भोपाल। मोहम्मद सलीम उर्फ सौरभ राजवैद्य के पिता अशोक राज वैद्य ने ईटीवी भारत से बात करते हुए बताया मेरे बेटे को इस्लाम धर्म अपनाने के लिए ब्रेनवाश करने वाले का नाम डॉक्टर कमाल है. यह वही डॉक्टर कमाल है, जो टीआईटी कॉलेज में मेरे बेटे का सीनियर था. जब मेरे बेटे की सगाई हुई तो वह उस कार्यक्रम में आया था. डॉक्टर कमाल के संपर्क में सौरभ रहने लगा तो कुछ दिन बाद ही उसकी बातचीत का तरीका बदल गया और आखिरकार एक दिन मुझे पता चला कि उसने इस्लाम धर्म को पूरी तरह से अपना लिया है. फिर भी जैसे-तैसे हमने 2014 तक उसको अपने साथ रखा और समझाते रहे, लेकिन वह नहीं माना. आखिरकार 30 अगस्त 2014 को मैंने उसे अपने घर से निकाल दिया. सौरभ उसके बाद मोहम्मद सलीम बनकर ही रह रहा है और उसकी पत्नी व बच्चे भी इस्लाम अपना चुके हैं.
बहनों से नहीं बंधवाई राखी: सौरभ राज वैद्य उर्फ मोहम्मद सलीम के पिता अशोक राज वैद्य बताते हैं कि 2010-11 में सौरव का इस्लाम के प्रति प्रेम नजर आया था. उन्होंने बताया कि क्योंकि हम सभी धर्मों का सम्मान करते हैं और इसलिए हमने कभी इस बात पर आपत्ति नहीं ली, लेकिन वर्ष 2014 के रक्षाबंधन के दिन जब सौरभ ने अपनी बहनों से राखी बंधवाने से भी इंकार कर दिया तो हमको समझ में आ गया कि इसने पूरी तरह से इस्लाम को अपना लिया. हमारी काफी बहस हुई और मैंने समझाया कि कुरान में कहीं नहीं लिखा है की हमें कट्टरपंथी होना है. मैंने उसे यह भी समझाया कि कई मुसलमान है और वह भी रक्षाबंधन का पर्व मनाते हैं, लेकिन वह नहीं माना और मैंने उसे घर से निकाल दिया.
मां बोली मैंने रोक-टोक बंद कर दी डर लगा कहीं चला ना जाए: मोहम्मद सलीम की मां बसंती जैन राज् वैद्य से भी ईटीवी भारत ने बात की तो उन्होंने कहा कि सौरव का इस्लाम के प्रति झुकाव के बारे में 2009 और 2010 के दौरान ही उन्हें पता चल गया था, लेकिन जब भी पूछती तो वहां बात करने से बचने लगा. इसके बाद मैंने सवाल जवाब करना बंद कर दिया, क्योंकि मुझे डर था कि कहीं वह घर छोड़कर ना चला जाए और हमसे बातें ना छुपाने लगे. सौरभ और उनके पिता के बीच काफी बहस होती थी. बहू भी उसके फेवर में ही बात करती थी, लेकिन वह पूरी तरह से इस्लामिक विचारों के चपेट में आ गया और 2014 में उसे घर से निकाल दिया.
हिज्ब-उत-तहरीर के सदस्यों पर CM का बयान, MP को नहीं बनने देंगे केरल स्टोरी