नई दिल्ली : साल का हर दिन किसी न किसी घटना के गवाह के तौर पर इतिहास के पन्नों में दर्ज है, लेकिन 24 जनवरी के दिन को इस बात का मलाल रहा होगा कि वह सागर सी गहरी और झील सी ठहरी आवाज के शांत होने का साक्षी क्यों बना. 24 जनवरी 2011 को भारतीय शास्त्रीय संगीत के सबसे सशक्त और सुरीले हस्ताक्षर भारत रत्न पंडित भीमसेन जोशी ने अंतिम सांस ली. ऐसा लगा मानों मां सरस्वती की वीणा का एक तार टूट गया.
'मिले सुर मेरा तुम्हारा' को अपनी आवाज देकर हर देशवासी को एक सूत्र में पिरोने का सुरीला संदेश देने वाले पंडित जोशी की गायकी ने किराना घराने की गायकी को एक नया मुकाम बख्शा. ख्याल गायकी में महारत के साथ साथ उन्होंने कई रागों के संयोजन से नए रागों की रचना भी की. पंडित जोशी जैसे नगीनों ने ही भारतीय शास्त्रीय संगीत को इतना चमकदार बनाया है कि आज हम इसपर गर्व करते हैं.
देश दुनिया के इतिहास में आज की तारीख पर दर्ज अन्य महत्वपूर्ण घटनाओं का सिलसिलेवार ब्यौरा इस प्रकार है:-
1556 :चीन के शानसी प्रांत में भूकंप से आठ लाख से अधिक लोगों की मौत.
1826 : पहले भारतीय बैरिस्टर ज्ञानेन्द्र मोहन टैगोर का जन्म
1857 :कलकत्ता विश्वविद्यालय की स्थापना.
1937 : बल्गारिया और युगोस्लाविया ने मैत्री संधि पर हस्ताक्षर कर लंबे समय से चली आ रही दुश्मनी को खत्म किया.
1950 :'जन गण मन...' को भारत के राष्ट्रगान के रूप में स्वीकार किया गया. राजेन्द्र प्रसाद भारतीय गणराज्य के प्रथम राष्ट्रपति निर्वाचित हुए.
1951 : प्रेम माथुर कमर्शियल लाइसेंस हासिल करने वाली पहली महिला पायलट बनीं.