श्रीनगर :आज की भागदौड़ वाली जीवनशैली में लोगों में स्टोन (पथरी) होना आम बात है. हालांकि, पथरी होने पर मरीजों को कई तकलीफों का सामना करना पड़ता है. साथ ही दर्द की पीड़ा भी सहनी पड़ती है. जिसका इलाज पत्थरी के साइज के हिसाब से ही डॉक्टर तय करते हैं. इससे निजात पाने के लिए अमूमन शरीर के जिस हिस्से में यह पथरी होता है, उसे डॉक्टर ऑपरेट कर निकालते हैं. लेकिन संयुक्त अस्पताल श्रीनगर के होम्योपैथी डॉक्टर ने बिना ऑपरेशन के ही पथरी को बाहर निकाल दिया.
जी हां, संयुक्त अस्पताल श्रीनगर में होम्योपैथी डिपार्टमेंट ने यह कमाल कर दिखाया है. यहां के डॉक्टर ने मरीज को एक माह तक दवाई सेवन करने को दिया. जिसके बाद मरीज के शरीर से तीन पथरियां यूरिन के जरिए बाहर निकल आयीं. अब मरीज चैन की सांस ले रहा है. वहीं, इस घटना के बाद एलोपैथ के जानकार भी हैरान हैं.
होम्योपैथ दवा ने किया 'चमत्कार' दरअसल, 58 साल की सुंदरी देवी लंबे समय से पेट दर्द से परेशान थीं. उनके पेट के निचले हिस्से में तेज दर्द की शिकायत रहती थी. इस दर्द से निजात पाने के लिए सुंदरी देवी संयुक्त अस्पताल के वरिष्ठ होम्योपैथी डॉक्टर शैलेंद्र ममगाई के पास पहुंचीं और अपनी समस्या बताई. ज्यादा देर ना करते हुए डॉक्टर ममगाई ने पहले उनका अल्ट्रासाउंड किया.
अल्ट्रासाउंड में सुंदरी देवी के पेट मे स्टोन का पता चला. जिसके बाद लक्षण के आधार पर डॉक्टर ममगाई ने उन्हें मदर टिंचर ओर डाई लुसन दवा का कॉकटेल दिया. इस दवाओं का सेवन करने के एक माह से पहले ही महिला के पेट से पथरी यूरिन के जरिए बाहर आ गई. हैरत की बात ये थी कि महिला के गॉल ब्लैडर में कुल तीन पथरियां थीं, जो बाहर आ गईं हैं. इन तीनों स्टोन का साइज 4 सेंटीमीटर और दो पथरी 3-3 सेंटीमीटर थी.
डॉक्टर शैलेंद्र ममगाई ने बताया कि होम्योपैथी में लक्षण के आधार पर मरीज का इलाज सुनिश्चित किया जाता है. इस मामले में साफ था कि महिला की पित्थ की थैली में पथरी है. जिसके बाद से उन्हें पेट मे दर्द और पेशाब करने में दिक्कतें आ रहीं थीं. इस आधार पर उन्हें होम्योपैथ की दवाएं दी गईं. परिणाम ये हुआ कि पथरी आराम से ही निकल गयी. उन्होंने भी माना कि ऐसे मामलों में ऑपरेशन की आवश्यकता आती है, लेकिन दवाओं के जरिए भी इलाज संभव है.
वहीं, संयुक्त अस्पताल के वरिष्ठ सजर्न डॉ. लोकेश सलूजा भी इसे चमत्कार जैसा मान रहे हैं. उन्होंने कहा कि जिस साइज की पथरी इस मामले में दवाई के जरिए निकली है. ऐसे मामलों को अधिकतर सर्जरी ही की जाती है. उन्होंने बताया कि 4 सेंटीमीटर की पथरी ऑपरेशन के जरिये ही निकाली जाती है.
पढ़ेंःअभिभावक और सिस्टम के बीच बेहतर संवाद बनाएंगे 'स्कूल मित्र', शिक्षा मंत्री ने की शुरुआत