नई दिल्ली : हरियाणा में होली और फाग के त्योहार को लेकर लोगों में उत्साह देखा जा रहा है. होली और फाग का त्योहार रणों के रणक्षेत्र में कुछ अलग अंदाज में मनाया जाता है. होलिका दहन के दिन महिलाएं सुबह ही घर को रंग-बिरंगे फूल बिखेर कर महका देती हैं. बच्चों के लिए फलों और मेवों की कंडिया ( फलों और मेवों की माला ) बनाई जाती हैं. गांव देहात में लोग सांकेतिक रूप से लकड़ी व सूखे-घास फूंस से होलिका बनाते हैं.
हरियाणा में होली का त्योहार ( Holi festival in Haryana ) अलग अंदाज से मनाया जाता है. दिन में होलिका ( Holy 2023 ) की पूजा की जाती है. महिलाएं होलिका की पूजा कर अपने बच्चों की लंबी आयु के लिए कामना करती हैं. बच्चे गोबर के बने चांद घास-फूंस की होलिका पर डालते हैं. शाम को पूरे विधि-विधान के साथ होलिका की पूजा-अर्चना के बाद दहन किया जाता है. होली से अगले दिन फाग का त्योहार मनाया जाता है. हरियाणा में फाग का त्योहार ( Phag festival in Haryana ) मनाने का भी अनोखा तरीका है. महाभारत की भूमि के लोगों की बोली बरसाने की लठ्ठमार होली की तरह लठ्ठमार है.
बरसाने में जहां लठ्ठमार होली खेली जाती है वहीं, हरियाणा में कोरड़ामार ( Kordamar Phag ) फाग ( रंग-गुलाल से होली ) खेला जाता है. इस दिन भाभियाँ अपने देवरों को कपड़े से बने कोड़ो से खूब कट्टापा ( कोरड़ों से पिटाई करना ) उतारती हैं. सभी को पता है कि भाभी देवर का रिश्ता बेहद सम्मानीय होता है. भारतीय संस्कृति में भाभी मां सम्मान होती है. वो अपने देवरों का जहां बच्चों की तरह ख्याल रखती हैं वहीं उनसे हंसी-ठिठोली भी करती हैं. कोरड़ों के साथ साथ रंग-गुलाल से भी हरियाणा के लोग होली फाग खेलते हैं.
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फाग ( Phag) के दिन भाभियाँ रंग-गुलाल लगाने के लिए आने वाले लाडले देवरों का कोरड़ो से स्वागत करती हैं. कपड़ों को ऐंठ कर बनाए गए कोरडे़ पानी मे भीगने के बाद लठ से भी मजबूत हो जाते हैं. इन कोरडों से फिर होती है देवरों की पिटाई. हरियाणा में होली व फाग के त्योहार मनाने का ये अनोखा अंदाज है. हर साल की तरह इस साल भी होली-फाग का त्योहार हरियाणा में हर्षोल्लास के साथ मनाया जाएगा.