दिल्ली

delhi

ETV Bharat / bharat

Amit Shah On Women Reservation Bill : महिला आरक्षण बिल पर गृह मंत्री अमित शाह का जवाब

अमित शाह ने कहा कि यह युग बदलने वाला विधेयक है. उन्होंने कहा कि कल नए संसद भवन में कार्य का श्रीगणेश हुआ और पहले ही दिन महिलाओं को अधिकार देने का बिल पेश कर दिया गया. इसलिए कल का दिन स्वर्ण अक्षरों में लिखा जाएगा. हमारी सरकार ने मातृ शक्ति को सम्मानित करने का काम किया है. यह एक संविधान संशोधन विधेयक है. और विधेयक जब कानून बनेगा, तो एक तिहाई सीटें महिलाओं के लिए आरक्षित हो जाएगा. साथ ही दिल्ली विधानसभा के लिए भी बदलाव किया गया है.

Amti Sah
अमति शाह

By PTI

Published : Sep 20, 2023, 6:12 PM IST

Updated : Sep 20, 2023, 10:21 PM IST

नई दिल्ली : अमित शाह ने कहा कि यह युग बदलने वाला विधेयक है. उन्होंने कहा कि कल नए संसद भवन में कार्य का श्रीगणेश हुआ और पहले ही दिन महिलाओं को अधिकार देने का बिल पेश कर दिया गया. इसलिए कल का दिन स्वर्ण अक्षरों में लिखा जाएगा. हमारी सरकार ने मातृ शक्ति को सम्मानित करने का काम किया है. यह एक संविधान संशोधन विधेयक है. और विधेयक जब कानून बनेगा, तो एक तिहाई सीटें महिलाओं के लिए आरक्षित हो जाएगा. साथ ही दिल्ली विधानसभा के लिए भी बदलाव किया गया है.

यह मामला सिर्फ आरक्षण से जुड़ा नहीं है. यह उनके सम्मान और सुरक्षा से भी जुड़ा है. यह मुद्दा हमारी सरकार के लिए प्राण हैं. जब से मोदी पीएम बने, उसी दिन से महिलाओं के लिए काम करना शुरू कर दिया था. आप जनधन योजना का उदाहरण देख सकते हैं. यहां पर 50 फीसदी से अधिक खाता महिलाओं के ही हैं.

10 करोड़ परिवार को धुआं से मुक्त किया गया. अन्यथा वह फेफड़े की बीमारी से ग्रस्त हो सकते थे. उन्हें एलपीजी सिलेंडर उपलब्ध करवाया गया. तीन करोड़ से अधिक महिलाओं को घर दिया गया. 12 करोड़ घरों में पानी पहुंचाया गया.

सुकन्या समृद्ध खाते खुलवाए गए. मातृ वंदना योजना लागू किया गया. 26 सप्ताह का मातृत्व अवकाश दिया गया. विमान उड़ाने वाले पायलट में महिला की भागीदारी 15 फीसदी भारत में है. पूरी दुनिया में यह औसत पांच फीसदी है. हमारी सरकार ने बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ का नारा दिया और उसे सार्थक भी किया.

दुर्गा, सरस्वती और लक्ष्मी तीनों स्वरूपों में हमने मां की पूजा की है. जिनकी जड़ें भारत से जुड़ी हों वे ही इसे महसूस कर सकते हैं. गार्गी, मैत्रेयी, लोपामुद्रा ने योगदान दिया है. अदिति को इंद्र की मां माना जाता है. वह चारों वेदों में पारंगत थीं.

विधेयक को पहली बार एचडी देवेगौड़ा लेकर आए थे. कांग्रेस सरकार में शामिल नहीं थी. गीता मुखर्जी की अगुआई में संयुक्त संसदीय समिति को सौंपा गया. लेकिन इसे पूरा नहीं किया जा सका. अटल सरकार ने भी कोशिश की. आडवाणी के हाथ से बिल छीन लिया गया था. दोबारा भी कोशिश की गई, फिर भी वह सफल नहीं हुए. मनमोहन सिंह संशोधन लेकर आए. राज्यसभा में संशोधन पारित हो गया. लेकिन लोकसभा में इस विधेयक को लाया नहीं जा सका. इसलिए मैंने कहा कि यह विधेयक लंबित ही नहीं है. क्योंकि सभी लंबित विधेयक लोकसभा भंग होते ही खत्म हो जाते हैं.

महिलाओं को एक तिहाई आरक्षण से संबंधित संविधान (128वां संशोधन) विधेयक, 2023 पर निचले सदन में चर्चा में हस्तक्षेप करते हुए शाह ने विपक्षी कांग्रेस और उसके नेता राहुल गांधी पर परोक्ष निशाना भी साधा और कहा, ‘‘कुछ पार्टियों के लिए महिला सशक्तीकरण राजनीतिक एजेंडा हो सकता है, राजनीतिक मुद्दा हो सकता है, चुनाव जीतने का हथियार हो सकता है, लेकिन मेरी पार्टी और मेरे नेता नरेन्द्र मोदी के लिए महिला सशक्तीकरण राजनीतिक मुद्दा नहीं है, मान्यता का सवाल है, कार्य संस्कृति का सवाल है.’’

देश में जनगणना होने और परिसीमन होने के बाद महिला आरक्षण से जुड़ा कानून लागू होने की स्थिति में इसे मूर्त रूप लेने में कई साल लग जाने संबंधी विपक्षी सदस्यों की आशंकाओं पर गृह मंत्री ने कहा कि परिसीमन आयोग अर्द्धन्यायिक प्रक्रिया का हिस्सा है जिसके प्रमुख उच्चतम न्यायालय के सेवानिवृत्त न्यायाधीश होते हैं और इसमें चुनाव आयोग के प्रतिनिधि और सभी दलों के एक-एक सदस्य होते हैं. उन्होंने कहा कि यह आयोग हर राज्य में जाकर पारदर्शी तरीके से नीति निर्धारण करता है और इसके पीछे केवल और केवल पारदर्शिता का ही सवाल है.

शाह ने तत्काल नारी शक्ति वंदन अधिनियम लागू करने के राहुल गांधी समेत अनेक विपक्षी सदस्यों के सुझाव पर कहा कि देश में महिलाओं के लिए आरक्षित होने वाली एक तिहाई सीटें कौन तय करेगा? उन्होंने हल्के-फुल्के अंदाज में कहा कि अगर वायनाड (राहुल गांधी के संसदीय क्षेत्र) में ऐसा हो गया तो क्या होगा, अगर हैदराबाद सीट महिला के लिए आरक्षित कर दी जाए तो एआईएमआईएम सांसद असदुद्दीन ओवैसी नाराज हो जाएंगे.

गृह मंत्री ने राहुल का नाम लिये बिना उन पर निशाना साधते हुए यह भी कहा कि ‘‘कोई एनजीओ उन्हें चिट बनाकर दे देता है, उसे यहां पढ़ दिया जाता है। राजनीति के लिए लोग भाषण करते रहे, लेकिन मन से कल्याण करने का काम नरेन्द्र मोदी ने किया है.’’ शाह ने कहा कि राहुल गांधी ने सरकार के 90 सचिवों में से केवल तीन अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) वर्ग से होने की बात कही. उन्होंने कहा, ‘‘उनकी समझ वही जानें. लेकिन देश सचिव नहीं चलाते, सरकार चलाती है.’’

शाह ने कहा कि इस सरकार में 29 मंत्री ओबीसी समुदाय के हैं. उन्होंने कहा कि भाजपा के 85 सांसद (29 प्रतिशत) ओबीसी के, देश में पार्टी के 1358 में से 27 प्रतिशत विधायक ओबीसी के और 40 प्रतिशत विधान परिषद सदस्य इस वर्ग से हैं. शाह ने कहा, ‘‘ओबीसी का राग अलापने वालों को मैं कहना चाहता हूं कि आपकी पार्टियों ने कभी ओबीसी को प्रधानमंत्री नहीं बनाया, भाजपा ने बनाया.’’

उन्होंने कहा कि पहले भी चार बार महिला आरक्षण विधेयक पारित कराने के प्रयास हो चुके हैं, लेकिन कुछ कारणों से वे आगे नहीं बढ़ सके. उन्होंने कहा, ‘‘ क्या प्रयास अधूरे थे, क्या मंशा नहीं थी? मैं उसके कारणों में नहीं जाना चाहता और किसी पर दोषारोपण नहीं करना चाहता.’’ शाह ने कहा कि कुछ लोग सोशल मीडिया में भूमिका बना रहे हैं कि इस विधेयक में ओबीसी को आरक्षण का प्रावधान नहीं है, मुसलमानों को आरक्षण का प्रावधान नहीं है, इसलिए इसका विरोध होना चाहिए. उन्होंने कहा कि अगर इसका समर्थन आज नहीं करेगे तो भी क्या यह जल्दी आ जाएगा? तब भी 2029 के बाद ही आएगा.

शाह ने कहा, ‘‘लेकिन अगर समर्थन करेंगे तो इसके आने की गारंटी होगी. हम शुरुआत तो करें. इसमें कोई देरी नहीं होनी है. चुनाव के बाद तुरंत जनगणना और परिसीमन दोनों होंगे और बहुत जल्द यह कानून बनेगा. हम जो कहते हैं, वह करते हैं.’’

ये भी पढ़ें : Parliament Special Session: लोकसभा में राहुल ने कहा, OBC कोटा के बिना महिला आरक्षण बिल अधूरा

(एक्स्ट्रा इनपुट- पीटीआई-भाषा)

Last Updated : Sep 20, 2023, 10:21 PM IST

For All Latest Updates

ABOUT THE AUTHOR

...view details