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कर्नाटक के मंगलुरु के सरकारी अस्पताल में मानव दूध बैंक स्थापित - Human milk bank In Lady Goschen Hospital

मेंगलुरु के सरकारी अस्पताल (Mangaluru Government hospital) लेडी गोशेन में (Lady Goschen Hospital) में 35 लाख की लागत से बना ह्यूमन मिल्क बैंक (Human milk bank).

Lady Goschen Hospital
लेडी गोशेन अस्पताल

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Published : Mar 6, 2022, 9:24 PM IST

मेंगलुरु (कर्नाटक): मेंगलुरु के सरकारी अस्पताल (Mangaluru Government hospital) में नवजातों को दूध उपलब्ध कराने के लिए ह्यूमन मिल्क बैंक (Human milk bank) की स्थापना की गई है, जो विभिन्न कारणों से मां के दूध से वंचित हैं. लेडी गोशेन अस्पताल (Lady Goschen Hospital) मेंगलुरु में एक प्रसिद्ध सरकारी प्रसूति अस्पताल है. इस अस्पताल में प्रसव के लिए करीब सात जिलों से महिलाएं आती हैं. अस्पताल में हर महीने औसतन 700 बच्चे पैदा होते हैं. समय से पहले प्रसव के कुछ मामलों में, नवजातों को एनसीयूवी की आवश्यकता होती है. मां का दूध उन नवजातों को ठीक होने में मदद कर सकता है. प्रसव के दौरान मां के चले जाने से नदजातों को मां के दूध की समस्या हो जाती है. इससे बचने के लिए लेडी गोशेन अस्पताल में ह्यूमन मिल्क बैंक (Human milk bank In Lady Goschen Hospital ) शुरू किया गया है.

पढ़ें: जरूरतमंद नवजातों के लिए जीवनदायी हैं मदर मिल्क बैंक: स्तनपान सप्ताह विशेष

35 लाख की लागत से बना ह्यूमन मिल्क बैंक बनाने में रोटरी क्लब ऑफ मंगलुरु ने लेडी गोशेन अस्पताल को दान किया है. मां की दूध में प्रोटीन, लवणता, कार्बोहाइड्रेट और वसा जैसी प्रतिरक्षा बढ़ाने वाली कोशिकाएं होती हैं. सबसे पहले, एक उपकरण का उपयोग करके स्तन-दान करने वाली मां से स्तन के दूध को पंप किया जाता है, फिर रेफ्रिजरेट किया जाता है. और पाश्चराइजेशन प्रक्रिया के बाद संग्रहीत किया जाता है.

छह महीने के लिए स्टोर ब्रेस्ट मिल्क उपलब्ध कराया जाता है. नई मांओं से लेडी गोशेन अस्पताल प्रशासन ने दूध दान की अपील की है. तीकि जरूरतमंद नवजातों की जान बचाई जा सके. माताओं द्वारा दान किया गया स्तन का दूध बच्चों को बचाने में मदद करेगा. इसे लेकर अस्पताल लोगों को जागरूक कर रहा है.

सरकारी लेडी गोशेन के चिकित्सा अधीक्षक दुर्गाप्रसाद ने कहा है कि एम.आर. अस्पताल को देश में 9वां स्थान मिला है. यहां हम एक मानव दूध बैंक शुरू कर रहे हैं. कुछ बच्चे कम वजन और कुछ दोषों के साथ पैदा होते हैं. उन बच्चों के लिए यह मददगार होगा. मां के दूध से शिशु मृत्यु को भी रोका जा सकता है. दक्षिण कर्नाटक में शिशु मृत्यु दर 10 प्रतिशत है. 600 से 700 प्रसव में से 102 नवजात मौत के कगार पर होते हैं जिन्हें समय पर मां का दूध मिल जाए तो जान बचाई जा सकती है. समय से पहले जन्मे बच्चे के लिए मां का दूध बहुत महत्वपूर्ण होता है. इसमें हर तरह के पोषक तत्व, लवणता आदि होते हैं.

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