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Holi 2023 Beliefs! आज भूलकर भी न करें कोई शुभ कार्य,जानिए क्यों

ज्योतिषी मिश्र ने बताया कि वैदिक ज्योतिष में भी इस अवधि को अशुभ बताया गया है. जिनकी कुंडली में चंद्रमा नीच का है उन्हें इन दिनों अधिक सतर्क रहने की जरूरत है. होलाष्टक के दौरान सभी ग्रह तिथि अनुसार उग्र स्वभाव में रहते हैं. Holashtak Astrological beliefs . Holi 2023

Holashtak 2023 Beliefs
होलाष्टक की ज्योतिषीय मान्यता

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Published : Feb 25, 2023, 12:10 AM IST

Updated : Mar 7, 2023, 7:06 AM IST

ईटीवी भारत डेस्क : होली का त्योहार जैसे-जैसे नजदीक आ रहा है, होली का असर हमारे आसपास के वातावरण और बाजारों में दिखने लगा है. हर्ष,उल्लास और प्रेम का पर्व Holi 2023 इस बार 8 मार्च, बुधवार को मनाई जाएगी, लेकिन उससे पहले होलाष्टक पड़ रहा है. शास्त्रों और मान्यताओं के होलाष्टक के दौरान शुभ कार्यों को करने की मनाही है. इस साल होलाष्टक कुल 09 दिनों का होगा . आइए जानते हैं होलाष्टक 2023 के बारे में विस्तार से. Holashtak astrological beliefs .

होलाष्टक 2 शब्दों, 'होली' और 'अष्टक' से मिलकर बना है.अष्टक शब्द का अर्थ 'आठ' होता है इसलिए होली से पूर्व के आठ तिथियों की अवधि को होलाष्टक कहा जाता है. खासकर उत्तर भारत में होलाष्टक को अशुभ माना जाता है. इन आठ दिनों में विवाह, बहू या बेटी की बिदाई, गृहप्रवेश, मुंडन आदि सभी मांगलिक कार्य वर्जित होते हैं. पंचांग के अनुसार होलाष्टक फाल्गुन मास की अष्टमी से प्रारंभ होकर पूर्णिमा तक प्रभावी रहता है. साथ ही होलिका दहन के साथ ही इस होलाष्टक का समापन हो जाता है.

होलाष्टक की ज्योतिषीय मान्यता

होलिका दहन की शुरुआत :मान्यताओं के अनुसार इस दिन होली पर्व के साथ-साथ होलिका दहन की भी शुरुआत होती है. इस वर्ष होलाष्टक 27 फरवरी रात 12 बजे के बाद, अष्टमी तिथि से शुरू होगा, जो 07 मार्च, 2022 मंगलवार फाल्गुन पूर्णिमा, होलिका दहन तक रहेगा. आज होलाष्टक ( Holashtak date 27 February 2023 ) के पहले दिन से ही होलिका दहन के लिए गाय के गोबर के दो उपले ( कंडे ) स्थापित किए जाएंगे, जिनमें से एक को होलिका और दूसरे को प्रह्लाद का प्रतीक माना जाता है. इस प्रकार अंग्रेजी कैलेंडर की तारीखों के अनुसार इस साल होलाष्टक कुल 09 दिनों का होगा .

होलाष्टक 27 फरवरी

इन कारणों से वर्जित हैं शुभ कार्य
धार्मिक मान्यता के अनुसार भगवान विष्णु के परम भक्त प्रह्लाद को उसके पिता दैत्य हिरण्यकश्यप ने होलिका दहन से आठ दिन पहले कई तरह के कष्ट दिए थे. तभी से इस समय को हिंदू-धर्म में अशुभ माना जाता है. होलाष्टक के दौरान विशेष रूप से नए व्यवसाय की शुरुआत, घर का निर्माण आदि शुभ-मांगलिक कार्य नहीं करने चाहिए. साथ ही इन 8 दिनों में किए गए कार्यों में कष्ट, दांपत्य में अलगाव की संभावना बढ़ जाती है.

6-7 मार्च को मंगल-राहु उग्र
ज्योतिषी उमाशंकर मिश्र ने बताया कि वैदिक ज्योतिष में भी होलाष्टक को अशुभ बताया गया है. इसका ज्योतिषीय कारणहै कि इस दौरान सभी ग्रह तिथि अनुसार उग्र स्वभाव में रहते हैं. जैसे अष्टमी को चंद्रमा, नवमी को सूर्य, दशमी को शनि, एकादशी को शुक्र, द्वादशी को गुरु, त्रयोदशी को बुध, चतुर्दशी को मंगल और पूर्णिमा तिथि को राहु उग्र स्वभाव में रहते हैं. इन आठ ग्रहों के कुप्रभाव का असर मानव जीवन पर भी बुरा पड़ता है. जिन लोगों की जन्म कुंडली में चंद्रमा नीच का है यानी वृश्चिक राशि में है या जिनकी कुंडली में चंद्रमा छठे या आठवें भाव में है, उन्हें इन दिनों अधिक सतर्क रहने की जरूरत है. Holi 2023

होलाष्टक की ज्योतिषीय मान्यता

Disclaimer:इस लेख में दी गई सूचना सिर्फ मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. www.etvbharat.com किसी भी तरह की मान्यताओं और जानकारी की पुष्टि नहीं करता है.किसी जानकारी या मान्यता को अमल में लाने से पहले विशेषज्ञ से सलाह लें.

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Last Updated : Mar 7, 2023, 7:06 AM IST

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