतों के बारे में बात करते ही माता-पिता चौंक जाते हैं. ऐसे में सब सहयोग करेंगे तो हैदराबाद को नशामुक्त शहर बनाएंगे.'

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Last Updated : Nov 6, 2022, 7:20 PM IST

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