नासिक: मुंबई नाका थाने के पीछे हरि विहार सोसाइटी के बंद दूकान में मिले मानव अंगों के मिलने से सोसाइटी में सनसनी फैल गई है. प्रारंभिक जांच में पता चला है कि उन अंगों को महिला डॉक्टर के बेटे ने वहां रखा था. वह ENT विशेषज्ञ है और उसका नाम डॉक्टर किरण विट्ठल शिंदे है. पुलिस अभी यह जांच कर रही है कि डॉ. शिंदे ने मानव अंगों को एक निजी स्थान पर कैसे और क्यों रखा. यह बंद जगह है और पिछले 20 से 22 सालों से इसको खोला भी नहीं गया था. जिला सर्जन कार्यालय महाराष्ट्र फिजियोलॉजी एक्ट के तहत इसकी जांच करेगा.
डॉ. किरण शिंदे इन अंगों को वर्ष 2000 में मुंबई के नानावती अस्पताल से जांच और अध्ययन के लिए नासिक लायी थी. साथ ही वर्ष 2005 में फॉर्मेलिन और पानी के साथ-साथ अन्य रसायनों का इंजेक्शन लगाकर इन अंगों को सुरक्षित रखा गया था. तब से वे इसका प्रयोग कर रहे हैं. हालांकि पिछले 20 से 22 सालों से इस जगह को खोला नहीं गया था. इस सम्बन्ध में पुलिस आयुक्त दीपक पांडेय ने कहा कि महाराष्ट्र फिजियोलॉजी एक्ट के तहत जिला सर्जन को मानव अवशेषों को अध्ययन के लिए उपलब्ध कराने का अधिकार है. इसलिए इस घटना की जांच जिला सर्जन ही करेंगे.
जिला सर्जन की जांच रिपोर्ट आने के बाद ही आगे की कार्रवाई की जाएगी. शुभांगिनी शिंदे के परिसर क्रमांक 20 में रविवार रात प्लास्टिक की बाल्टियों में आठ कान और एक ब्रेन मिला. सूचना मिलने पर पालिस उपायुक्त यहां परनीमा चैगुले, सहायक आयुक्त दीपाली खन्ना, वरिष्ठ पुलिस निरीक्षक सुनील रहाकाले, चंद्रकांत अहिरे और फोरेंसिक टीम को वहां बुलाया गया. हालांकि ये अंग निजी और आवासीय परिसर में मिले हैं. इसके साथ ही यह प्रश्न उठता है कि मानव अंग इस जगह पर कैसे पहुंचा. जिला सर्जन डॉ. अशोक थोराट ने बताया कि मानव अंगों की जांच को लेकर उन्हें मुंबई पुलिस की ओर से एक पत्र मिला है. इसकी जांच फिजियोलॉजी एक्ट के अनुसार किया जाएगा. हालांकि मानव अंगों को केवल एनाटॉमी अधिनियम के तहत अनुमत संस्थानों में ही अध्ययन के लिए रखा जा सकता है. ऐसा पहली बार उन्होंने सुना है.
गौर है कि पुलिस को सोमवार अर्थात मार्च 28 महाराष्ट्र राज्य के नासिक शहर के मुंबई नाका इलाके में एक इमारत के बेसमेंट में स्थित एक बंद दुकान में मानव अवशेष मिले हैं. पिछले कुछ दिनों से दुकान से बदबू आ रही थी जिसके बाद आसपास के निवासियों ने पुलिस को सूचना दी. पुलिस ने रविवार देर रात अर्थात मार्च 27 को कहा कि बंद दुकान कबाड़ सामग्री से भरी थी. वहां मौजूद जब दो प्लास्टिक के कंटेनर को खोला तो हमें मानव कान, मस्तिष्क, आंख और चेहरे के कुछ हिस्से मिले हैं. फोरेंसिक टीम ने मानव अंग के अवशेषों को अपने कब्जे में ले लिया है और आगे की जांच जारी है.
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