हैदराबाद : अगर आप पैन कार्ड और आधार कार्ड की फोटो कॉपी को इधर-उधर फेंक देते हैं या किसी अनजान व्यक्ति और प्लेटफॉर्म पर इनके नंबर साझा करते हैं तो सचेत हो जाएं. आपके डॉक्युमेंट्स के आधार में बड़ा फर्जीवाड़ा हो जाएगा और आपको पता भी नहीं चलेगा. कई ऐसे मामले आए, जहां ठगों ने इन प्रमाण पत्र के आधार पर लोन ले लिया. होता यूं है कि आप लोन के लिए बैंकों से संपर्क नहीं करेंगे, मगर आपके नाम पर लोन अकाउंट खुल जाएगा. आपके बैंक अकाउंट में तो कोई पैसा जमा नहीं होगा, लेकिन किस्तों का भुगतान करने के लिए नोटिस दिया जाएगा. जाहिर है आपने कोई लोन लिया नहीं तो किस्त क्यों भरेंगे. फिर आप बैंकों की नजर में डिफॉल्टर बन जाएंगे. थोड़े दिन बाद सिबिल स्कोर भी गिर जाएगा और आप लोन लेने के लायक भी नहीं बचेंगे.बैंक बाजार के सीईओ आदिल शेट्टी के अनुसार, ऐसे फर्जीवाड़े से बचने और डिफॉल्टर की लिस्ट से नाम हटवाने के लिए एक्सपर्ट की सलाह जरूर लें.
आदिल शेट्टी बताते हैं कि किसी दूसरे का सर्टिफिकेट, नाम और पते का दुरुपयोग कर लोन लेने का मामला अक्सर सामने आता है. लोगों को इस फर्जीवाड़े का पता उस समय चलता है, जब उनका सिबिल स्कोर (CIBIL SCORE) देखते हैं. तब उन्हें एहसास होता है कि उन पर लोन का बकाया भी है. बैंक/एनबीएफसी लोन अकाउंट के बारे में CIBIL और Experian जैसे क्रेडिट ब्यूरो को लगातार देते हैं. जैसे-जोसे लोन के किस्तों का भुगतान किया जाता है, वैसे-वैसे संबंधित कंपनियां क्रेडिट स्कोर अपडेट करती हैं. मगर जब कोई पैन-आधार जैसे डॉक्युमेंट का दुरुपयोग कर लोन ले लेता है तो ऐसे मामलों में किस्तों का भुगतान नहीं करता है. जाहिर है कि क्रेडिट स्कोर नीचे चला जाएगा. अब सवाल यह है कि ऐसे ठग कैसे आपका डॉक्युमेंट हासिल कर लेते हैं और आपके पहचान के आधार पर लोन भी ले लेते हैं.
कैसे होता है पैन और आधार कार्ड का दुरुपयोग :कभी-कभी पैन कार्ड का नंबर दूसरे लोगों के लोन अकाउंट से जुड़ा होता है. उदाहरण के लिए जॉइंट लोन के केस में, जब पति-पत्नी साथ में लोन लेते हैं मगर रकम का भुगतान किसी एक के खाते में होता है. जब लोन की किस्त का भुगतान किसी कारण से रुक जाता है तो पति-पत्नी के सिबिल स्कोर पर इसका असर पड़ता है. कई बार हम किसी दूसरे लोन में गारंटर बन जाते हैं और अपना पैन कार्ड का नंबर दे देते हैं. ऐसे में अगर उस आदमी ने लोन नहीं चुकाया तो गारंटर बनने का खमियाजा भी चुकाना पड़ता है. ऐसी स्थिति में गारंटर का क्रेडिट स्कोर खराब हो जाता है. इसलिए हमें हमेशा अपने क्रेडिट स्कोर पर नजर रखना चाहिए. कई बार तो ऐसा होता है कि आप न तो गारंटर बनते हैं और न ही लोन लेते हैं, कोई तीसरा आदमी आपके नाम पर लोन ले चुका होता है या आपके पैन नंबर को गारंटर के कॉलम में डाल देता है. लोन देने वाले बैंक अफसर भी बिना जांच किए लोन पास कर देते हैं. अगर वह ऐसे मामलों की जांच करे तो समस्या होगी ही नहीं. मगर अफसरों की लापरवाही के कारण फर्जीवाड़ा करने वाले सफल हो जाते हैं. जब तक आपको इसका पता चलता है, नुकसान हो चुका होता है.