उत्तरकाशी (उत्तराखंड):उत्तरकाशी में सिलक्यारा टनल में हुए भूस्खलन हादसे में देश के 7 राज्यों के 40 मजदूर फंसे हुए हैं. निर्माणाधीन सुरंग में हुई इस घटना के बाद इसके कारणों पर बात होने लगी है. बताया जा रहा है कि टनल के संवेदनशील हिस्सों में अगर ह्यूम पाइप (Hume Pipes) बिछाए जाते हैं, जिससे कभी भूस्खलन से सुरंग बंद होती है तो अंदर फंसे मजदूर ह्यूम पाइप के जरिए सकुशल बाहर निकल आते हैं. निर्माणाधीन सिलक्यारा सुरंग में भी ह्यूम पाइप का इस्तेमाल किया जा रहा था, लेकिन दुर्भाग्य की बात है कि जिस दिन हादसा हुआ, उस दिन संवेदनशील हिस्से में ह्यूम पाइप नहीं बिछाए गए थे.
हादसे के दिन टनल में नहीं बिछाये गये ह्यूम पाइप:बीते रविवार (12 नवंबर) सुबह निर्माणाधीन सिलक्यारा सुरंग में भूस्खलन की घटना घटी. मजदूरों ने बताया यहां डंपरों में रखे ह्यूम पाइप का इस्तेमाल संवेदनशील हिस्सों में किया जाता था. यह पाइप बिछे होते तो उनके साथी मजदूर अंदर नहीं फंसते और वो अब तक पाइपों के जरिए बाहर आ चुके होते.
जेसीबी से हटाया जा रहा मलबा वहीं, एनएचआईडीसीएल (National Highways & Infrastructure Development Corporation Limited) के निवर्तमान महाप्रबंधक कर्नल दीपक पाटिल बताते हैं कि, सुरंग में ह्यूम पाइप बिछाने का आइडिया उन्हीं का था. इन ह्यूम पाइप को सुरंग के अंदर संवदेनशील और खतरे वाले जगहों पर लाइन से बिछाया जाता है. उन्होंने आशंका जताई इस बार शायद किसी को इस तरह की घटना का अंदाजा नहीं था, जिसके कारण ह्यूम पाइप नहीं बिछाये गये.
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पीएम, सीएम रेस्क्यू ऑपरेशन का ले रहे अपडेट:वहीं, घटना के बाद घटनास्थल में रेस्क्यू ऑपरेशन तेजी से किया जा रहा है. पीएम मोदी से लेकर सीएम धामी लगातार रेस्क्यू ऑपरेशन का अपडेट ले रहे हैं. राज्य स्तर के साथ ही केंद्रीय एजेंसियां पूरे जोर शोर से टनल में फंसे मजदूरों को जुटाने में जुटी हुई हैं. निर्माणाधीन सिलक्यारा सुरंग में भूस्खलन के चलते 40 मजदूर पिछले 34 घंटे से फंसे हुए हैं, जिन्हें बचाने के लिए रेस्क्यू ऑपरेशन सोमवार को दूसरे दिन भी जारी है. सुखद खबर ये है कि मजदूरों से वॉकी-टॉकी पर बात हुई है, जिसमें उन्होंने बताया वह सभी सुरक्षित हैं. मजदूरों ने रेस्क्यू ऑपरेशन में लगी टीम से खाना भी मांगा, जिसके बाद उन्हें पाइपलाइन के जरिए चने व ड्राई फूड के छोटे-छोटे पैकेेट भेजे गए हैं.
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60 मीटर में 25 मीटर तक मलबा हटाया गया, जेसीबी से हो रहा काम:सुरंग से मलबा हटाने का काम भी लगातार जारी है. मलबे को जेसीबी से हटाया जा रहा है. जेसीबी से जैसे ही मलबा हटाया जा रहा उसी वक्त और मलबा गिर जा रहा है. जिससे रेस्क्यू कार्य में बड़ी दिक्कतें आ रही हैं. 60 मीटर दायरे में फैले मलबे में से अभी तक 20 मीटर तक मलबा हटाया गया है. चिंता की बात ये है कि जितना मलबा हटाया जा रहा है उतना और गिर रहा है.
रेस्क्यू ऑपरेशन के लिए मौके पर तैनात सीओ ऑपरेशन प्रशांत कुमार ने बताया सुरंग के अंदर फंसे मजदूरों के पास लाइट, पानी व वॉकी-टॉकी है. दिन में शोर ज्यादा होने के कारण बात नहीं हो पाई. रात में कुछ समय के लिए मशीन रोककर पाइप लाइन से वॉकी-टॉकी के माध्यम से बात हुई है. अब तक मजदूरों से चार से पांच बार बात हो चुकी है. मजदूरों को पाइप लाइन के जरिए चने व ड्राई फूड के छोटे-छोटे पैकेज भेजे गए हैं.