दिल्ली

delhi

ETV Bharat / bharat

HMIS Report 2021-22: भारत के इस राज्य ने कंडोम का सबसे ज्यादा किया इस्तेमाल - परिवार नियोजन

केंद्र सरकार की ओर से स्वास्थ्य प्रबंधन सूचना प्रणाली की रिपोर्ट 2021-22 जारी की गई है. इस रिपोर्ट के अनुसार, तीन राज्यों में कंडोम वितरण सबसे ज्यादा हुआ है. रिपोर्ट कहती है कि देश भर में 33.70 करोड़ कंडोम वितरित किए गए थे.

Etv Bharat
Etv Bharat

By

Published : Jan 14, 2023, 9:14 PM IST

नई दिल्ली : केंद्र सरकार कई तरह के परिवार नियोजन उपायों पर जहां जोर दे रही है, वहीं, अब सरकारी आंकड़े सामने आए हैं, जिससे पता चला है कि परिवार नियोजन उपाय के रूप में सरकार द्वारा वितरित कंडोम का उपयोग करने वाले राज्य में उत्तर प्रदेश सबसे आगे है. वहीं, इस राज्य के बाद राजस्थान, आंध्र प्रदेश और पश्चिम बंगाल कंडोम वितरण में अग्रणी राज्य बन गए हैं. ये आंकड़ा 2021-22 का है, जब देश भर में 33.70 करोड़ कंडोम वितरित किए गए थे. स्वास्थ्य प्रबंधन सूचना द्वारा जारी आंकड़ों के मुताबिक, महामारी के बावजूद, 2020-21 की तुलना में 2021-22 में कंडोम वितरण में 7.2 प्रतिशत की वृद्धि देखी गई है."

स्वास्थ्य प्रबंधन सूचना प्रणाली (HMIS 2020-21 और 2021-22) के मुताबिक, 2018-19 में 34.44 करोड़ कंडोम वितरित किए गए. इसके बाद 2019-20 में 32.01 करोड़, 2020-21 में 31.45 करोड़ और 2021-22 में 33.70 करोड़ कंडोम वितरित किये थे. आंकड़ों के मुताबिक, टॉप 10 राज्यों में सबसे पहले उत्तर प्रदेश (5.2 करोड़) और इसके बाद राजस्थान (3.7 करोड़), आंध्र प्रदेश (3.0 करोड़), पश्चिम बंगाल (2.8 करोड़), गुजरात (2.3 करोड़), मध्य प्रदेश (2.3 करोड़), महाराष्ट्र (2.0 करोड़), पंजा ब (2.0 करोड़) ), कर्नाटक (1.6 करोड़) और झारखंड (1.5 करोड़) शामिल हैं.

उल्लेखनीय है कि यह 1952 में भारत, परिवार नियोजन के लिए एक राष्ट्रीय कार्यक्रम शुरू करने वाला दुनिया का पहला राष्ट्र बना था. 2000 में पेश राष्ट्रीय जनसंख्या नीति (एनपीपी) ने न केवल जनसंख्या स्थिरीकरण के लक्ष्यों को प्राप्त करने के लिए प्रजनन क्षमता को कम करने में मदद की. जनसंख्या नियंत्रण के लिए नसबंदी (पुरुष और महिला दोनों), आईयूसीडी, इंजेक्टेबल गर्भनिरोधक (अंतरा कार्यक्रम), ओरल पिल और कंडोम कुछ प्रमुख गर्भनिरोधक उपाय हैं, जिन्हें केंद्र सरकार द्वारा बढ़ावा दिया जा रहा है.

ईटीवी भारत के पास मौजूद एचएमआईएस डेटा के अनुसार, 2021-22 में इंजेक्शन योग्य एमपीए खुराकों (अंतरा कार्यक्रम) की अधिकतम संख्या उत्तर प्रदेश (5.9 लाख) ने दर्ज की, इसके बाद पश्चिम बंगाल (4.01 लाख) और राजस्थान ( 3.15 लाख) आते हैं. सात राज्यों पर इस दौरान फोकस किया गया, जिनमें उत्तर प्रदेश (6.00 लाख), राजस्थान (3.16 लाख), बिहार (2.76 लाख), झारखंड (1.27 लाख), मध्य प्रदेश (1.06 लाख), असम (0.65 लाख) और छत्तीसगढ़ (0.25 लाख) शामिल हैं. इन राज्यों ने मिशन परिवार विकास के तहत 2021-22 में कुल इंजेक्टेबल एमपीए डोज का 64 प्रतिशत में योगदान दिया.

रिपोर्ट में कहा गया है कि 2021-22 में वितरित छाया गोलियों की संख्या 76.5 लाख थी, जबकि 2019-20 के दौरान वितरित की गई कुल 34.5 लाख पट्टियां थीं. उत्तर प्रदेश में 19.56 लाख, पश्चिम बंगाल में 10.80 लाख, झारखंड में 8.86 लाख, बिहार में 7.82 लाख, मध्य प्रदेश में 4.68 लाख, राजस्थान में 3.81 लाख, कर्नाटक में 3.13 लाख, महाराष्ट्र में 2.37, तमिलनाडु में 2.37 और गुजरात में 2.29 लाख के साथ छाया गोलियों का अधिक से अधिक प्रयोग करने वाले राज्यों में शामिल हैं.

ABOUT THE AUTHOR

...view details