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Stone pelting during Garba : बोले गुजरात के मंत्री, 'पत्थर चलाने वालों की पिटाई सही कदम' - undefined

गरबा के दौरान पत्थरबाजी की घटना पर गुजरात के गृह मंत्री ने कड़ा बयान दिया है. उन्होंने कहा कि जिन पर पत्थर बरसाए गए, उनका भी मानव अधिकार है. उन्होंने कहा कि पुलिस ने पत्थर चलाने वालों पर जो कार्रवाई की है, वह उचित है.

home minister Gujarat on stone pelters
गुजरात के गृह मंत्री

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Published : Oct 7, 2022, 1:04 PM IST

Updated : Oct 7, 2022, 1:14 PM IST

अहमदाबाद: गुजरात के गृह मंत्री हर्ष सांघवी ने गुजरात यूनिवर्सिटी के एक कार्यक्रम में बड़ा बयान दिया. ये बयान खेड़ा में गरबा के दौरान हुए पथराव और फिर पुलिस की कार्रवाई से जुड़ा हुआ है. हर्ष संघवी ने कहा कि नवरात्रि के दौरान असामाजिक तत्वों द्वारा पथराव किया गया.

उन्होंने कहा कि यदि गांव के चौराहे पर गरबा किसी को पसंद नहीं है, तो उसे पत्थर मारने का भी अधिकार नहीं है. पत्थर मारने वालों का कोई धर्म नहीं होता है. पत्थर जिनको मारा गया है उनका भी मानवाधिकार है. अब वक्त आ गया है कि ऐसे लोगों को जवाब देना चाहिए.

मंत्री ने कहा कि गुजरात पुलिस ने गरबा उत्सव के दौरान बहुत अच्छा काम किया है. लोग देर रात तक गरबा खेले हैं साथ ही लोगों को रोजगार मिला है. इसके लिए वे गुजरात पुलिस का अभिनंदन करते हैं. खेड़ा के उंधेरा गांव में नवरात्रि के दौरान पथराव की घटना सुप्रीम कोर्ट पहुंच गई है. अहमदाबाद के एनजीओ वकील आनंद याज्ञनिक के जरिए नोटिस दिया गया है. जिसमें कहा गया कि पुलिस का यह रवैया सुप्रीम कोर्ट के फैसले का पूरी तरह उल्लंघन है.

खेड़ा जिले में धार्मिक अशांति फैलाने का प्रयास किया गया. उंढेरा गांव में चल रहे गरबा के दौरान कुछ तत्वों ने पथराव कर शांति भंग करने का प्रयास किया. इस घटना के सिलसिले में पुलिस ने पथराव मामले में कई संदिग्धों को गिरफ्तार किया और सार्वजनिक रूप से बेरहमी से पीटा. इस मामले में जिम्मेदार पुलिस कर्मियों के खिलाफ कार्रवाई की मांग करते हुए अहमदाबाद स्थित एक एनजीओ ने अपने वकील आनंद याज्ञनिक के माध्यम से राज्य के मुख्य सचिव, अतिरिक्त मुख्य सचिव, गृह विभाग, डीजीपी और खेड़ा जिले के पुलिस प्रमुख को कानूनी नोटिस भेजा है.

नोटिस से मिली जानकारी के मुताबिक इस नोटिस में मांग की गई है कि पुलिस का यह रवैया सुप्रीम कोर्ट के फैसले का उल्लंघन है. जिम्मेदार पुलिस अधिकारी के विरुद्ध उचित विभागीय, अनुशासनात्मक, दंडात्मक एवं आपराधिक कार्यवाही की जाये. घटना को 48 घंटे से अधिक समय बीत जाने के बाद भी जिम्मेदार पुलिसकर्मी के खिलाफ सिस्टम द्वारा कोई कार्रवाई नहीं की गई है.

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Last Updated : Oct 7, 2022, 1:14 PM IST

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