हमीरपुर :राष्ट्रीय खेल हॉकी (national sport hockey) की नेशनल खिलाड़ी नेहा सिंह (Hockey national player Neha Singh) अपनी छोटी बहन नीकिता के साथ हमीरपुर के बाजार में फास्ट फूड की रेहड़ी लगा रहीं हैं. कॉलेज की पढ़ाई और खेल को बीच में ही छोड़कर नेहा परिवार का पेट पालने के लिए रेहड़ी पर इन दिनों मछली तलने का काम कर रही हैं.
कुछ महीने पहले ही पिता की तबीयत बिगड़ने के बाद वह गंभीर बीमारी से ग्रस्त हो गए, जिसके बाद परिवार की पूरी जिम्मेदारी नेहा सिंह और उनकी छोटी बहन पर आ गई है.मजबूरी इंसान से क्या-क्या नहीं करवाती है. इन दिनों राष्ट्रीय खेल हॉकी (national sport hockey) की नेशनल खिलाड़ी नेहा सिंह (Hockey national player Neha Singh) अपनी छोटी बहन नीकिता के साथ हमीरपुर के बाजार में फास्ट फूड की रेहड़ी लगा रहीं हैं.
कॉलेज की पढ़ाई और खेल को बीच में ही छोड़कर नेहा परिवार का पेट पालने के लिए रेहड़ी पर इन दिनों मछली तलने का काम कर रही हैं. कुछ महीने पहले ही पिता की तबीयत बिगड़ने के बाद वह गंभीर बीमारी से ग्रस्त हो गए, जिसके बाद परिवार की पूरी जिम्मेदारी नेहा सिंह और उनकी छोटी बहन पर आ गई है. कॉलेज की पढ़ाई और खेल के करियर को बीच में ही छोड़कर नेहा परिवार का पेट पालने के लिए रेहड़ी लगाने को मजबूर हैं.
कुछ माह पहले ही पिता की तबीयत बिगड़ने के बाद वह गंभीर बीमारी से ग्रस्त हो गए. पिता चंद्र सिंह जिस जगह पर मछली कॉर्नर चलाते थे. पिता के बीमार होने पर परिवार की पूरी जिम्मेदारी नेहा सिंह और उनकी छोटी बहन पर आ गई है. मूल रूप से मंडी के कोटली के रहने वाले इस परिवार के पास जमीन भी नहीं है, जिस वजह से हमीरपुर बाजार के बीचो बीच वह एक झुग्गीनुमा कमरे में अपने परिवार के चार अन्य सदस्यों के साथ रह रही हैं. न तो नहाने की कोई व्यवस्था है और न ही शौचालय का कोई प्रबंध.
झुग्गी में नेहा के बीमार पिता भी रह रहे हैं, जिन्हें डॉक्टर ने स्वच्छ वातावरण में रहने की सलाह दी है. झुग्गी में 5 व्यक्तियों का परिवार है, तो वहीं पिछली तरफ बने बाड़े में एक बकरी और मुर्गी रखी गयी है. नेहा के पिता पिछले कुछ समय से बीमार हैं पहले उनका मेडिकल कॉलेज हमीरपुर (Medical College Hamirpur) में उपचार हुआ उसके बाद उन्हें टांडा मेडिकल कॉलेज (Tanda Medical College) भेज दिया गया. वह कई महीनों से अब बिस्तर पर हैं और दोनों बेटियां रेहड़ी लगाकर परिवार के रोटी का भी प्रबंध कर रही हैं और पिता की दवाई का भी.
बड़ी बेटी नेहा सिंह स्कूली पढ़ाई के दौरान ही साई हॉस्टल धर्मशाला (Sai Hostel Dharamshala) के लिए चयनित हो गईं. स्पोर्ट्स अथॉरिटी ऑफ इंडिया के इस हॉस्टल में रहते हुए स्कूल के दौरान ही राष्ट्रीय स्तर की स्पर्धा में नेहा ने सिल्वर मेडल भी अपने नाम किया. उन्होंने हिमाचल की टीम की तरफ से कुल दो नेशनल हॉकी में खेले हैं. इसके अलावा पंजाब यूनिवर्सिटी से वह वेटलिफ्टिंग में भी एक नेशनल लगा चुकी हैं.
उभरती हुई इस खिलाड़ी के किस्मत को शायद कुछ और ही मंजूर था. पिता अचानक बीमार हुए तो छोटी बहन नीकिता जो प्राइवेट कॉलेज की पढ़ाई कर रही है. उसको साथ लेकर परिवार का जिम्मा संभाल लिया. छोटा भाई अंकुश है वह बाल स्कूल हमीरपुर में पढ़ रहा है.