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Paush Purnima 2023: साल की पहली पूर्णिमा आज, स्नान के लिए हरिद्वार में उमड़ा श्रद्धालुओं का सैलाब

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Published : Jan 6, 2023, 1:05 PM IST

आज साल की पहली पूर्णिमा (first full moon of the year) है. इस खास मौके पर बड़ी संख्या में श्रद्धालु हरिद्वार (Devotees reached Haridwar for full moon bath) पहुंच रहे हैं. पूर्णिमा के मौके पर हरिद्वार में स्नान (Importance of full moon bath in Haridwar) का बड़ा महत्व है. जिसके कारण सुबह से ही हरकी पैड़ी पर लोग आस्था की डुबकी (Full moon bath at Harki Paidi) लगा रहे हैं.

Paush Purnima 2023
साल की पहली पूर्णिमा आज

साल की पहली पूर्णिमा आज

हरिद्वार:पौष पूर्णिमा के दिन हरिद्वार में गंगा स्नान (Importance of Ganga bath in Haridwar) के लिए श्रद्धालुओं का तांता लगा हुआ है. इस साल 2023 की पहली पूर्णिमा (first full moon of the year) आज 6 जनवरी को पड़ी है. ठंड के बावजूद श्रद्धालु विश्व प्रसिद्ध हरकी पैड़ी पर डुबकी (Full moon bath at Harki Pauri) लगाते हुए नजर आए. सुबह 5 बजे से ही श्रद्धालु गंगा में आस्था की डुबकी लगा रहे हैं.

आज है साल 2023 की पहली पूर्णिमा: हिंदू पंचांग के अनुसार पौष माह में शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा को पौष पूर्णिमा कहा जाता है. हिन्दू धर्म और भारतीय जनजीवन में पूर्णिमा तिथि का बड़ा महत्व है. पूर्णिमा की तिथि चंद्रमा को प्रिय होती है. इस दिन चंद्रमा अपने पूर्ण आकार में होता है. हिन्दू धर्म ग्रन्थों में पौष पूर्णिमा के दिन दान, स्नान और सूर्य देव को अर्घ्य देने का विशेष महत्व बतलाया गया है. ऐसा कहा जाता है कि पौष माह में किए जाने वाले धार्मिक कर्मकांड की पूर्णता पूर्णिमा पर स्नान करने से सार्थक होती है.
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पौष पूर्णिमा का है विशेष महत्व: हिंदू धार्मिक मान्यताओं के अनुसार पूर्णिमा का विशेष महत्व है. इस दिन पवित्र नदियों में स्नान के बाद दान, हवन का विशेष महत्व है. धार्मिक मान्यताओं के अनुसार इस दिन स्नान, दान और ध्यान करने से मनुष्य को मोक्ष की प्राप्ति होती है. सारी मनोकामनाएं पूरी होती हैं. पौष पूर्णिमा का दिन खासकर भगवान विष्णु और मां लक्ष्मी के पूजन के लिए उत्तम माना गया है.
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पंडित ऋषभ शास्त्री ने बताया कि आज के दिन भगवान विष्णु और मां लक्ष्मी की पूजा का विशेष महत्व है. साथ ही इस दिन पितरों के लिए तर्पण, नारायण, बलि आदि कर्मकांड करने से पितृ दोष से मुक्ति मिलती है. श्रद्धालु प्रशांत ने बताया कि वो गोरखपुर से आए हैं. पहले उन्हें ठंड लग रही थी. जैसे ही वे गंगा में उतरे, उन्हें राहत की अनूभूति हुई. दिल्ली से आये श्रद्धालु निकुंज ने बताया कि उनकी माता जी की पूर्णिमा के स्नान की इच्छा थी. इसलिए वे अपनी माता जी के साथ स्नान करने आए हैं.

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