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Hyderabad Liberation Day Celebrations: अमित शाह 17 सितंबर को हैदराबाद मुक्ति दिवस समारोह में शरीक होंगे - हैदराबाद मुक्ति दिवस समारोह में अमित शाह

अपनी यात्रा के दौरान शाह, निजाम की सेना और रजाकार (निजाम के शासन के सशस्त्र समर्थकों) के खिलाफ लड़ने वाले सैनिकों को श्रद्धांजलि अर्पित करेंगे तथा परेड ग्राउंड कार्यक्रम में राष्ट्र ध्वज फहराएंगे.

Amit Shah in Hyderabad Liberation Day Celebrations
हैदराबाद मुक्ति दिवस समारोह में अमित शाह

By ETV Bharat Hindi Team

Published : Sep 12, 2023, 4:48 PM IST

हैदराबाद: केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह यहां 17 सितंबर को हैदराबाद 'मुक्ति दिवस' समारोह में शरीक होंगे. केंद्रीय मंत्री जी किशन रेड्डी ने मंगलवार को यह जानकारी दी. केंद्र इस कार्यक्रम का आयोजन यहां परेड ग्राउंड में करेगा. तत्कालीन हैदराबाद रियासत का 17 सितंबर 1948 को भारत संघ में विलय किया गया था और केंद्र ने मुक्ति दिवस मनाने के लिए पिछले साल एक आधिकारिक कार्यक्रम का आयोजन किया था, जिसमें शाह शरीक हुए थे.

भाजपा की तेलंगाना इकाई के प्रमुख रेड्डी ने संवाददाताओं से कहा, 'जैसा कि पिछले साल की बैठक में वादा किया गया था, अमित शाह इस साल भी हैदराबाद आ रहे हैं. हम (यह कार्यक्रम) इसी मैदान में आयोजित कर रहे हैं.' उन्होंने कहा कि एक और कार्यक्रम यहां राष्ट्रपति निलयम में आयोजित किया जाएगा तथा राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू कार्यक्रम में शरीक होंगी. तेलंगाना की राज्यपाल तमिलिसाई सौंदरराजन भी कार्यक्रम में शामिल होंगी.

अपनी यात्रा के दौरान शाह, निजाम की सेना और रजाकार (निजाम के शासन के सशस्त्र समर्थकों) के खिलाफ लड़ने वाले सैनिकों को श्रद्धांजलि अर्पित करेंगे तथा परेड ग्राउंड कार्यक्रम में राष्ट्र ध्वज फहराएंगे. शाह अपने भाषण से पहले, अर्द्धसैनिक बलों के सलामी गारद का निरीक्षण करेंगे. रेड्डी ने आरोप लगाया कि निजाम ने उनके क्षेत्र का इस्लामीकरण कर दिया और रजाकारों ने निजाम शासन के दौरान हिंदुओं पर अत्याचार किए. उन्होंने सरकार द्वारा (17 सितंबर को) आधिकारिक रूप से मुक्ति दिवस नहीं मनाने के लिए पूर्ववर्ती कांग्रेस सरकार और भारत राष्ट्र समिति (बीआरएस) सरकार की आलोचना की.

रेड्डी ने कांग्रेस पर आरोप लगाया कि जब वह (अविभाजित आंध्र प्रदेश में) सत्ता में थी तब उसने पूर्ववर्ती हैदराबाद रियासत की मुक्ति से जुड़े इतिहास को दबा दिया था. उन्होंने पिछले साल 17 सितंबर को केंद्र द्वारा आयोजित समारोह में शामिल नहीं होने के लिए मुख्यमंत्री के. चंद्रशेखर राव पर भी प्रहार किया. उन्होंने आरोप लगाया, 'केसीआर पिछले साल शरीक नहीं हुए, क्योंकि एआईएमआईएम नेता असदुद्दीन ओवैसी ने उन्हें अनुमति नहीं दी.'

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केंद्रीय पर्यटन मंत्री ने कहा कि यह कार्यक्रम कोई धार्मिक मुद्दा नहीं है, बल्कि इतिहास का मुद्दा है और रजाकारों के खिलाफ लड़ने वालों की आकांक्षाएं हैं. पूर्ववर्ती हैदराबाद रियासत के 17 सितंबर 1948 को भारत संघ में विलय होने के दिन की व्याख्या तेलंगाना के विभिन्न राजनीतिक दलों द्वारा अलग-अलग तरह से की जाती है. इस बीच, असदुद्दीन ओवैसी-नीत ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन (एआईएमआईएम) ने कहा है कि यह 17 सितंबर को एक मोटरसाइकिल रैली और एक जनसभा करेगी तथा राष्ट्रीय एकीकरण दिवस मनाएगी.

पीटीआई-भाषा

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