श्रीनगर : मीरवायज उमर फारूक की अगुवाई वाले हुर्रियत काफ्रेंस के धड़े ने उम्मीद जताई है कि अफगानिस्तान में नई सरकार के गठन से उस देश में चार दशक से चल संघर्ष पर पूर्ण विराम लग जाएगा और अनिश्चितता खत्म हो जाएगी.
अमेरिकी सैन्यबलों की वापसी के बाद तालिबान ने पिछले महीने अफगानिस्तान की सत्ता संभाल ली और उसने सभी महत्वपूर्ण शहरों एवं नगरों पर नियंत्रण कायम कर लिया. उसने 15 अगस्त को काबुल को भी अपने नियंत्रण में ले लिया और मंगलवार को मुल्ला मोहम्मद हसन अखुंद के नेतृत्व में अंतरिम सरकार की घोषणा की गई.
हुर्रियत ने आशा प्रकट की है कि इस युद्ध प्रभावित देश में नया प्रशासन समावेशी और व्यापक आधार वाला होगा. हुर्रियत ने कहा कि यह अवश्य ध्यान में रखा जाना चाहिए कि इस्लाम धर्म मानव समानता एवं अधिकार आर्थिक निष्पक्षता एवं धार्मिक सहिष्णुता को मौलिक मूल्यों रूप में समर्थन करने पर पूरी तरह स्पष्ट है.
जारी एक बयान में कहा गया पिछले एक महीने में अफगानिस्तान में भ्रामक एवं अराजक घटनाक्रम के बाद हुर्रियत को अब आस है कि नई सरकार के गठन से चार दशक के अनवरत संघर्ष एवं अनिश्चितता पर पूर्ण विराम लगेगा.