रायपुर पुलिस का मानवीय चेहरा: 12 साल में रक्तदान कर बचाई तीन हजारों लोगों की जान
Human face of Raipur police खाकी सिर्फ कानून की रक्षा नहीं करती बल्कि जरूरत पड़ने पर लोगों के जान की रक्षा भी करती है. इसे साबित किया है छत्तीसगढ़ पुलिस के जवानों ने जो रायपुर में तैनात हैं. Raipur police jawan donating blood for years ये जवान बीते 12 साल से रक्तदान कर लोगों की जान बचा रहे हैं. ये जवान नक्सली हमले में घायल वीर सैनिकों के अलावा पुलिसकर्मियों और आम नागरिक की मदद करते हैं. बीते 12 साल में रायपुर के पुलिस जवानों ने करीब 32 सौ लोगों को ब्लड डोनेट किया है. आइये जानते हैं किस तरह से जवान जरूरत मंदों को ब्लड डोनेट कर रहे हैं. raipur latest news
रायपुर पुलिस का मानवीय चेहरा
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Published : Dec 13, 2022, 9:58 PM IST
रायपुर पुलिस का मानवीय चेहरा
रायपुर:Human face of Raipur police जनता की सुरक्षा के साथ साथ रायपुर पुलिस इंसानियत का धर्म भी निभा रही है. रायपुर पुलिस के जवानों ने लंबे अरसे से रक्तदान कर लोगों की जान बचाई है. यहां के जवानों ने पिछले 12 सालों में रक्तदान कर हजारों लोगों को जीवन दिया. donating blood jawan saved thousands lives खाकी का यह मानवीय चेहरा मानवता के लिए किसी मिसाल से कम नहीं है. Raipur police jawan donating blood for years
अस्पताल पहुंचकर करते हैं रक्तदान:रायपुर पुलिस लाइन के जवान सिविलियंस की सुरक्षा के साथ लोगों की मदद करने में भी पीछे नहीं हटते हैं. हर तरह के मरीजों और दुर्घटना में घायलों को बल्ड की जरूरत पड़ने तत्काल ब्लड उपलब्ध कराई जाती है. साथ ही नक्सली घटना में घायल होने वाले जावनों को भी इलाज के दौरान ब्लड डोनेट किया जाता है. पुलिस लाइन में 163 सक्रिय ब्लड डोनर है. पिछले चार साल में यहां के जवानों ने 15 सौ से अधिक लोगों को ब्लड के साथ प्लाज्मा भी डोनेट किया है. raipur latest news
रक्तदान के लिए बना रखा है व्हाट्सएप ग्रुप:पुलिस लाइन के जवान ब्लड डोनेट करने के लिए व्हाट्सएप ग्रुप बना रखा है. इस ग्रुप में 163 सक्रिय डोनर है. यदि किसी को ब्लड की जरूरत पड़ती है तो उसके मैसेज ग्रुप में डाल दिए जाते हैं. इसके बाद स्वस्थ जवान यदि संबंधित अस्पताल के आस पास होता है तो वह वहां जाकर ब्लड डोनेट करता है. जवानों ने ब्लड डोनेट करने की पूरी सूची तैयार कर रखी है. उस सूची के हिसाब से अब तक लाइन के जवानों ने पिछले 12 साल में 32 सौ लोगों को रक्तदान किया है.
महिला पुलिस कर्मी भी करती हैं रक्तदान:पुलिस लाइन के जवान दीपक प्रसाद बताते हैं कि "ब्लड डोनेट हर किसी को करना चाहिए. क्योंकि इससे किसी की जिंदगी बच सकती है. हमारे पुलिस जवान इसके लिए हमेशा तत्पर रहते हैं. हमारे साथी जवान के अलावा मैंने भी ब्लड डोनेट किया है. हमारे यहां महिला कर्मियों के अलावा पुरुष कर्मी भी ब्लड डोनेट करते हैं. जब भी ब्लड की जरूरत पड़ती है तो कोई न कोई साथी रक्तदान के लिए तैयार हो जाते हैं."
इमरजेंसी में भी करते हैं मदद:प्रधान आरक्षक ओमप्रकाश पांडे कहते हैं कि "हमारे पुलिस विभाग में ब्लड डोनेशन की व्यवस्था है. वरिष्ठ अधिकारियों के निर्देशानुसार जब भी कोई आपातकालीन स्थिति या कोई डिमांड करता है तो यहां प्रायः बल उपलब्ध रहता है. ऐसे में उनको ब्लड डोनेशन के लिए संबंधित जगह रवाना किया जाता है. हर साल लगभग दो से ढाई सौ लोगों को ब्लड डोनेट किया जाता है. ब्लड डोनेट करने के बाद हमें बहुत अच्छा लगता है. ऐसा लगता है कि हमने ब्लड डोनेट कर किसी की रक्षा की है."
12 साल में 32 सौ लोगों की मदद की:रायपुर पुलिस लाइन के आरआई वैभव मिश्रा कहते हैं कि "पुलिस लाइन के जवान ब्लड डोनेट करते हैं. बस्तर इलाके में माओवादी हमले में घायल जवानों को हेलीकॉप्टर से रायपुर उपचार के लिए लाया जाता है, जब भी ब्लड की जरूरत होती है तो हमारे जवान ब्लड डोनेट करते हैं. इसके अलावा सिविलियंस भी आकर संपर्क करते हैं. उनकी भी मदद करते हैं. हमारे जवानों ने 2011 से अब तक 32 सौ लोगों को ब्लड डोनेट किया है. बीते चार साल में लगभग 15 सौ लोगों की मदद कर चुके हैं. वैसे तो हमारे यहां 15 सौ जवान हैं, जरूरत के हिसाब से जवान ब्लड डोनेट कर देते हैं."