विश्व पितृ दिवस : रविवार को दुनिया भर में फादर्स-डे मनाया जाएगा. वैसे तो पिता के लिए किसी खास दिन की जरूरत नहीं है, लेकिन आज का यह दिन पूरी दुनिया में पिता के योगदान को समझने और सम्मान देने के उद्देश्य से मनाया जाता है. कहते हैं कि मां के पैरों के नीचे जन्नत होती है, तो सवाल उठता है कि पिता के पास बच्चे को देने के लिए क्या है! पिता ही बच्चे के लिए प्रेरणा का प्रथम स्रोत, रक्षा का कवच और विश्वास का वाहक होता है. फादर्स-डे मौका देता है कि लोग पिता के महत्व को अच्छी तरह से समझें, उनकी कठोरता-प्यार व सहजता के पीछे की भावना को जानें और महसूस करें. फादर्स-डे दुनिया भर में मनाया जाएगा.
जहां एक तरफ मां 9 महीने तक बच्चे को अपने पेट में रखती है, तो वहीं पिता बच्चे का बोझ तब तक उठाता है जब तक उसकी बाहें मजबूत नहीं हो जातीं और वह अपने पैरों पर खड़ा नहीं हो जाता. पिता परिवार की रीढ़ होता है, पिता परिवार की छत होता है. वह अपनी इच्छाओं का त्याग कर अपने बच्चे को दुनिया की सारी खुशियां देता है. दुनिया के सभी पिता को सम्मान देने के लिए हर साल जून के तीसरे रविवार को भारत समेत दुनिया के कई देशों में 'फादर्स-डे' मनाया जाता है.
एक पिता पहले अपने परिवार के बारे में सोचता है और फिर अपने बारे में. एक पिता का काम मंच के कलाकार की तरह होता है, जिसकी मेहनत से लोग अनजान रहते हैं. आमतौर पर लोग नाटक में मंच पर काम करने वाले अभिनेता की अहमियत और मेहनत देखते हैं. जबकि वास्तव में पर्दे के पीछे काम करने वाले लोग अधिक महत्वपूर्ण होते हैं. वैसे ही हमारे जीवन में पिता का महत्व पर्दे के पीछे भूमिका की तरह है.