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ग्वालियर के ऐतिहासिक 245 साल पुराने क्राइस्ट चर्च का इतिहास जानना क्यों है जरूरी

ग्वालियर में क्रिसमस को लेकर चर्चों में तैयारियां जारी हैं. ग्वालियर के लगभग 245 साल पुराने क्राइस्ट चर्च में भी क्रिसमस की तैयारियां जोरों पर हैं. यह एक ऐसा चर्च है जिसने 1857 का विद्रोह देखा है. इस चर्च में 1857 के विद्रोह में शामिल होने वालों के नाम भी अंकित हैं. विद्रोह के दौरान ब्रिटिश अधिकारियों और उनके बच्चों की मौत के बाद उन्हें यहीं दफनाया गया था. इस चर्च के इतिहास से आज हम आपको रूबरू कराते हैं. Gwalior 245 year old Church

Gwalior historic 245 year old Christ Church
ग्वालियर ऐतिहासिक 245 साल पुराने क्राइस्ट चर्च

By ETV Bharat Hindi Team

Published : Dec 23, 2023, 5:15 PM IST

ग्वालियर ऐतिहासिक 245 साल पुराने क्राइस्ट चर्च

ग्वालियर।शहर के मुरार क्षेत्र में लगभग 245 वर्ष पूर्व ब्रिटिश आर्किटेक्चर ने एक चर्च तैयार किया था, जिसे क्राइस्ट चर्च के नाम से जाना जाता है. बताया जाता है कि उस समय मुरार क्षेत्र में ब्रिटिश आर्मी का केंटोमेंट एरिया था. जिसके अफसर इसी चर्च में प्रार्थना करने के लिए जाया करते थे. यह चर्च ब्रिटिश आर्किटेक्चर का बेहद नायाब नमूना है, जोकि बलुआ पत्थर से निर्मित किया गया है. इस चर्च का स्वामित्व पहले चर्च ऑफ इंग्लैंड के हाथों में था. जिसे बाद में चर्च एक्ट 1927 के तहत चर्च ऑफ इंडिया (सीआईपीबीसी) और इंडियन चर्च एक्ट के तहत डाइस ऑफ नागपुर को हस्तांतरित कर दिया गया. आजकल नए रंग रोगन के साथ 245 साल पुराना यह चर्च बेहद आकर्षक और लुभावना लग रहा है. Gwalior 245 year old Church

ग्वालियर के क्राइस्ट चर्च में क्रिसमस की तैयारियां
क्राइस्ट चर्च ब्रिटिश जमाने में हुआ निर्माण
1857 के विद्रोह में शामिल होने वाले लोगों के नाम भी अंकित

ब्रिटिश जमाने में हुआ निर्माण :बड़ी बात यह है कि यह चर्च ही नहीं बल्कि विश्व में सभी क्राइस्ट चर्च एक जैसे ही होते हैं, जिनकी लेफ्ट में डाइस और राइट में वेबटिज्म (बबिस्तां) करने का स्थान होता है. ये जमीन से सीधे बनाए जाते हैं, जिनमें कोई बालकनी नहीं होती. यहां की प्रॉपर्टी ऑफिसर साक्षी मसीह ने बताया कि इस चर्च का नाम क्राइस्ट चर्च है. यह चर्च 245 साल पुराना है. ब्रिटिश जमाने में इसे बनाया गया था, सोल्जरस के लिए यहां वरशिप करते थे. फिर वॉर के टाइम वो लोग इसमें मारे गए. जिनमें से कुछ इसी में वारिद हैं और कुछ ग्रेवियाद में हैं और तभी से ये संस्था चलाई जा रही है. Gwalior 245 year old Church

ब्रिटिश जमाने में हुआ निर्माण
ग्वालियर में 245 साल पुराने क्राइस्ट चर्च का इतिहास
इस चर्च ने 1857 का विद्रोह देखा

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ये है कार्यक्रम की रूपरेखा :साक्षी मसीह बताती हैं कि यहां के फादर विसभ एचएन मसीह की दो साल पहले डेथ हो गई. उसके बाद मेरी मॉम प्रॉपर्टी ऑफिसर थीं. उनकी भी दो महीने पहले डेथ हो गई. अब उनकी जगह पर ये जिम्मेदारी मुझे दी गई है. यहां क्रिसमस को लेकर तैयारियां जारी हैं. चर्च के कार्यक्रम के अनुसार शाम के समय सबसे पहले केरोल सर्विस होगी. उसके बाद 24 को नाइट सर्विस है, जो शाम को 9 बजे से 12 बजे तक की जाएगी. उसके बाद केक कटिंग की जाएगी. 25 दिसंबर को सुबह 9 बजे से 1 बजे तक चर्च सर्विस की जाएगी. इस दौरान हर्षो उल्लास के साथ विभिन्न कार्यक्रम भी किए जायेंगे. जिसमें हर उम्र और वर्ग के लोग सहभागी होंगे. Gwalior 245 year old Church

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