नई दिल्ली : केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह (Union Home Minister Amit Shah) द्वारा बुलाई गई सर्वदलीय बैठक में शनिवार को मणिपुर की स्थिति पर विस्तृत चर्चा की गई और इस दौरान कई विपक्षी दलों ने प्रदेश में सर्वदलीय प्रतिनिधिमंडल भेजने का आग्रह किया. हालांकि सरकार ने इसको लेकर कोई प्रतिबद्धता नहीं जताई है. सूत्रों ने यह जानकारी दी है. कांग्रेस और कुछ अन्य दलों ने मुख्यमंत्री एन बीरेन सिंह को हटाने की मांग की तो कुछ विपक्षी पार्टियों ने मणिपुर में राष्ट्रपति शासन लगाने का आग्रह किया.
सूत्रों के अनुसार, सरकार ने इस बात पर जोर दिया कि वह सामान्य स्थिति बहाल करने के लिए पूरा प्रयास कर रही है. बैठक के बाद भारतीय जनता पार्टी के मणिपुर प्रभारी संबित पात्रा ने बताया कि गृह मंत्री अमित शाह ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के निर्देश पर मणिपुर में शांति बहाली के लिए सारे प्रयास किए जा रहे हैं. पात्रा के मुताबिक, गृह मंत्री ने बैठक में यह भी कहा कि मणिपुर में हिंसा की शुरुआत से एक दिन भी ऐसा नहीं रहा होगा जब उन्होंने हालात को लेकर प्रधानमंत्री मोदी से बात नहीं की हो या फिर प्रधानमंत्री ने निर्देश नहीं दिए हों.
भारतीय जनता पार्टी (भाजपा), कांग्रेस, तृणमूल कांग्रेस और वामदलों सहित विभिन्न राजनीतिक दलों के नेताओं ने बैठक में भाग लिया. मणिपुर में मेइती और कुकी समुदाय के बीच तीन मई को भड़की हिंसा में अब तक लगभग 120 लोगों की मौत हो चुकी है और तीन हजार से अधिक लोग घायल हुए हैं. बैठक में भाजपा अध्यक्ष जे. पी. नड्डा, मणिपुर के पूर्व मुख्यमंत्री एवं कांग्रेस नेता ओकराम इबोबी सिंह, तृणमूल कांग्रेस के नेता डेरेक ओ ब्रायन, मेघालय के मुख्यमंत्री एवं नेशनल पीपुल्स पार्टी (एनपीपी) के नेता कोनराड संगमा, शिवसेना (यूबीटी) की नेता प्रियंका चतुर्वेदी, अखिल भारतीय अन्ना द्रविड़ मुनेत्र कषगम (अन्नाद्रमुक) नेता एम. थंबी दुरई, द्रविड़ मुनेत्र कषगम (द्रमुक) के नेता तिरुचि शिवा, बीजू जनता दल (बीजद) के नेता पिनाकी मिश्रा, आम आदमी पार्टी (आप) के नेता संजय सिंह और राष्ट्रीय जनता दल (राजद) के नेता मनोज झा शामिल हुए.
बैठक में केंद्रीय मंत्री प्रह्लाद जोशी, नित्यानंद राय और अजय कुमार मिश्रा, केंद्रीय गृह सचिव अजय भल्ला और खुफिया ब्यूरो के निदेशक तपन डेका भी शामिल हुए. कांग्रेस ने बैठक को औपचारिकता करार देते हुए कहा कि केंद्र को प्रदेश में शांति बहाली के लिए गंभीर पहल करनी चाहिए और मुख्यमंत्री एन बीरेन सिंह का तत्काल इस्तीफा लिया जाना चाहिए. पार्टी महासचिव जयराम रमेश ने यह भी कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को इस मामले पर चुप्पी तोड़नी चाहिए.
कांग्रेस की ओर से इस बैठक में शामिल हुए मणिपुर के पूर्व मुख्यमंत्री ओकराम इबोबी सिंह ने कहा कि बीरेन सिंह के मुख्यमंत्री रहते शांति संभव नहीं है. उन्होंने दावा किया कि बैठक में उन्हें कुछ मिनट का समय दिया गया, जबकि उन्होंने अपनी बात रखने के लिए और समय मांगा था. तृणमूल कांग्रेस के सांसद डेरेक ओब्रायन ने संवाददाताओं से कहा, 'पटना में विपक्षी दलों की बैठक के 24 घंटों के भीतर मणिपुर के विषय पर हुई सर्वदलीय बैठक में विपक्ष ने एकजुटता के साथ अपनी बात रखी.'