सरगुजा: हम आपको बताने जा रहे हैं की आप कैसे घर पर नेचुरल गुलाल बना सकते हैं. अम्बिकापुर में राधा कृष्णा महिला स्वयं सहायता समूह पिछले 3 वर्ष से हर्बल गुलाल बना रहा है और इसके जरिये महिलाओं की आमदनी भी अच्छी हो गई है. हर्बल गुलाल को सुरक्षित होली खेलने के लिये बनाया जाता है. साथ ही इसे बेचकर आप अच्छी आमदनी भी कर सकते हैं.
ऐसे तैयार होता है हर्बल गुलाल: अंजना मिस्त्री बताती हैं कि "सबसे पहले फूल को तोड़ना होता है, फूल और पत्तियों को तोड़कर उनकी पंखुड़ियों को अलग करते हैं. फिर उसे पानी में उबालते हैं. अगर 16 लीटर पानी में पत्ती उबाल रहे हैं, तो उसे 8 लीटर बचने तक उबाला जाता है. जिससे रंग तैयार हो जाता है. फिर इस रंग को अरारोट में भिगोया जाता है. फिर अरारोट में मिलाकर उसे धूप में सुखाया जाता है. उसके बाद सूखने के बाद फिर से अरारोट को मिक्सी में पीसा जाता है. फिर पीसे हुए रंग को सूखाकर. फिर पैकिंग की जाती है"
रंग और गुलाल बनाने के लिए क्या करना होता है : समूह की सदस्य पूजा बताती हैं "पलाश, गेंदा का फूल, चुकंदर, हरी भाजी, नीलकंठ फूल से पहले रंग बनाया जाता है. फूलों को तोड़कर सुखाया जाता है. सूखने के बाद इन फूलों को किसी बर्तन में पानी के साथ उबाला जाता है. जब पानी मे गाढ़ा रंग उतर जाए तो इसे ठंडा कर लेना है. अब यह एक बेहतरीन रंग के रूप में तैयार होता है."
सुगन्ध के लिये करते हैं इत्र का इस्तेमाल:समूह की सदस्य पूजा बतातीं हैं "इस रंग से गुलाल बनाया जाता है. अरारोट के पावडर को इस रंग से भिगोकर रंग दिया जाता है. फिर भीगे हुये अरारोट को धूप में सुखाया जाता है. सूखने के बाद कलर किये हुये अरारोट को मिक्सर में बारीक पीस लेना है और आटा चालने वाली चलनी से इसे चाल लेना है. ऐसे बारीक गुलाल तैयार हो जाता है. गुलाल में खुशबू के लिए सुगंधित इत्र भी डाला जाता है."
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