हैदराबाद: किसी भी प्रयास में सफल होने के लिए, एक निश्चित रणनीति और प्लानिंग होना जरूरी है. अभी हम कहां हैं और कहां पहुंचना है और लक्ष्य तक पहुंचने में कितना समय लगता है. इस बारे में हमें व्यवस्थित तरीके से पता होना जरूरी है. हमें अपनी वित्तीय स्थिति के बारे में पता होना चाहिए. अपने लक्ष्यों को सिस्टमैटिक तरीके से लिखें और अनुमान लगाएं कि लक्ष्य हासिल करने के लिए कितनी रकम की जरूरत है और उस राशि को जमा करने में कितना समय लगता है. फिर निवेश की प्लानिंग करें. कहां कितना पैसा निवेश किया जा सकता है, फाइनल डिसिजन लेने से पहले इस बारे में दो बार सोचें. याद रखें कि जब आप सिस्टमैटिक प्लानिंग करते हैं तो फाइनेंशियल गोल को हासिल करना आसान हो जाएगा.
यदि आप अनुशासन के साथ एक फाइनेंशियल प्लान बनाते हैं तो ऐसा लगता है जैसे आधा काम हो गया है. फिर उस पर अमल करने से सौ प्रतिशत काम पूरा हो जाता है. ध्यान रखें कि हमें बचत और निवेश अनुशासन के साथ करना चाहिए. अगर आप लॉन्ग टर्म में वेल्थ क्रिएट करना चाहते हैं तो यह जानना जरूरी है कि आप कितना और कैसे इन्वेस्ट करते हैं. रेग्युलर इनवेस्टमेंट करने पर केवल एक छोटी राशि ही मोटा मुनाफा दिला सकती है.
उदाहरण के लिए, मान लीजिए कि आप 10 साल के लिए हर महीने 5,000 रुपये का निवेश करते हैं. 12% के न्यूनतम वार्षिक रिटर्न के साथ, आपका कुल 6 लाख रुपये का निवेश बढ़कर 11.6 लाख रुपये हो जाएगा. यह निवेश राशि का लगभग दोगुना है. मगर यह नहीं भूलना चाहिए की ऐसे निवेशों के अच्छे परिणाम तभी मिल सकते हैं जब नियमित रूप से पैसा इन्वेस्ट किया जाए. उधार लेना गलत नहीं हो सकता है क्योंकि कुछ लोन हमें अपनी संपत्ति बढ़ाने और इनकम बढ़ाने में भी मदद करते हैं. लोन लेते समय फाइनेंशियल फ्रीडम की जानकारी लेना जरूरी है. व्यापार और अच्छे घर खरीदने के लिए कर्ज लेना सही माना जाता है. लेकिन, जब बात क्रेडिट कार्ड से खर्च करने की हो, तो यह नहीं भूलना चाहिए ऐसे कर्ज का समय से भुगतान नहीं करने पर बैंक न उच्च ब्याज दर वसूलते हैं, बल्कि हमारी कमाई को भी खत्म कर देते हैं. इसलिए लोन वहां से लें, जहां ब्याज दरें कम हों. साथ ही एक बार जब आप कर्ज ले लेते हैं. आपको इसे जल्द से जल्द चुकाने की कोशिश करनी चाहिए.