पटना : बिहार शरीफ व्यवहार न्यायालय के किशोर न्याय परिषद के प्रधान दंडाधिकारी मानवेंद्र मिश्रा ने सोमवार को ऐतिहासिक फैसला सुनाया है. नाबालिग लड़की को भगा कर शादी करने और शारीरिक संबंध बनाने के आरोपी किशोर के खिलाफ पर्याप्त साक्ष्य थे. बावजूद इसके उन्होंने आरोपी को दोष मुक्त करते हुए, नाबालिग पति-पत्नी को साथ रहने का फैसला सुनाया. ताकि उनके 6 माह के नवजात शिशु का पालन पोषण प्रभावित ना हो.
जज ने सुनाया ऐतिहासिक फैसला
मानवेंद्र मिश्रा ने कहा कि सजा देने से तीन नाबालिग जिंदगी प्रभावित होगी. मामला हिलसा थाना इलाके के एक गांव का है, जहां सरस्वती पूजा में शामिल होने गयी किशोरी अपने प्रेमी के साथ फरार हो गयी थी. इसके बाद किशोरी के पिता ने 11 फरवरी 2019 को गांव के ही एक किशोर पर अपहरण का मामला हिलसा थाने में दर्ज कराया था.
महज 3 दिनों में फैसला
गांव से भागकर दोनों दिल्ली चल गए थे, जहां आरोपी किशोर अपनी मौसी के यहां रह रहा था. इसी बीच उसे पता चला कि किशोरी के पिता ने थाने में मामला दर्ज कराया है. इसके बाद वह गांव लौट आया. गांव लौटने की सूचना मिलते ही पुलिस ने आरोपी किशोर को न्यायालय के सुपुर्द कर दिया. जहां से उसे सेफ्टी होम शेखपुरा भेज दिया गया. अभी वह सेफ्टी होम में ही रह रहा है.