हरिद्वार/नैनीताल :कुंभ कोरोना टेस्ट फर्जीवाड़ा मामले में गुरुवार को आरोपित कंपनी मैक्स कॉरपोरेट सर्विस और उसकी दोनों अनुबंधित लैब (हिसार की नलवा) के अधिकारी हरिद्वार पहुंचे, जहां हरिद्वार सीडीओ (मुख्य विकास अधिकारी) सौरव गहरवार की अध्यक्षता में बनी कमेटी ने कंपनी और टेस्टिंग लैब के अधिकारियों से घंटों पूछताछ की. वहीं नैनीताल हाई कोर्ट से चंदानी पैथोलॉजी लैब को बड़ी राहत मिली है. हाई कोर्ट की एकल पीठ ने चंदानी पैथोलॉजी लैब के कर्मचारियों की गिरफ्तारी पर रोक लगाते हुए घोटाले की जांच में सहयोग करने के आदेश दिए हैं.
जानकारी के अनुसार आरोपित फर्म मैक्स कॉरपोरेट सर्विस के प्रतिनिधि जिला मुख्यालय रोशनाबाद स्थित विकास भवन में सीडीओ सौरभ गहरवार के कार्यालय पहुंचे. वहीं हिसार हरियाणा की नलवा लैब के प्रतिनिधि से विकास भवन में पूछताछ हुई. उधर दिल्ली के लालचंदानी लैब के संचालकों ने सोमवार को हरिद्वार आने के लिए कहा है.
बंद कमरे में छह घंटे चली पड़ताल पढ़ें- हरिद्वार महाकुंभ में कोरोना जांच फर्जीवाड़े की खुल सकती हैं कई परतें, जांच जारी
सीडीओ सौरव गहरवार ने मैक्स कॉरपोरेट सर्विस के संचालकों से करीब छह घंटे तक पूछताछ की. सूत्रों के अनुसार बंद कमरे में चली पूछताछ में जांच कमेटी को कई अहम जानकारियां हाथ लगी हैं. इसके अलावा टेस्टिंग लैब नलवा के संचालकों से एसआईटी ने भी घंटों पूछताछ की. पूछताछ खत्म होने के बाद सीडीओ सौरव गहरवार ने बताया कि जांच कमेटी ने मैक्स कॉरपोरेट सर्विस से कुछ और अहम दस्तावेज मांगे हैं. उम्मीद है कि जल्द ही सभी तथ्य सामने आ जाएंगे. उन्होंने बताया कि तीसरी आरोपी कंपनी लाल चंदानी लैब ने सोमवार को पेश होने की बात कही है.
बता दें कि फर्जी कोविड जांच मामला चर्चाओं में आने के बाद हरिद्वार सीएमओ शंभूनाथ झा ने मैक्स कॉर्पोरेट, चंदानी लैब और नलवा लैब के खिलाफ कोतवाली में मुकदमा दर्ज कराया था. मामले में पुलिस ने मैक्स कॉर्पोरेट, चंदानी और नलवा लैब के खिलाफ आईपीसी की धारा 420, 468, 471, 188, 120B, 269, 270 और आपदा अधिनियम एक्ट के तहत मुकदमा दर्ज किया था.
सीएमओ द्वारा कराई गई एफआईआर को चंदानी लैब ने नैनीताल हाई कोर्ट में चुनौती दी है. चंदानी लैब ने एफआईआर को रद्द करने और गिरफ्तारी पर रोक लगाने की मांग की है. मामले में सुनवाई करते हुए न्यायाधीश नारायण सिंह धनिक की एकल पीठ ने सुप्रीम कोर्ट के फैसले को अरनेश कुमार बनाम बिहार सरकार को आधार मानते हुए चंदानी पैथोलॉजी लैब की गिरफ्तारी पर रोक लगा दी, जिससे चंदानी पैथोलॉजी लैब को बड़ी राहत मिली है.