क्वींसलैंड :देश में कोरोनावायरस के केस (Coronavirus Cases) के केसों में एक बार फिर से धीरे-धीरे वृद्धि हो रही है. इसी बीच कोरोना का एक और वेरिएंट (Corona New Variant) सुर्खियों में आ गया है. दरअसल, मुंबई में कोविड-19 के ओमीक्रॉन के नए वेरिएंट का पहला केस मिला है, जिसका नाम ओमीक्रान XE (Corona Omicron XE Variant) है. हालांकि, भारत सरकार ने इसका खंडन किया है. स्वास्थ्य मंत्रालय का कहना है कि मौजूदा साक्ष्य से यह स्पष्ट नहीं होता है कि सैंपल में इस वेरिएंट की मौजूदगी है.
नए वेरिएंट के मामले की पुष्टि हो या ना हो लेकिन इस वेरिएंट को लेकर चिंतित होना स्वभाविक है क्योंकि विश्व स्वास्थ्य संगठन ने इसे सबसे संक्रामक वेरिएंट करार दिया है. अभी तक कोरोना वायरस के सभी वेरिएंट में बीए.2 को सबसे ज्यादा संक्रामक पाया गया था. एक्सई ओमीक्रोन के बीए.1 और बीए.2 सब वेरिएंट में म्यूटेशन से बना है. इसे स्टील्थ वैरिएंट भी कहा जा रहा है, क्योंकि प्रतिरक्षा प्रणाली को चकमा देने में सक्षम है. विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) ने इसे पहले के वैरिएंट की तुलना में ज्यादा संक्रामक बताया है. ऐसे में सावधान रहना और इस वैरिएंट के बारे में जानना आवश्यक हो जाता है.
क्या है ओमीक्रॉन XE?
ओमीक्रॉन XE, ओमीक्रॉन के पुराने दो वर्जन BA.1 और BA.2 का म्यूटेंट वर्जन है. रिपोर्ट के अनुसार, ये वेरिएंट सबसे पहली बार 19 जनवरी को यूके में पाया गया था. साथ ही बताया जा रहा है कि ये वेरिएंट पहले के सभी वेरिएंट में सबसे ज्यादा संक्रामक है यानी काफी तेजी से फैलता है और अभी तक का सबसे तेज फैलने वाला वेरिएंट है. बताय गया है कि जब किसी एक ही व्यक्ति को एक ही समय में एक से ज्यादा वेरिएंट शिकार बना लेते हैं तो इनके जेनेटिक मेटेरियल के मिक्सअप से नया वेरिएंट बन सकता है. अगर इन हाइब्रिड वेरिएंट की बात करें तो अभी तक तीन वेरिएंट का पता चल चुका है, जिनमें XD, XE, XF शामिल है. इसमें एक्स डी और एक्स एफ दोनों डेल्टा और BA.1 के कॉम्बिनेशन से बने हैं.
कितना खतरनाक है XE वेरिएंट?
यदि नए XE वेरिएंट की बात करें तो एक तो इसे तेजी से फैलने वाला वेरिएंट बताया जा रहा है, ऐसे में इसे फैलने से रोकना काफी मुश्किल हो सकता है. वहीं, स्वास्थ्य पर पड़ने वाले असर के हिसाब से देखें तो शुरुआत में इसे ज्यादा खतरनाक नहीं माना जा रहा है, लेकिन अभी भी डब्ल्यूएचओ कई सब वेरिएंट्स पर रिसर्च कर रहा है कि ये हेल्थ के लिए कितने खतरनाक साबित हो सकता है.
ये भी पढ़ें - गुजरात में ओमीक्रोन के एक्सई वेरियंट का पहला मामला सामने आया
क्या हैं XE वेरिएंट के लक्षण?
यूके की स्वास्थ्य सुरक्षा एजेंसी के मुताबिक, एक्सई में नाक बहने, छींकने और गले में खराश जैसे लक्षण होते हैं, जो वायरस के मूल स्ट्रेन के विपरीत होते हैं, क्योंकि मूल स्ट्रेन में आमतौर पर रोगी को बुखार और खांसी की शिकायत रहती है और साथ ही उसे किसी चीज का स्वाद नहीं आता और कोई गंध भी नहीं आती है. 22 मार्च तक इंग्लैंड में एक्सई के 637 मामलों का पता चला था.
ओमीक्रोन के XE वेरिएंट की अब तक सामने आई जानकारी
- एक्सई वेरिएंट ओमीक्रोन वेरिएंट के उपभेदों का एक उत्परिवर्तन (म्यूटेशन ऑफ स्ट्रेन) है, जो दुनिया भर में फैला हुआ है. इसके बारे में पहली बार 19 जनवरी को यूके में पता चला था और तब से सैकड़ों रिपोर्ट और पुष्टि की जा चुकी है.
- शुरुआती संकेत बताते हैं कि यह अन्य ओमीक्रोन म्यूटेशन की तुलना में लगभग 10 प्रतिशत अधिक तेजी से फैल सकता है.
- विश्व स्वास्थ्य संगठन के अनुसार, नया XE वेरिएंट दो अन्य ओमीक्रोन वेरिएंट्स, बीए.1 और बीए.2 का एक म्यूटेंट हाईब्रिड है और वैश्विक स्तर पर फैल रहे मामलों के लिए जिम्मेदार है.
- विश्व स्वास्थ्य संगठन ने कहा है कि नया म्यूटेंट ओमीक्रोन के बीए.2 सब-वैरिएंट की तुलना में लगभग 10 प्रतिशत अधिक ट्रांसमिसिबल (तेजी से फैलने वाला) है.
- हालांकि दुनिया भर में XE के फिलहाल कम ही मामले देखने को मिले हैं, मगर इसकी अत्यधिक उच्च संचरण क्षमता का मतलब यह हो सकता है कि यह निकट भविष्य में सबसे प्रभावशाली स्ट्रेन बन जाता है.
- हाल ही में डब्ल्यूएचओ की रिपोर्ट में कहा गया है, XE (बीए.1-बीए.2), पहली बार 19 जनवरी को यूके में पाया गया था और 600 से कम सीक्वेंस की रिपोर्ट और पुष्टि की गई है.
- इसमें कहा गया है, शुरूआती दिन के अनुमान बीए.2 की तुलना में सामुदायिक विकास दर में 10 प्रतिशत का संकेत देते हैं, हालांकि, इसके लिए और पुष्टि की आवश्यकता है.
- यूके की स्वास्थ्य सुरक्षा एजेंसी के अनुसार, एक्सई में नाक बहने, छींकने और गले में खराश जैसे लक्षण होते हैं, जो वायरस के मूल स्ट्रेन के विपरीत होते हैं, क्योंकि मूल स्ट्रेन में आमतौर पर रोगी को बुखार और खांसी की शिकायत रहती है और साथ ही उसे किसी चीज का स्वाद नहीं आता और कोई गंध भी नहीं आती है.
- एजेंसी ने कहा कि 22 मार्च तक इंग्लैंड में एक्सई के 637 मामलों का पता चला था.
- थाईलैंड और न्यूजीलैंड में भी एक्सई वेरिएंट का पता चला है. WHO ने कहा है कि म्यूटेशन के बारे में और कुछ कहने से पहले और डेटा पर गौर करने की आवश्यकता है. (PTI)