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भारतीय हॉकी टीम ने कॉमनवेल्थ गेम्स 2022 से नाम वापस लेकर ब्रिटेन को क्यों दिया करारा जवाब ?

भारतीय हॉकी टीम ने कॉमनवेल्थ गेम्स 2022 से नाम वापस लेकर ब्रिटेन को करारा जवाब दिया है. वैक्सीन सर्टिफिकेट की मान्यता से शुरू हुए विवाद के बीच इंग्लैंड की जूनियर हॉकी ने ऐसा कदम उठाया, जिसका जवाब देना जरूरी था. जानें क्या था विवाद और भारत ने क्या किया ?

photo courtesy - Hocky India
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Published : Oct 6, 2021, 7:45 PM IST

हैदराबाद :2022 में होने वाले बर्मिंघम कॉमनवेल्थ गेम्स भारतीय महिला और पुरुष हॉकी की टीम नहीं खेलेगी. भारतीय हॉकी टीम ने बर्मिंघम 2022 कॉमनवेल्थ गेम्स से अपना नाम वापस ले लिया है. ब्रिटेन में कोविड की स्थिति और क्वारंटीन के नियमों की वजह से भारतीय टीम ने यह फैसला लिया है.

गौरतलब है कि इंग्लैंड की जूनियर हॉकी टीम ने सोमवार को नवंबर 2021 में भुवनेश्वर में होने वाले जूनियर मेन्स वर्ल्ड कप से हटने की घोषणा की थी. वर्ल्ड कप आयोजकों को इंग्लैंड ने इस फैसले के लिए भारत में कोविड की स्थिति और क्वारंटीन के नियमों का हवाला दिया था. हॉकी इंडिया ने भी अपने फैसले में ब्रिटेन के नियमों का हवाला दिया है. यानी जैसे को तैसा वाला मामला है.

ओलंपिक में ब्रॉन्ज जीतने वाली भारतीय पुरूष हॉकी टीम. photo courtesy - Hocky India

गौरतलब है कि भारत और ब्रिटेन के बीच वैक्सीन के सर्टिफिकेट को लेकर पिछले कुछ दिनों से खींचतान चल रही है. यूके ने पहले भारत की कोविशील्ड को मान्यता नहीं दी थी. ब्रिटेन की हुकूमत ने भारत के COVID-19 टीकाकरण प्रमाणपत्रों को भी मान्यता देने से इनकार कर दिया था. बाद में भारत से आने वाले सभी यात्रियों के लिए 10 दिन का क्वारंटीन अनिवार्य कर रखा है. इंग्लैंड वालों ने वैक्सीन की दोनों डोज लेने वालों को इससे छूट नहीं दी है.

भारत सरकार ने पहले ब्रिटेन के इस पॉलिसी का विरोध किया था. जब मामला बढ़ा तो भारत सरकार ने भी नए नियमों के तहत ब्रिटेन से यहां आने वाले नागरिकों के लिए 72 घंटे के भीतर वाला आरटीपीसीआर टेस्ट रिपोर्ट लाने की शर्त लगा दी. साथ ही भारत पहुंचने पर ब्रिटिश नागरिकों को पहले एयरपोर्ट पर और फिर आठवें दिन आरटी-पीसीआर टेस्ट कराने होंगे.

जब दोनों देशों में कानून बन गया है तो अड़ीबाजी भी होनी ही थी. पहला दांव अंग्रेजों ने चला और भुवनेश्वर में होने वाले जूनियर हॉकी वर्ल्ड कप से अपना नाम वापस ले लिया. फिर भारत की बारी थी. भारतीय हॉकी संघ ने उन्हीं नियमों का हवाला देते हुए कॉमनवेल्थ गेम्स 2022 को टाटा- बाय बाय बोल दिया.

हॉकी इंडिया के अध्यक्ष ज्ञानंद्रो निंगोबम ने भारतीय ओलंपिक संघ ( Indian olympic association) के अध्यक्ष नरिंदर बत्रा को लिखी चिट्ठी में यह जता दिया कि भारतीय हॉकी के लिए कॉमनवेल्थ से ज्यादा एशियाई खेल में बेहतर परफॉरमेंस जरूरी है. ज्ञानंद्रो निंगोमबम ने बताया कि एशियाई खेलों में बेहतर परफॉर्मेंस करने से भारत 2024 के पेरिस ओलिंपिक के लिए क्वॉलिफाई कर लेगा. कॉमनवेल्थ गेम्स ठीक उससे पहले होने हैं, इसलिए हॉकी इंडिया राष्ट्रमंडल खेलों के दौरान COVID-19 अनुबंधित भारतीय टीमों के किसी भी सदस्य को जोखिम में नहीं डाल सकता है. उनकी दलील में भी दम है.

2022 में बर्मिंघम में होने वाले कॉमनवेल्थ गेम्स 28 जुलाई से आठ अगस्त के बीच खेले जाएंगे. जबकि एशियन गेम्स इसके ठीक बाद 10 से 15 सितम्बर के बीच चीन के झैंग्जो में होने हैं. दोनों गेम्स के बीच सिर्फ 35 दिनों का अंतर है.

भारतीय महिला टीम. photo courtesy - Hocky India

अपनी चिट्ठी में निंगोबम ने ब्रिटेन में क्वारंटीन से जुड़े भेदभाव का भी प्रमुखता से जिक्र किया है.उन्होंने लिखा कि टोक्यो ओलिंपिक जैसे आयोजन में भी इस तरह की भेदभावपूर्ण पाबंदियां भारतीय खिलाड़ियों और अधिकारियों पर लागू नहीं थी. 10 दिन के क्वांरटीन से टीकाकरण करवाने वाले खिलाड़ियों का प्रदर्शन भी प्रभावित होगा.

फिलहाल कुल मिलाकर राष्ट्रमंडल खेल ( commonwealth games 2022) में भारतीय दल से 18 खिलाड़ी कम हो गए हैं. आने वाले समय में अगर यूनाइटेड किंगडम अपनी कोरोना सर्टिफिकेट पॉलिसी और भारतीय वैक्सीन के प्रति अपना रुख नहीं बदलता है तो शायद यह लिस्ट और छोटी हो जाए.

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