नई दिल्ली : भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) ने शुक्रवार को खुदरा महंगाई को काबू में लाने के लिये नीतिगत दर रेपो को 0.5 प्रतिशत बढ़ाकर 5.4 प्रतिशत कर दिया. इससे मासिक किस्त (ईएमआई) बढ़ने के साथ आवास, वाहन और अन्य कर्ज लेना महंगा होगा. चालू वित्त वर्ष की चौथी मौद्रिक नीति समीक्षा में लगातार तीसरी बार नीतिगत दर बढ़ाई गई है. कुल मिलाकर 2022-23 में अबतक रेपो दर में 1.4 प्रतिशत की वृद्धि की जा चुकी है. इसके साथ ही प्रमुख नीतिगत दर महामारी-पूर्व के स्तर से ऊपर पहुंच गयी है. फरवरी, 2020 में रेपो दर 5.15 प्रतिशत थी. इंडिया रेटिंग्स एंड रिसर्च ने कहा कि आरबीआई के तटस्थ नीतिगत दर तक पहुंचने तक रेपो दर में वृद्धि का सिलसिला जारी रख सकता है.
अब आप आसान भाषा में समझिए कि किस तरह से कर्ज लेना महंगा हो गया है --- आपको बता दें कि जब भी आप होम लोन लेते हैं, तो दो तरह की ब्याज दरें होती हैं. एक को फ्लोटर रेट और दूसरे को फ्लेक्सिबल रेट कहा जाता है. प्लोटर रेट का मतलब होता है कि आपका ब्याज दर फिक्स्ड रहेगा. यानी रेपो रेट बढ़ता है या घटता है, इसका कोई भी प्रभाव आपके लोन पर नहीं पड़ने वाला है. लेकिन प्लेक्सिबल रेट का मतलब होता है ब्याज दर का बदलना. यह रेपो रेट पर निर्भर होता है. रेपो रेट में जैसे ही बदलाव होंगे, आपकी ईएमआई प्रभावित हो जाएगी. ईएमआई किसी भी लोन पर चुकाई जाने वाली मासिक किस्त को कहा जाता है.
इसे और अधिक सरल भाषा में समझना चाहें, तो समझ सकते हैं. मान लीजिए आपने आज से 20 साल पहले 20 लाख रुपये का एक होम लोन लिया था. तब आपने यह तय किया था कि इसे हम 20 सालों में चुका देंगे. उस समय की ब्याज दर 7.55 प्रतिशत थी. उस समय के हिसाब से ब्याज दर 18.81 लाख रु. बनता है. यानी आपको मूल धन और ब्याज (20 + 18.81 = 38.81) मिलाकर 38.81 लाख रुपये चुकाने थे. लेकिन ब्याज दर बढ़ जाने की वजह से आपको 38.81 लाख नहीं, बल्कि 40.29 लाख चुकाने होंगे. क्योंकि इस समय ब्याज दर 8.05 प्रतिशत हो गई है. आप यह कह सकते हैं कि सीधे तौर पर आपको करीब-करीब दो लाख रुपये अधिक चुकाने होंगे.
इससे आप एक और निष्कर्ष निकाल सकते हैं- मात्र आधी फीसदी ब्याज दर बढ़ जाए, तो 20 लाख रुपये के लोन पर दो लाख रुपये का फर्क पड़ जाता है. इसके आधार पर आप अनुमान लगा सकते हैं कि आपने यदि अधिक रुपये का लोन ले रखा है, तो आपको कितनी रकम चुकानी होगी. एक साधारण अनुमान है कि 30 लाख रुपये के लोन पर करीब-करीब ढाई लाख रुपये अतिरिक्त चुकाने होंगे.
कुछ प्रमुख बैंकों के होम लोन की दरें, ये सभी दरें नई रेपो दर की घोषणा होने से पहले की हैं, यानि इनमें बढ़ोतरी होनी तय है. सभी लोन 30 लाख रुपये के लोन पर आधारित हैं.
--पीएनबी--- 7.45 -8.85 फीसदी
--एसबीआई ---7.55-8.55 फीसदी
--बैंक ऑफ महाराष्ट्र ---6.8-8.2 फीसदी