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Home secretary Meet Assam CM: गृह सचिव, आईबी प्रमुख ने दिल्ली में असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा से की मुलाकात - IB chief meet Assam Chief Minister Himanta Biswa

केंद्रीय गृह सचिव अजय कुमार भल्ला और खुफिया ब्यूरो (आईबी) के निदेशक तपन डेका ने असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा से मुलाकात की है. यह मुलाकात प्रतिबंधित कामतापुर लिबरेशन ऑर्गनाइजेश के साथ होने वाले बहुप्रतीक्षित शांति समझौते को लेकर हुई. पढ़े इस पर हमारे वरिष्ठ संवाददाता गौतम देबरॉय की रिपोर्ट...

Assam Chief Minister Himanta Biswa
असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा

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Published : Jan 18, 2023, 10:37 PM IST

नई दिल्ली: प्रतिबंधित कामतापुर लिबरेशन ऑर्गनाइजेशन (केएलओ) के साथ होने वाले एक बहुप्रतीक्षित शांति समझौते के बीच, केंद्रीय गृह सचिव अजय कुमार भल्ला और खुफिया ब्यूरो (आईबी) के निदेशक तपन डेका ने बुधवार को असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा से नई दिल्ली में असम हाउस में मुलाकात की.

लगभग एक घंटे तक चली बैठक कथित तौर पर केएलओ के साथ शांति समझौते पर केंद्रित थी. केएलओ जीवन सिंहा के स्वयंभू कमांडर इन चीफ ने कुछ अन्य कैडरों के साथ मंगलवार को भारत-म्यांमार सीमा पर असम राइफल्स के सामने आत्मसमर्पण कर दिया.

सरमा, भल्ला और डेका के बीच बुधवार की बैठक इस तथ्य के बाद महत्व रखती है कि असम के मुख्यमंत्री ने केएलओ के साथ शांति वार्ता शुरू करने के लिए एक बड़ी पहल की. पिछले साल, केएलओ प्रमुख सिंघा ने शांति प्रक्रिया शुरू करने के लिए सरमा को धन्यवाद दिया था. सिंघा ने सरमा से इस उद्देश्य के लिए संगठन द्वारा नियुक्त पांच मध्यस्थों के साथ बातचीत की प्रक्रिया को आगे बढ़ाने की भी अपील की.

KLO का गठन 1995 में उत्तर बंगाल के अलीपुरद्वार में एक अलग कामतापुर राज्य की मांग के लिए किया गया था. खुफिया सूत्रों ने कहा कि केएलओ प्रमुख सिंघा और कुछ अन्य सदस्यों को इस सप्ताह तक समझौते पर हस्ताक्षर करने के लिए दिल्ली भेजा जा चुका है. घटनाक्रम से वाकिफ एक वरिष्ठ अधिकारी ने ईटीवी भारत को बताया कि एक अलग कामतापुर राज्य देना इस समय संभव नहीं हो सकता है. हालांकि, शांति प्रक्रिया को आगे बढ़ाने के लिए समझौते पर हस्ताक्षर किए जाएंगे.

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केएलओ द्वारा मांगे गए 'कामतापुर राज्य' में उत्तरी बंगाल के क्षेत्र और निचले असम जिलों के कुछ हिस्से शामिल हैं. गौरतलब है कि वार्ता प्रक्रिया में पश्चिम बंगाल सरकार की भागीदारी इस तथ्य के बाद भी महत्वपूर्ण है कि केएलओ प्रमुख के खिलाफ बंगाल में यूएपीए के तहत कई गंभीर मामले दर्ज थे.

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