वाराणसी: उत्तर प्रदेश के रहने वाले हैं और भोकाली न हों? ऐसा कैसे हो सकता है. बड़ी-बड़ी गाड़ियों के साथ ही वीवीआईपी नंबर प्लेट का भोकाल यहां पर चलता है. गाड़ी जितनी महंगी नंबर उतना ही वीवीआईपी होना चाहिए. इसके लिए पैसे चाहे जितने खर्च करने पड़ें वो कर दिए जाते हैं. इन दिनों इसी ट्रेंड की वजह से परिवहन विभाग को अच्छी खासी कमाई हो रही है. वीवीआईपी और फैंसी नंबरों की मांग इतनी बढ़ गई है कि सिर्फ नंबरों को बेचकर विभाग करोड़ों का राजस्व कमा रहा है. परिवहन विभाग के आंकड़ों के मुताबिक अब तक 5000 फैंसी नंबरों की बुकिंग हो चुकी है.
उत्तर प्रदेश में चार पहिया वाहनों से लेकर बाइक तक पर भोकाली नम्बरों की खासा डिमांड देखी जाती है. गाड़ी जितनी महंगी होती है, उतना ही वीवीआइपी नम्बर की डिमांड होती है. परिवहन विभाग को ऐसे नम्बरों को मुहैया कराने में भी अच्छा खासा राजस्व प्राप्त होता है, लेकिन इन दिनों युवाओं ने नया प्रचलन शुरू कर दिया है. वाहनों पर अब वीवीआइपी नम्बर नहीं बल्कि फैंसी यानी अनोखे नम्बरों की डिमांड हो रही है. परिवहन विभाग से मिले आंकड़ों के मुताबिक इस साल परिवहन विभाग की अब तक की कमाई ढाई करोड़ रुपये से ऊपर हो गई है. इसके साथ ही फैंसी नंबरों की बुकिंग लगातार जारी है.
वाहन के लिए कैसे करें मनचाहा नंबर बुकः ARTO सर्वेश चतुर्वेदी ने बताते हैं, 'पहले परिवहन विभाग में नंबर आवंटन की श्रेणियां वीआईपी और वीवीआईपी थीं. अब सरकार ने एक और श्रेणी फैंसी नंबरों की जोड़ दी है. वाहन मालिक इस श्रेणी में मनचाहा नंबर ले सकते हैं. भले ही वे नंबर दिखने में जैसे भी हों. वाहन मालिक जैसा चाहें वैसा नंबर ले सकते हैं. ये नंबर पब्लिक पोर्टल पर उपलब्ध करा दिए गए है.' उनका कहना है, 'परिवहन कार्यालय से इसका कोई लेना-देना नहीं है. वाहन मालिक ऑनलाइन इसके लिए आवेदन कर सकते हैं. उत्तर प्रदेश सरकार ने दोपहिया वाहनों और चार पहिया वाहनों के लिए अलग-अलग दर निर्धारित की है.'